निर्माणाधीन पुल के तीन गर्डर गंगा में गिरने से दो जख्मी, दर्जनों अटके
वाराणसी में गंगा में सामनेघाट-लंका के बीच निर्माणाधीन पुल के तीन गर्डर आज रात्रि आठ बजे अचानक गंगा में गिर पड़े। पहले से टेढ़े एक पिलर को दूसरे पिलर से जोडऩे के लिए ६०-६० मीटर की इन गर्डरों के गंगा में गिरने से जहां दो मजदूर लल्ला व डीके घायल
लखनऊ। वाराणसी में गंगा में सामनेघाट-लंका के बीच निर्माणाधीन पुल के तीन गर्डर आज रात्रि आठ बजे अचानक गंगा में गिर पड़े। पहले से टेढ़े एक पिलर को दूसरे पिलर से जोडऩे के लिए ६०-६० मीटर की इन गर्डरों के गंगा में गिरने से जहां दो मजदूर लल्ला व डीके घायल हो गए वहीं पर दर्जनों मजदूर पिलर के ऊपर ही अटके रह गए। हालांकि बाद में इन मजदूरों को क्रेन के सहारे नीचे उतारा गया। इनमें अचेत मिले तीन मजदूरों में विक्रम, विषम व शिवाकांत को बीएचयू ट्रामा सेंटर में क्षेत्रीय लोगों के सहयोग से भर्ती कराया गया। इस तरह बड़ा हादसा भले ही टल गया लेकिन सेतु निर्माण में लापरवाही के चलते टेढ़े पिलर के चलते घटना घटी। देर रात तक मौके पर सेतु निगम के अभियंताओं का पता नहीं चला। सेतु निगम के मेठ प्रेम ने बताया कि दो पिलर को एक दूसरे से जोडऩे के लिए स्लैब गर्डर लगाया जा रहा था। ३३ मजदूर मौके पर काम कर रहे थे। लंका से सामने घाट की तरफ बीच गंगा में पहले से टेढ़े पिलर नंबर नौ पर पहले एक गर्डर रखा जा चुका था। इसके सपोर्ट में दूसरा गर्डर भी रख दिया गया। जैसी ही तीसरा गर्डर रखने के लिए १४-१५ मीटर की दूरी बची थी तभी पहले से लगे दो गर्डर असंतुलित होकर अचानक ऊपर उठने लगे। इस दौरान दो मजदूर गर्डर थामे हुए थे जिनमें एक लल्ला व दूसरे डीके ने उसे छोड़कर स्लैब ढलाई की तरफ भागकर जान बचाई। हालांकि भागने में दोनों मजदूर चोटिल हो गए। वहीं जिस टेढ़े पिलर को जोड़ा जा रहा था उस पर दर्जनभर मजदूर अटक गए। हालांकि बाद में क्रेन के सहारे सभी मजदूरों को नीचे उतारा गया। इनमें से तीन मजदूर अचेत मिले जिन्हें ट्रामा सेंटर में भर्ती किया गया। गर्डर के नीचे गिरने से पिलर का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। सूचना पाकर मौके पर अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम राजेंद्र सिंह सेंगर और पुलिस उपाधीक्षक (भेलूपुर) डीपी शुक्ला मौके पर पहुंच गए थे। हालांकि बाद में गर्डर के गंगा में गिरने की सूचना के बाद भी मौके पर सेतु निगम का कोई अभियंता नहीं पहुंचा। उधर, सेतु निगम के उप परियोजना प्रबंधक आरयू खान ने बताया कि इससे पुल के निर्माण में बाधा जरूर आई लेकिन संयोग अच्छा रहा बड़ा हादसा टल गया। इससे पुल निर्माण में रुकावट आने को लेकर सेतु निगम के महकमे की बेचैनी बढ़ गई है। ज्ञात हो कि सामने घाट सेतु का निर्माण वर्ष २००६ में शुरू हुआ। ९२२.८० मीटर लंबाई के सेतु के लिए ७६६८.४९ लाख की धनराशि स्वीकृति हुई। इसमें सेतु का अंश ६७१७.१५ लाख रखी गई है। सेतु निर्माण कार्य अक्टूबर २०१५ तक पूरा किया जाना है। वर्तमान में सेतु का लगभग ८७ फीसद काम पूरा हो चुका है।