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उत्तर प्रदेश के खनन मंत्री गायत्री प्रसाद की एक और जांच बंद

लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा ने भूतत्व एवं खनिकर्म (खनन) मंत्री गायत्री प्रजापति के विरुद्ध चल रही एक और शिकायत का अन्वेषण (जांच-पड़ताल) बंद कर दिया है। इससे मंत्री के खिलाफ बंद होने वाली जांचों की संख्या तीन हो गयी है। हालांकि, अवैध खनन और वीआइपी वसूली के आरोपों वाली दो शिकायतों

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 15 May 2015 09:40 PM (IST)Updated: Fri, 15 May 2015 09:42 PM (IST)

लखनऊ। लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा ने भूतत्व एवं खनिकर्म (खनन) मंत्री गायत्री प्रजापति के विरुद्ध चल रही एक और शिकायत का अन्वेषण (जांच-पड़ताल) बंद कर दिया है। इससे मंत्री के खिलाफ बंद होने वाली जांचों की संख्या तीन हो गयी है। हालांकि, अवैध खनन और वीआइपी वसूली के आरोपों वाली दो शिकायतों पर अब भी जांच जारी है।

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प्रतापगढ़ निवासी व अंकगणित के ज्योतिषी ओम शंकर द्विवेदी ने आठ दिसंबर 2014 को गायत्री प्रजापति के खिलाफ लोकायुक्त के यहां परिवाद (शिकायत) दाखिल किया था, जिसमें उनके दो बेटों, बेटियों, नौकरों, सहकर्मियों, ड्राइवरों, भाइयों के नाम बेशुमार बेनामी संपत्ति होने का आरोप था। उन्होंने इससे जुड़े ढेरों दस्तावेज भी दाखिल किए थे, मगर एक हफ्ते बाद वह जांच बढ़ाने से मुकर गए थे। फिर भी लोकायुक्त अधिनियमों के तहत पांच माह तक इस परिवाद का परीक्षण चलता रहा। अब लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने इस परिवाद का अन्वेषण बंद कर दिया है। आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेजी गई इस जानकारी के साथ 31 पेज की रिपोर्ट भी संलग्न की गयी है, जिसमें मंत्री पर लगे आरोपों, मंत्री व उनके बेटों की ओर से दाखिल सफाई का उल्लेख है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ओमशंकर ने आरोपों के समर्थन में साक्ष्य नहीं दिए। शिकायत में मंत्री के बेटों की कंपनियों व उसके आय-व्यय का उल्लेख तो है, लेकिन इसमें मंत्री काधन लगा होने का साक्ष्य नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्री बनने के बाद गायत्री प्रजापति किसी भी कंपनी में निदेशक नहीं है, ऐसे में अन्वेषण बंद किया गया है। नूतन ठाकुर की शिकायत पर दर्ज परिवाद संख्या-3450-2014 व चौधरी यशवंत की शिकायत पर दर्ज परिवाद संख्या-115-2015 में उपलब्ध साक्ष्यों का अलग से परीक्षण होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि ओम शंकर द्विवेदी की शिकायत में अवैध खनन, वीआइपी वसूली का आरोप नहीं था, लेकिन नूतन व यशवंत चौधरी ने मुख्य रूप से इन्हीं बिंदुओं पर शिकायत की है, लिहाजा उसका परीक्षण अलग से होगा। ध्यान रहे, इससे पहले लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा अमेठी के महेन्द्र सिंह यादव व सुल्तानपुर के संजय की शिकायत का अन्वेषण भी बंद कर चुके हैं।


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