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अंबेडकर विश्वविद्यालय में मीट पर प्रतिबंध से मचा हंगामा

बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रावासों की मेस में मीट बना तो मेस प्रभारी पर सख्त कार्रवाई होगी। आज कुलपति प्रो.आरसी सोबती ने सभी प्रभारियों को निर्देश जारी किए। आदेश में कहा गया है कि मेस में शाकाहारी भोजन ही बनाया जाएगा।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 03 May 2016 04:53 PM (IST)Updated: Tue, 03 May 2016 08:58 PM (IST)
अंबेडकर विश्वविद्यालय में मीट पर प्रतिबंध से मचा हंगामा

लखनऊ। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंबेडकर जयंती पर आयोजित गोष्ठी में एक वक्ता ने बीफ खाने की वकालत करके विवि प्रशासन को ही कठघरे में खड़ा कर दिया था। मामले की जांच चल ही रही थी कि सोमवार कुलपति प्रो.आरसी सोबती ने विवि के छात्रावास में मीट बनाने पर प्रतिबंध लगाकर विवि ने प्रशासन ने खुद को पाक-साफ बताने का प्रयास तो किया, लेकिन उसमे खुद फंसते नजर आ रहे हैं।आज छात्रावासों में मीट बनाने पर प्रतिबंध का नोटिस चस्पा होते ही छात्रों के एक गुट ने हंगामा करना शुरू कर दिया। छात्रों का कहना है कि मेस में क्या बनेगा, इसको तय करने के लिए छात्रों की कमेटी बनी है। ऐसे में कुलपति का यह फरमान नियमों के विरुद्ध है। कुलपति प्रो.आरसी सोबती ने सभी प्रभारियों को निर्देश जारी किए हैं। कनिष्ठ छात्रावास के अधीक्षक प्रशासनिक की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मेस में शाकाहारी भोजन ही बनाया जाएगा। यदि कोई छात्र दबाव बनाएगा तो उसके ऊपर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अंबेडकर विवि में तीन छात्र और तीन छात्रा छात्रावास हैं। प्रवक्ता प्रो.कमल जायसवाल ने बताया किकुलपति की ओर से मेस में मीट पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए गए हैं। मेस की व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए विद्यार्थियों का सहयोग लिया जाता है। मेस में क्या बनेगा? इसका मीनू विद्यार्थी ही तय करते हैं।

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किसी विवि में नहीं बनता मेस में मीट ---- अंबेडकर विवि में मेस पर प्रतिबंध लगाने के बाद कुलपति प्रो.आरसी सोबती खुद कठघरे में खड़े हो गए हैं। सवाल उठने लगा है कि जब विवि के मेस में मीट बनाने का प्रावधान ही नहीं है तो क्या अंबेडकर विवि में पहले मीट बनता रहा है? इसका जवाब विवि प्रशासन देने से बच रहा है। डॉ.शकुंतला मिश्रा विवि के प्रवक्ता प्रो.एपी तिवारी का कहना है कि छात्रावास की मेस का टेंडर होने पर मीट का मीनू नहीं तय होता। विद्यार्थियों को शाकाहारी भोजन देने का ही नियम है तो प्रतिबंध की कोई बात नहीं है। डॉ.राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विवि की शिक्षिका डॉ.अलका सिंह और लखनऊ विश्वविद्यालय के चीफ प्रोवोस्ट प्रो.एसपी त्रिवेदी ने भी प्रतिबंध पर सवाल उठाया।


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