तेल चोरी में थमते चले गए कार्रवाई के कदम
प्रशासन के निर्देश पर घटतौली न पकड़े जाने की स्थिति में पंप संचालकों व कर्मचारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराए जाने की प्रकिया भी थम गई।
लखनऊ (आलोक मिश्र)। राजधानी में इलेक्ट्रानिक चिप के जरिए पेट्रोल पंपों पर तेल चोरी का बड़ा राजफाश हुआ था। पड़ताल हुई तो इसकी आग पूरे प्रदेश में फैली। अन्य राज्यों तक में कार्रवाई के कदम बढ़े लेकिन प्रदेश में इसके अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आ सके।
एसटीएफ व प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई के तहत 27 अप्रैल को जब राजधानी के सात पेट्रोल पंपों पर छापेमारी की गई, तो इलेक्ट्रानिक चिप के जरिए तेल चोरी के बड़े घपले का राजफाश हुआ, जिससे सूबे के पेट्रोल पंप संचालकों से लेकर तेल कंपनियों व बाट-माप विभाग के अधिकारियों की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई।
शुरू हुई कार्रवाई पेट्रोल पंप संचालकों की कुछ घंटे की हड़ताल के प्रभाव से थम सी गई। चिप तो पकड़ी गईं लेकिन घटतौली सामने आना बंद हो गई। प्रशासन के निर्देश पर घटतौली न पकड़े जाने की स्थिति में पंप संचालकों व कर्मचारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराए जाने की प्रकिया भी थम गई।
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18 को नहीं पकड़ सकी पुलिस: पेट्रोल पंपों पर चिप के जरिए तेल चोरी के मामले में एसएसपी ने 30 अप्रैल को एएसपी क्राइम के निर्देशन में एसआइटी गठित की। दल को अलग-अलग थानों में दर्ज कराए गए मुकदमों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी। सभी थानों के एसएसआइ एसआइटी में शामिल किए गए। दावों के बावजूद पुलिस सात पंप संचालकों साहित 18 आरोपितों को नहीं पकड़ सकी।
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