कर्जमाफी किसानों के साथ धोखा, नई मेट्रो रेल नीति जनविरोधी : मायावती
बसपा अध्यक्ष मायावती ने नई मेट्रो रेल नीति को जनविरोधी करार दिया है। उन्होंने पूर्ण कर्जमाफी न करने को किसानों से विश्वासघात बताया।
लखनऊ (जेएनएन)। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने केंद्र सरकार की नई मेट्रो रेल नीति का विरोध करते हुए जनविरोधी करार दिया है। गुरुवार को जारी बयान में उन्होंने पूर्ण कर्जमाफी न करने को किसानों से विश्वासघात बताया। मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में खासकर कानपुर, वाराणसी व इलाहाबाद में मेट्रो रेल की स्थापना मुश्किल ही नहीं, असंभव है। लखनऊ में मेट्रो रेल विस्तार पर भी संकट के बादल छाये हैं। बदतर जन परिवहन की व्यवस्था को सुधारने के लिए वर्ष 2002 में दिल्ली में मेट्रो रेल परियोजना शुरू की गयी थी, जिसमें केंद्र सरकार मदद करती थी लेकिन, मोदी सरकार ने जनहित के कार्य से मुंह मोड़ते हुए स्वयं को अलग करने का फैसला लिया है। नई मेट्रो नीति में सरकार अपनी जिम्मेदारी से हाथ खींचकर पूंजीपति और धन्नासेठों की भागीदारी देने जा रही है। इससे न केवल मेट्रो का विस्तार रुकने की आशंका है वरन आम आदमी की मुश्किलें बढऩे की संभावना भी बढ़ जाएगी।
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मायावती ने कहा कि मोदी सरकार का जनविरोधी रवैया अति निंदनीय है। उन्होंने किसानों की कर्जमाफी योजना की आलोचना करते हुए कहा कि सभी लघु व सीमांत किसानों को फसली ऋण माफ नहीं करने से भाजपा ने लाखों किसानों से विश्वासघात किया है। चुनाव में लोक कल्याण संकल्प पत्र के जरिए किसानों से किया वादा पूरा नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है। बसपा प्रमुख ने गांवों में रोजगार के अवसर पैदा करने वाली मनरेगा और शिक्षा के अधिकार में केंद्रीय अंशदान की कटौती करने पर भी केंद्र सरकार को घेरा। आरोप लगाया कि हर मामले में उपकर लगाकर सरकार राज्यों को कंगाल बनाने का काम कर रही है। हर योजना में प्रधानमंत्री के नाम को जोड़कर विज्ञापनों में उनकी वाहवाही का रास्ता तलाशा गया है।
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