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मुलायम सिंह को पत्र लिखने वाले एमएलसी उदयवीर पार्टी से बाहर

राज्य कार्यकारिणी के लगभग सभी पदाधिकारियों ने उदयवीर सिंह के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव पास किया । माना जा रहा है अब मुलायम सिंह के खिलाफ कोई भी टिप्पणी करने वालों पर एक्शन होगा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 22 Oct 2016 03:15 PM (IST)Updated: Sat, 22 Oct 2016 09:09 PM (IST)
मुलायम सिंह को पत्र लिखने वाले एमएलसी उदयवीर पार्टी से बाहर

लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। समाजवादी पार्टी केमुखिया मुलायम सिंह यादव को सवालों के घेरे में खड़ा करने वाला पत्र लिख चुके एमएलसी उदयवीर सिंह आज छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिए गए। दिन में हुई राज्य कार्यसमिति में उनके खिलाफ कार्रवाई की आवाज उठी तो प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। समाजवादी परिवार में महासंग्राम शुरू होने के बाद कार्रवाई की जद में आने वाले वह पांचवें एमएलसी हैं।

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मैनपुरी-एटा प्राधिकारी क्षेत्र से एमएलसी व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के छात्र दिनों के दोस्त उदयवीर ने 18 अक्टूबर को मुलायम सिंह को चार पेज का पत्र लिखा था जिसमें महासंग्राम के पीछे मुलायम की पत्नी, छोटी पुत्रवधू, छोटे बेटे और भाई की भूमिका बतायी गई और शिवपाल यादव को इन सबका राजनीतिक चेहरा बताया गया था। इल्जाम सीधे सपा मुखिया पर था। पत्र सार्वजनिक होते ही उदयवीर पर कार्रवाई की उम्मीद जतायी जा रही थी मगर चार दिनों तक खामोशी रही। शनिवार को पार्टी की राज्य कार्यसमिति की बैठक में शामिल 75 से अधिक सदस्यों ने एक सुर से मुलायम के व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी बातों पर टिप्पणी करने वाले पार्टी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव रखा। इस पर निंदा प्रस्ताव पास किया गया। प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने अपने घर में मौजूद मुलायम सिंह को इसकी जानकारी दी जिसके कुछ देर बाद ही उदयवीर को निष्कासित करने का निर्णय हो गया। सपा प्रवक्ता दीपक मिश्र ने बताया कि मुलायम के विरुद्ध अशोभनीय टिप्पणी करने के इल्जाम में फीरोजाबाद निवासी व एमएलसी उदयवीर सिंह निकाले गए।

अनुशासनहीनता नहीं सहेंगे

शिवपाल यादव ने कहा कि मुलायम सिंह यादव पर अमर्यादित टिप्पणी करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है, वह चाहे कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो। एमएलसी उदयवीर सिंह ने कहा कि मैंने मुलायम को परिवार का संरक्षक और मुखिया मानकर सच्चाई बताने वाला पत्र लिखा था। मैं अपने स्टैंड पर कायम हूं। कार्रवाई से मुझ पर कोई फर्क नहीं पड़ता। गालियां देने वाले पार्टी के अंदर हैं और पत्र लिखकर सच बताने वाले बाहर। मुख्यमंत्री से जब चाहूंगा, तब मुलाकात हो जाएगी। सुनील यादव साजन, संजय लाठर, आनंद भदौरिया, अरविंद यादव और उदयवीर सिंह एमएलसी निकाले जा चुके हैं।

कई और ने लिखा पत्र

परिवार में महासंग्र्राम के दौरान यूं तो पत्र कई कार्यकर्ताओं ने लिखे। कुछ ने सुलह पर जोर दिया, लेकिन जो पत्र सार्वजनिक हुए उनमें एमएलसी आशीष यादव द्वारा सपा महासचिव प्रो.राम गोपाल यादव पर शराब व भू-माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया गया था। एमएलसी आशु मलिक ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर उदयवीर की टिप्पणी पर एतराज जताया था।

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उदयवीर का लेटर बम

वर्ष 2012 में अखिलेश जी कहते थे कि मुख्यमंत्री आप (मुलायम) बनेंगे और आप अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। यह बात आप दोनों के बीच थी, लेकिन जैसे ही यह चर्चा सामने आई तो अखिलेशजी के खिलाफ घर में षडयंत्र शुरू हो गया। अखिलेश जी की सौतेली मां तो सामने आयीं नहीं, लेकिन उनका राजनीतिक चेहरा बनकर शिïवपाल ने पार्टी के नेताओं से संपर्क कर निर्णय रुकवाने की हर संभव कोशिश की। पारिवारिक ईष्र्या से ऊर्जा प्राप्त शिवपाल की महत्वाकांक्षा तभी से अखिलेश यादव का पीछा कर रही है। शिवपाल ने कई बार अखिलेश का सार्वजनिक मजाक उड़ाया जैसे कि-लड़का है, उत्तर प्रदेश को विदेश बनाना चाहता है। समय के साथ आपकी पत्नी, पुत्र व पुत्रवधू और आपके भाई के साथ उनके रिश्तेदार, ठेकेदार जुड़ते गए और मुख्यमंत्री के खिलाफ षडयंत्र रचते रहे। आपने इन लोगों के दबाव में कई बार मुख्यमंत्री को अपमानित किया। इस गैंग को एक चतुर चालबाज की जरूरत थी, यह भूमिका अमर सिंह से बेहतर कौन निभा सकता था, इस कमी को आपने पूरा कर दिया।

यहां तक कि आपने कई बार मुख्यमंत्री को उनके मंत्रियों के सामने डांटा ही नहीं अपशब्द भी कहे। एक सामान्य व्यक्ति भी इस तरह का आचरण अपने नाकारा पुत्र से भी नहीं करता। आपको तो पुत्र की सफलता पर प्रसन्न होना चाहिए था, मगर ऐसा नहीं हुआ। हम इस सौतेले व्यवहार का कारण आप पर पारिवारिक दबाव, षडयंत्र और एक तरफा सूचना को मानते हैं। जब मुख्यमंत्री लोकप्रियता के मामले में नंबर एक थे, उसी समय पार्टी की लड़ाई को सड़क पर ला दिया गया। यह रार किसी सियासी घटनाक्रम के तहत नहीं आयी। शिवपाल यादव ने स्वयं एक दिन चुना और सार्वजनिक रूप से पार्टी के लोगों पर कार्रवाई की मांग और अपने इस्तीफे की पेशकश कर डाली। इसी समय मुख्यमंत्री से दो घंटे की मुलाकात के बाद अमर सिंह का बयान आया कि मुख्यमंत्री समय नहीं देते। इसके बाद मुख्यमंत्री की हर बात को गलत साबित किया जा रहा है।

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आपसी भरोसा टूटा

प्रदेश इकाई के पदाधिकारी, निष्कासित युवा ब्रिगेड के पार्टी कार्यालय जाने पर रोक और मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग से पूर्व ही प्रत्याशियों की सूची जारी करके उनको कमजोर दिखाने का मौका नहीं छोड़ा गया। इसके साथ ही भारी तंत्र-मंत्र, पूजा-पाठ और जादू टोना कराने की आम खबरों से स्पष्ट है कि आप लोगों के रिश्तों में कुछ भी आ जाए, आपसी भरोसा आना या तो संभव नहीं है या फिर इसमें बहुत समय लगेगा।

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नेताजी तक सही बात नहीं पहुंच रही : उदयवीर

समाजवादी पार्टी से छह वर्ष तक के लिए बर्खास्त विधान परिषद सदस्य उदयवीर सिंह ने कहा कि अखिलेश जी मुख्यमंत्री हैं और मैं विधायक। मुझे पार्टी के बर्खास्तगी का अफसोस नहीं है। मैं मुख्यमंत्री के साथ हूं और रहूंगा,अखिलेश जी मुख्यमंत्री, मैं विधायक हूं। उन्होंने कहा कि पार्टी से बर्खास्तगी का कोई अफसोस नही है।

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नेताजी (मुलायम सिंह यादव) को लिखी गई चिट्ठी पर मैं अब भी कायम हूं। पार्टी में नेताजी तक सही बात नहीं पहुंच रही। मुझे बर्खास्तगी की कार्रवाई पर अफसोस नहीं है।नेताजी को गाली देने वाले पार्टी में है और चिट्ठी वाले बाहर। उम्मीद है मुख्यमंत्री के साथ नेताजी न्याय करेंगे ।


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