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उदय प्रताप कालेज को 50 हजार डालर देने की घोषणा

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा के करीबी व मार्टिन लूथर किंग पुरस्कार से सम्मानित अमेरिकी उद्योगपति फ्रैंक इस्लाम दोपहर उदय प्रताप कालेज पहुंचे। यहां उन्होंने अध्ययन किया है। उन्होंने इस कालेज को 50 हजार डालर देने की घोषणा की। इससे कालेज में आइटी वर्क समेत अन्य कार्य कराए जाएंगे। इस्लाम

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 29 Jan 2015 09:58 AM (IST)Updated: Thu, 29 Jan 2015 04:02 PM (IST)
उदय प्रताप कालेज को 50 हजार डालर देने की घोषणा

लखनऊ। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा के करीबी व मार्टिन लूथर किंग पुरस्कार से सम्मानित अमेरिकी उद्योगपति फ्रैंक इस्लाम दोपहर उदय प्रताप कालेज पहुंचे। यहां उन्होंने अध्ययन किया है। उन्होंने इस कालेज को 50 हजार डालर देने की घोषणा की। इससे कालेज में आइटी वर्क समेत अन्य कार्य कराए जाएंगे। इस्लाम ने अमेरिका में पढ़ रहे उदय प्रताप कालेज के छात्रों का एक संघ बनाने की घोषणा की।

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फ्रैंक इस्लाम आतंकवाद के मामले में पाकिस्तान के रुख से खासे चिंचित हैं। उनका मानना है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।अपने गृह जनपद वाराणसी में कल अमेरिकी उद्योगपति फ्रैंक इस्लाम ने परिवार के लोगों से मुलाकात की। इस दौरान फ्रैंक इस्लाम मीडिय़ा से भी मिले। उन्होंने पाकिस्तान में पेशावर की घटना में बेकुसूर ब'चों की मौत पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला पाकिस्तान खुद आतंकवाद से जूझ रहा है। उसे इससे किनारा करना होगा तभी उसका विकास संभव है। इस्लाम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि मोदी ने गुजरात में बहुत विकास किया है। अब श्री मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं तो जाहिर है कि पूरे भारत के साथ अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का भी विकास करेंगे। नरेंद्र मोदी का प्रयास है कि भारत के व्यापार बढ़ोत्तरी में अमेरिका सहयोग करे। नई दिल्ली में मुलाकात के दौरान मोदी ने स्व'छ गंगा व स्व'छता अभियान के बारे में विस्तार से बताया था। इससे संस्कृति और संस्कार के प्रति उनकी सकारात्मक सोच साफ झलकती है।

फ्रैंक इस्लाम ने कहा कि वह वाराणसी के साथ ही आजमगढ़ में विकास के हर काम को करने में हर संभव मदद को तैयार है। उन्होंने कहा कि इन दोनों जगह पर अब आइटी हब बनेगा। इसके लिए वह पूरी मदद करेंगे। जहां से भी और जैसे भी हो इस काम को कराया जाएगा। इसके लिए उन्होंने कई तरह की योजनाएं भी बना रखी हैं, जिनको वक्त आने पर अमलीजामा पहनाया जाएगा।

परिवार में तो भाई बोलते हैं हिंदी

भाई फ्रैंक इस्लाम के स्वागत के लिए रोम (इटली) से आईं छोटी बहन अराइश कमर ने बताया कि भाई फ्रैंक परिवार में हम लोगों से हिंदी में ही बात करते हैं। हालांकि उनकी हिंदी बोलने की आदत छूट चुकी है इसलिए वह बेहद टूटी फूटी हिंदी बोल पाते हैं।


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