मेरठ में दबोचा गया सेना की जासूसी करने वाला पाकिस्तानी ISI एजेंट
यूपी एसटीएफ ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के एक जासूस एजाज़ अहमद को मेरठ से गिरफ़्तार कर लिया।
लखनऊ। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने भारतीय सेना की जासूसी कर महत्वपूर्ण सूचना पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ को उपलब्ध कराने वाले पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद इजाज उर्फ मोहम्मद कलाम को मेरठ से शुक्रवार की दोपहर गिरफ्तार कर लिया। इजाज पाकिस्तान के इस्लामाबाद के इरफानाबाद स्थित तरामडी चौक का मूल निवासी है। वह वर्ष 2014 से बरेली के शाहाबाद स्थित 457 दीवान खान में किराये पर रह रहा था।
एसटीएफ आइजी सुजीत पाण्डेय ने शुक्रवार को पत्रकारों को इस गिरफ्तारी की जानकारी दी। दैनिक जागरण ने 16 अक्टूबर के अंक में 'सैन्य क्षेत्रों में नेटवर्क बना रही आइएसआइÓ शीर्षक से प्रकाशित खबर में आइएसआइ की गतिविधियों का राजफाश किया था। आइजी ने बताया कि पाकिस्तानी आइएसआइ एजेंट के कब्जे से भारतीय सेना से संबंधित गोपनीय दस्तावेज, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया का एटीएम कार्ड, पाकिस्तानी पहचान पत्र, कई सिम, लैपटाप, पैन ड्राइव, पश्चिम बंगाल में बना फर्जी वोटर कार्ड, बरेली के पते पर बना फर्जी आइ कार्ड और दिल्ली मेट्रो का ट्रेवलर कार्ड बरामद किया गया है।
मेरठ से जा रहा था दिल्ली
एसटीएफ को पता चला कि इजाज मेरठ के कैंट स्टेशन पहुंचकर वहां से भारतीय सेना के राष्ट्रीय महत्व के प्रतिबंधित दस्तावेज के साथ दिल्ली जाने वाला है। एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक, एएसपी शैलेन्द्र श्रीवास्तव और डीएसपी अनित कुमार की टीम ने कैंट स्टेशन के पास से इजाज को दोपहर ढाई बजे गिरफ्तार कर लिया।
तीन वर्ष पहले आइएसआइ से संपर्क
पूछताछ में इजाज ने बताया कि वह वर्ष 2012 में आइएसआइ के संपर्क में आया। दरअसल, उसके परिवार में वीडियोग्राफी का काम होता है और वह खुद इस कार्य में दक्ष है। पाकिस्तान एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर में ड्राइवर रहे उसके पिता का 2004 में निधन हो गया। इसके बाद पारिवारिक जिम्मेदारी आ गयी। आइएसआइ ने उसकी मजबूरी का लाभ उठाया और प्रशिक्षित कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के सैन्य क्षेत्रों में जासूसी के लिए लगाया।
कोलकाता में बना फर्जी पहचान पत्र : इजाज को मोहम्मद कलाम नाम से बने पाकिस्तानी पासपोर्ट पर 31 जनवरी 2013 को ढाका भेजा गया। ढाका में प्रोवीन नाम के एक व्यक्ति ने उसका पासपोर्ट ले लिया और उसे नदी के रास्ते भारत-बांग्लादेश सीमा पार करा दी। वह प्रोवीन के साथ नौ फरवरी 2013 को पश्चिमी बंगाल के इरशाद साऊथ 24 परगना के मटीया बुजुर्ग स्थित घर पहुंचा। इरशाद और उसके बेटे अशफाक ने कोलकाता के कसाईपाड़ा निवासी अपने एक रिश्तेदार जहांगीर के माध्यम से फर्जी पहचान पत्र के जरिये सेंट्रल बैंक आफ इंडिया में खाता खुलवाया। वहां रईस नामक व्यक्ति के साथ यह वीडियो फोटोग्राफी का काम करने लगा।
आरा की आसमां से कराया निकाह : रईस ने बिहार के आरा निवासी शमसेर की पुत्री आसमां से इजाज का अक्टूबर 2014 में निकाह कराया। इजाज करीब दो माह तक आरा में रहा और फिर अपने मिशन के तहत बरेली आ गया और दिखावे के लिए वीडियोग्राफी का काम करने लगा। इसी दौरान किसी दलाल के जरिये उसने मोहम्मद कलाम के नाम व बरेली के शाहाबाद के पते पर बने भारतीय पहचान वाला आधार कार्ड फर्जी तरीके से बनवा लिया। इजाज के खिलाफ मेरठ के सदर बाजार थाना क्षेत्र में अभियोग पंजीकृत कराकर कार्रवाई की जा रही है।