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NIA को बड़ी कामयाबी, हरदोई से संदिग्ध आतंकी कासमी गिरफ्तार

एनआइए टीम ने हरदोई-लखनऊ मार्ग पर संडीला से संदिग्ध आतंकी गतिविधियों पर युवक अब्दुल समी कासमी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। मूल रूप से रामपुर का रहने वाला कासमी अब दिल्ली के सीलमपुर में रह रहा था।

By Ashish MishraEdited By: Published: Sat, 06 Feb 2016 01:11 PM (IST)Updated: Sat, 06 Feb 2016 08:38 PM (IST)

लखनऊ। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ((एनआईए) टीम ने लखनऊ एटीएस के साथ हरदोई लखनऊ मार्ग पर संडीला से संदिग्ध आतंकी गतिविधियों पर युवक अब्दुल समी कासमी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। कासमी मूल रूप से रामपुर का रहने वाला है और दिल्ली के सीलमपुर में रह रहा था। आतंकवादी संगठन बनाने और देश में आतंकी हमलों की साजिश में शामिल होने के आरोप में एनआईए की विशेष कोर्ट ने उसके विरुद्ध गैर वारंट जारी किया था। टीम उसे लखनऊ और फिर दिल्ली ले गई। हरदोई में अधिकारिक रूप से पूरे मामले की पुष्टि तो नहीं की गई लेकिन पुलिस अधिकारियों ने गिरफ्तारी की बात स्वीकार की है।

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दरअसल 1993 में कानपुर ट्रेन में बम विस्फोट का आरोपी तुफैल संडीला का रहने वाला है जो कि अब तक फरार है। संडीला कताई मिल चौकी के आसपास कल दोपहर को ही एनआईए टीम ने डेरा डाल दिया था। कासमी के सड़क मार्ग से लखनऊ की तरफ जाने की सूचना मिली थी। एटीएस के साथ एनआईए टीम भी थी। मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार हरदोई की तरफ से काले रंग की कार आती दिखी। टीम के सदस्यों ने सड़क पर ट्रक खड़ा कर उसे रोक लिया और कार सवार सभी चार लोगों को कब्जे में ले लिया। बाद में तीन को छोड़ दिया गया और एक को लखनऊ लेकर चली गई। शुरुआत में मामला दबा रहा, लेकिन लखनऊ और फिर दिल्ली तक बात पहुंचने पर पूरी हकीकत सामने आई।

पुलिस के अनुसार एनआईए ने जिसे गिरफ्तार किया है वह मूल रूप से रामपुर के बिलासपुर थाना क्षेत्र के हरितापुर निवासी समी कासमी उर्फ शमीउल्ला है। शमीउल्ला पर आतंकवादी संगठन बनाने और देश में आतंकवादी हमलों की साजिश में शामिल रहने का आरोप है। उसके विरुद्ध आफीशियल सीक्रेट एक्ट का भी मामला दर्ज है। दिल्ली की विशेष एनआईए कोर्ट ने वारंट जारी किया था। जिसके बाद से एनआईए उसकी तलाश कर रही थी। बताते हैं कि शनिवार को टीम ने उसे दिल्ली की एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया।

पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार का कहना है कि हरदोई से कोई मामला जुड़ा नहीं है। अदालत से जारी वारंट पर एनआईए उसकी तलाश कर रही थी और हरदोई से लखनऊ के बीच उसे गिरफ्तार कर लिया।

कासमी की तकरीर से ही प्रेरित हुए आइएस आतंकी

एटीएस और एनआइए के साझा अभियान में हरदोई के संडीला से पकड़े गये मुफ्ती अब्दुल समी कासमी के इरादे बेहद खतरनाक हैं। आइएसआइएस के नेटवर्क से गहराई तक जुड़े कासमी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली में तबाही मचाने की पृष्ठभूमि तैयार की थी। हाल ही में देश व्यापी अभियान में पकड़े गये आइएस से जुड़े 12 आतंकियों ने रिमांड के दौरान पूछताछ में यह सच उजागर किया। यह भी सच है कि कासमी की तकरीर से ही देश विरोधी गतिविधि के लिए ये आतंकी प्रेरित हुए। समी देश स्तर पर एक बड़ा जेहादी संगठन तैयार करने में जुटा था। रामपुर के अजीमनगर निवासी अब्दुल समी कासमी ने दिल्ली के वैल्कम, सीलमपुर में ठिकाना बनाया। वजीराबाद में मौलाना के रूप में 50 वर्षीय समी कासमी ने भड़काऊ भाषण और वेबसाइट पर आइएस समर्थित तकरीरों का संकलन कर युवाओं को निरंतर गुमराह किया। प्रौढ़ उम्र और प्रभावी ढंग से बात कहने की क्षमता के चलते मौलाना ने युवाओं को अपने सांचे में ढालने का काम किया। सूत्र बताते हैं कि तीन-चार मुलाकातों में ही समी जेहाद के नाम पर 18 से 28 वर्ष के युवाओं के दिल दिमाग में नफरत का जहर भर देता है। उसने खुद एक बड़ी चेन तैयार की है।

कासमी की सच्चाई जानने दिल्ली गयी टीम

अब्दुल समी कासमी की करतूतों के बारे में पूछे जाने पर आइजी एटीएस असीम अरुण का कहना है कि वह एनआइए का वांछित था और हमारी टीम ने गिरफ्तारी में मदद की। उसके बारे में अभी हमने कोई जानकारी नहीं ली और न ही पूछताछ हो सकी लेकिन एसपी रोहन पी. कनय के साथ टीम पूछताछ के लिए भेजी है। सभी बिंदुओं पर एटीएस टीम उससे पूछताछ करेगी। एटीएस टीम उत्तर प्रदेश में समी से जुड़े युवाओं और उसके नेटवर्क की भी पड़ताल करेगी।

इंटरनेशनल संपर्क और शफी अरमर से रिश्ता

सुरक्षा एजेंसियों ने अब तक की पूछताछ में यह पाया कि अब्दुल कासमी लगातार देश व्यापी दौरे पर रहता है। वह धार्मिक पुस्तकों के हवाले से युवाओं को गुमराह करता है। उसके पास तर्क शक्ति है और वह बात सिद्ध करने की भी अद्भुत क्षमता रखता है। इंटरनेट के जरिए उसके इंटरनेशनल संपर्क हैं। अब इन संपर्कों की पड़ताल होगी। आइएसआइएस के इंडिया हेड शफी अरमर से भी उसके रिश्ते हैं। अब जांच एजेंसी इस बात की पड़ताल में लगी है कि उसके पास पैसे कहां से आये।

नेपाल कनेक्शन की पड़ताल

आइएस से जुड़े दर्जन भर आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद नेपाल के पोखरा में हुई एक खास बैठक में अब्दुल समी के शिरकत करने के संकेत मिले हैं। उस बैठक में प्रतिक्रिया स्वरूप दोबारा उत्तर प्रदेश को दहलाने की साजिश भी रची गयी थी। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में कहां तक सच्चाई है, इसकी छानबीन की जा रही है। कासमी को पुलिस रिमांड पर लेने के बाद इसका राजफाश होगा।


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