लखनऊ में अब बुक्कल नवाब की अवैध इमारतों पर चलेगा बुलडोजर
विधान परिषद सदस्य बुक्कल नवाब की पांच मंजिला अवैध इमारत पर लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) का बुलडोजर चलेगा। ग्रुप हाउसिंग का नक्शा न मिलने के बाद निर्माण तोडऩे का आदेश दिया गया था।
लखनऊ (जेएनएन)। अखिलेश यादव के बेहद चहेते मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति के अवैध निर्माण पर लखनऊ विकास प्राधिकरण की कार्रवाई के बाद अब विधान परिषद सदस्य बुक्कल नवाब का नंबर है। सीएम रहे अखिलेश यादव के बेहद चहेते बुक्कल नवाब ने भी पुराने लखनऊ में बड़ा अवैध निर्माण करवाया है।
विधान परिषद सदस्य बुक्कल नवाब की पांच मंजिला अवैध इमारत पर अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) का बुलडोजर चलेगा। बुक्कल नवाब ने अपने रसूख के दम पर एकल आवासीय नक्शा पास कराकर पांच महिला इमारत खड़ी करवा दी थी। उनका पांच मंजिला अपार्टमेंट हुसैनाबाद में है।
सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति के बाद लखनऊ में अवैध निर्माण के बाद अब समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य तथा पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी नेता बुक्कल नवाब की अवैध पांच मंजिला इमारत पर एलडीए का बुलडोजर चलेगा।
बुक्कल नवाब के इस अवैध निर्माण पर नगर आयुक्त लखनऊ के आदेश के बाद कार्यवाही होगी। गौरतलब है बुक्कल नवाब ने एकल आवासीय नक्शा पास कराकर हुसैनाबाद में पांच मंजिला अपार्टमेंट बनवा लिया है। सपा नेता बुक्कल नवाब ने हुसैनाबाद हेरिटेज जोन में 5 मंजिल अपार्टमेंट का अवैध निर्माण कराया था। बुक्कल नवाब के इस अवैध निर्माण को गिराने का आदेश 12 मई को दिया गया था। इस मामले में एलडीए के न्यायिक विहित प्राधिकरण में सुनवाई की गई थी। जिसमे ग्रुप हाउसिंग का नक्शा न मिलने के बाद निर्माण तोडऩे का आदेश दिया गया था।
पुराने लखनऊ के हुसैनाबाद इलाके में बुक्कल नवाब की तीन अवैध इमारतें मौजूद हैं। एलडीए पहले ही बुक्कल नवाब की एक इमारत को सीज कर चुका है। बुक्कल नवाब की इमारत को सीज करने का आदेश विहित प्राधिकारी धनंजय शुक्ल ने दिया था।
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कई रसूखदारों के खड़े हैं अवैध निर्माण
लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने परसों बहुत दिनों बाद किसी रसूखदार का अवैध निर्माण जमींदोज किया था। वह भी अखिलेश सरकार में प्रभावशाली रहे गायत्री प्रजापति का अवैध निर्माण था। अगर शहर में अपार्टमेंटों पर नजर दौड़ाई जाए तो कई रसूखदारों ने भी गायत्री के पदचिन्हों पर चलते हुए अवैध निर्माण किए हैं। इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की नाराजगी के चलते तत्कालीन विधायक रामपाल का जियामऊ में अवैध निर्माण भी शामिल था, जिसे ढहाया गया था। इसके अलावा सपा के एक एमएलसी का हुसैनाबाद में अवैध निर्माण भी शामिल है।
देखें तस्वीरें : लखनऊ में तोड़ा गया गायत्री का अवैध निर्माण
सपा एमएलसी ही नहीं उनके परिवार के तीन अपार्टमेंट को एलडीए अवैध घोषित कर चुका है, लेकिन इस पर भी कार्रवाई के लिए एलडीए महकमा हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। मुख्य सचिव रहे आलोक रंजन ने भी शीशमहल के पास बने जिस अवैध निर्माण पर कार्रवाई के लिए कहा था, वह भी सपा एमएलसी का था और एलडीए की टीम भी उसे सील करने पहुंची थी, लेकिन एलडीए के अवर अभियंता बीबी सिंह को बेइज्जत होकर लौटना पड़ा था। इसके बाद एलडीए के अधिकारियों ने पुराने शहर की तरफ कदम नहीं बढ़ाए थे।
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सपा एमएलसी ही नहीं अगर उन 84 अपार्टमेंटों पर नजर दौड़ाई जाए, जिसे 2012 में एलडीए अवैध बताते हुए कार्रवाई करने के लिए हाईकोर्ट में शपथ पत्र दिया था, उसमें भी अधिकांश रसूखदार के ही अपार्टमेंट थे। इसमें न्यू हैदराबाद में एक पूर्व एमएलसी का अपार्टमेंट भी शामिल था। ऐसे अपार्टमेंट शहर के विभिन्न इलाकों में खड़े हैं। इसी तरह आवासीय से कॉमर्शियल भू-उपयोग का आवेदन करने वाले रसूखदारों के गोमतीनगर में ही निर्माण अवैध हैं। यहां भी मानकों की अनदेखी कर निर्माण कराया, जिसमे 71 तो सिर्फ प्रभावशाली लोगों के निर्माण हैं।
एलडीए बचाता रहा था गायत्री को
गायत्री प्रजापति सत्ता से बाहर हैं, लेकिन योगी सरकार में भी उनका रसूख एलडीए में छाया था। यही कारण है कि अवैध निर्माण मामले की सुनवाई के दौरान किसी कर्मचारी ने कागजों से अवैध निर्माण को बचाने की कोशिश की थी। कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से शमन कार्यवाही कराने के लिए गुपचुप 11,175 रुपये शुल्क जमा कर दिया था, जिससे निर्णय से जुड़ी कार्रवाई टालनी पड़ी थी।
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प्रजापति का अवैध निर्माण ढहाने में खर्च हुए दो लाख
पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के आशियाना के सालेहनगर में अवैध कॉम्पलेक्स को जमींदोज करने में एलडीए के संसाधनों में लगभग दो लाख रुपये खर्च हो गए। यह धनराशि छह घंटे तक चली ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में लगाई गई भारी भरकम मशीनरी व स्टाफ पर खर्च हुई है। अब इस दो लाख रुपये की वसूली के लिए एलडीए की तरफ से गायत्री के बेटे अनुराग को नोटिस जारी होगी।
जो खर्च को ब्यौरा तैयार हुआ है उसके अनुसार चार जेबीसी, दो पोकलैंड, एक हाईड्रेंट व कई अन्य छोटी इलेक्टिक डिल मशीनों के लगातार छह घंटे तक काम करने पर हुआ है। इन जेसीबी व अन्य मशीनों के संचालन में डीजल आदि का खर्च भी शामिल है। एलडीए के अलावा जो मशीनें बाहर से आईं उनका किराया भी इसमें शामिल है।
इसके अलावा एक दर्जन एलडीए स्टाफ व पचास से अधिक पुलिस जवानों की ड्यूटी ध्वस्तीकरण कार्य में बर्बाद हुए समय के आधार पर भी छह घंटे के समय का पैसा भी शामिल है। खर्चो की पूरी रिपोर्ट तैयार करके अवैध निर्माण करने वाले गायत्री के बेटे से वसूली के लिए नोटिस जारी करने की तैयारी की जा रही है।