डा.कलाम और लक्ष्मी सहगल के बीच हुआ था 2002 में मुकाबला
पद्मश्री कैप्टन डॉ. लक्ष्मी सहगल ने वर्ष 2002 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के खिलाफ चुनाव लड़ा था। हालांकि दोनों के घनिष्ठ पारिवारिक संबंध थे। भाजपा से वैचारिक मतभेद के चलते कैप्टन सहगल ने उनके खिलाफ चुनाव तो लड़ा लेकिन कभी भी दोनों ने
लखनऊ। पद्मश्री कैप्टन डॉ. लक्ष्मी सहगल ने वर्ष 2002 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के खिलाफ चुनाव लड़ा था। हालांकि दोनों के घनिष्ठ पारिवारिक संबंध थे। भाजपा से वैचारिक मतभेद के चलते कैप्टन सहगल ने उनके खिलाफ चुनाव तो लड़ा लेकिन कभी भी दोनों ने एकदूसरे के खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोला। इसका ही नतीजा है कि दोनों का अंतिम समय तक संवाद जारी रहा।
सुभाषिनी अली के मुताबिक महिला बिल पर डॉ. कलाम हंसते हुए बोले थे कि आपके बिल का सबसे बड़ा विरोधी पुरुष ही है। उन्होंने निराशा जताई थी कि वह इस बिल पर कुछ नहीं कर सके। यह बात कहते हुए कैप्टन डॉ. लक्ष्मी सहगल की पुत्री पूर्व सांसद सुभाषनी अली डॉ. कलाम की आकस्मिक मौत से गमगीन हो गईं। खुद को संभालते हुए उन्होंने बताया कि डॉ. कलाम से उनके पारिवारिक संबध थे। गरीब परिवार के होने के नाते डॉ. कलाम की प्रतिभा को देख उनके मौसा देश के जाने माने वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई ने उनकी पढ़ाई में मदद की। यह उनका सरल स्वभाव ही था कि राष्ट्रपति होते हुए उन्होंने राष्ट्रपति भवन के दरवाजे जनता के लिए खोल दिये। उनका व्यक्तित्व शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। सुभाषिनी अली के मुताबिक डॉ. कलाम उनके मौसा के बेटे की तरह थे। उन्हीं डॉ. कलाम के खिलाफ उनकी मां कैप्टन डॉ. लक्ष्मी सहगल चुनाव लड़ीं और उन्होंने एक बार भी इस विषय पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। मां को भी पता था कि वह चुनाव जीतेंगे लेकिन फिर भी अपनी बात की खातिर चुनाव लड़ीं। इसके बाद भी उन्होंने पारिवारिक रिश्तों को निभाया।