मोदी की भूमि अधिग्रहण नीति किसान विरोधी : गोविंदाचार्य
राष्ट्रीय विचारक केएन गोविंदाचार्य ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की भूमि अधिग्रहण नीति किसान विरोधी है। यह नीति पूर्व की यूपीए सरकार की नीति से ज्यादा घातक है। गलत नीतियों से जल, जंगल, जमीन व जानवरों पर खराब असर पड़ रहा है। कहा, बाजारवादी सोच से गरीब,
लखनऊ। राष्ट्रीय विचारक केएन गोविंदाचार्य ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की भूमि अधिग्रहण नीति किसान विरोधी है। यह नीति पूर्व की यूपीए सरकार की नीति से ज्यादा घातक है। गलत नीतियों से जल, जंगल, जमीन व जानवरों पर खराब असर पड़ रहा है। कहा, बाजारवादी सोच से गरीब, वंचित व किसानों का भला नहीं होगा।
सपने दिखा रही सरकार
गोविंदाचार्य आज वाराणसी में वरुणा नदी किनारे लाल बहादुर शास्त्री घाट पर भूमि अधिग्रहण नीति विरोधी आंदोलन के समर्थन में आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे। बोले, केंद्र सरकार ने एक सौ स्मार्ट सिटी बसाने की योजना बनाई है। वह बुलेट ट्रेन चलाने का सपना दिखा रही है लेकिन सवाल यह है कि आम आदमी की जरूरत क्या है। वर्तमान में जो ट्रेनें संचालित हैं उसके सामान्य बोगी में शुद्ध पानी व साफ शौचालय की दरकार है। दो वक्त की रोटी व सिर पर छत का अधिकार हर नागरिक का है जिससे लाखों वंचित हैं। कुपोषण से लडऩे के लिए अनाज की जरूरत है और वर्तमान केंद्र सरकार की नीतियां किसान विरोधी है। किसानों की जमीनों का अधिग्रहण कर उद्योग धंधे लगाए जा रहे हैं।
किसान कर रहे आत्महत्या
कभी भाजपा के थिंक टैंक रहे गोविंदाचार्य ने कहा कि गांवों में बुनियादी सुविधा बढ़ाने की जरूरत है। किसानों के हितों को ध्यान में रख नीतियां बनाई जाएं ताकि उनकी खेती-बाड़ी फले-फूले। इस देश में इससे शर्मनाक क्या हो सकता है कि बीते वर्षों में करीब ढाई लाख किसानों ने आत्महत्या कर ली है। सभा में राजेंद्र यादव, विजय कुमार, गिरीश शर्मा, अमेरिका यादव, रमा उदल, सागर यादव, जयशंकर सिंह आदि ने विचार व्यक्त किए। अध्यक्षता विनय शंकर पांडेय व संचालन विनय शंकर राय ने की।