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मायावती दलित नहीं दौलत की बेटी : जुगुल किशोर

बहुजन समाज पार्टी में अपना कद छोटा होता देख बीएसपी मूवमेंट के अग्रणी कर्ताधर्ता रहे राज्यसभा सदस्य जुगुल किशोर का भी पार्टी से मोहभंग हो गया। लखीमपुर खीरी के निवासी जुगुल किशोर ने आज बसपा सुप्रीमो मायावती पर जमकर भड़ास निकाली। जुगुल किशोर ने मायावती को दलित नहीं दौलत की

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 04 Jan 2015 03:28 PM (IST)Updated: Sun, 04 Jan 2015 03:58 PM (IST)
मायावती दलित नहीं दौलत की बेटी : जुगुल किशोर

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी में अपना कद छोटा होता देख बीएसपी मूवमेंट के अग्रणी रहे जुगुल किशोर का भी पार्टी से मोहभंग हो गया। लखीमपुर खीरी निवासी जुगुल किशोर ने आज बसपा सुप्रीमो मायावती पर जमकर भड़ास निकाली। जुगुल किशोर ने मायावती को दलित नहीं दौलत की बेटी कहा।

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जुगुल किशोर बसपा के कद्दावर नेता होने के साथ ही दिल्ली और बिहार राज्यों के पार्टी प्रभारी हैं। वह राज्य सभा सदस्य भी हैं। वह पार्टी में कट घटने से आज असंतुष्ट नजर आए। जुगुल किशोर ने कहा कि मायावती दलित की नहीं दौलत की बेटी है। उन्होंने कांशीराम के बनाए मिशन को बेचने का काम शुरू कर दिया है। टिकट के लिए वह अपनी जेबें भर रही हैं। दलित से पचास लाख और सामान्य वर्ग से दो करोड़ रुपये में टिकट बेचे जा रहे हैं। बसपा नेता ने आज लखीमपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि अवैध धन वसूली की शिकायत कुछ विधायकों से मिलने पर उन्होंने पखवारा पहले मायावती से शिकायत की थी। नतीजतन उन्होंने नाराज होकर उन्हें सभी पदों से मुक्त कर दिया। वर्तमान में मायावती सबसे धनाढ्य महिला है। शायद ही इतना अकूत धन किसी अन्य के पास हो। लखनऊ, नोयडा और दिल्ली में दलितों के पैसे से बनाए गए बहुजन प्रेरणा केंद्रों पर भी उन्हीं का कब्जा है। ट्रस्ट में मायावती के अलावा उसके भाई आनंद और सतीश मिश्रा सदस्य हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि मायावती ने उनके बेटे सौरभ ङ्क्षसह सोनू को कस्ता विधानसभा से टिकट देने के लिए पचास लाख रुपये मांगे थे। उन्होंने कहा विधायकों से टिकट के नाम पर किए जा रहे खेल की सीबीआइ जांच कराई जानी चाहिए। पहले मिशन और पार्टी को चलाने के लिए चंदा लिया जाता था। अब मायावती अपनी जेबें भरने में लगी हैं। बसपा नेता जुगुल किशोर पार्टी के फाउंडर मेंबर हैं। उनका कहना है कि वह पार्टी के लोगों को अपनी मुहिम में जोड़ेंगे और मायावती को निकालने की मांग करेंगे। कार्यकर्ताओं के बल पर मायावती मुख्यमंत्री बनी थी।


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