जानें दीपावली के दो दिन पहले क्यों मानाया जाता है धनतेरस
दीपावली के दो दिन पहले धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता हैं। इसी दिन से दीपावली के त्यौहार की शुरुआत होती है। कार्तिक माह की कृष्ण की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है।
लखनऊ (जेएनएन)। दीपावली के त्यौहार की धूम आज धनतेरस से ही शुरू हो जाती है। धनतेरस से पंच महोत्सव का आरंभ हो जाएगा। आज ही वर्ष में कोई भी खरीदारी करने का यह सबसे शुभ दिन है।
दीपावली के दो दिन पहले धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार इसी दिन से दीपावली के त्यौहार की शुरुआत होती है। कार्तिक माह की कृष्ण की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इसे धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। आज त्रयोदशी तिथि सुबह 12 बजकर 26 मिनट पर शुरू हो चुकी है। यह 18 अक्टूबर, को सुबह 8 बजे समाप्त होगी।
क्या है धनतेरस
हिंदू मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान इसी दिन भगवान धनवन्तरि कलश में अमृत लेकर प्रकट हुए थे। इसी के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इस दिन नयें बर्तन और स्वर्ण-चांदी के आभूषण खरीदें जाते है इस दिन आभूषण व बर्तन की खरीददारी से धन में 13 गुना वृद्वि होती है। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर की भी पूजा की जाती है।
क्या है मान्यता
इस दिन किसी भी प्रकार का उधार व्यापार नहीं होता है। ऐसा करने पर साल भर धन की देवी लक्ष्मी रुठ जाती है और व्यापार में वृद्वि नहीं होती है। ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन उधार व्यापार करने से साल भर उधार का कारोबार ही फलता-फूलता है।
धनतेरस पर क्या करना चाहिए
आज के दिन लोग अपने धरों में भगवान धनवन्तरि और माँ लक्ष्मी की पूजा करते है, साथ ही घरों में दीप जला कर धन्य-धान्य से परिपूर्ण एवं साल भर सुख-समृद्वि की कामना की जाती है।
किन चीजों को खरीदने से प्रसन्न होती हैं देवी लक्ष्मी
देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए चांदी का सिक्का व बर्तन के साथ धनिया को खरीदा जाता है। धनिया को धन का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही महिलाओं के लिए लाल वस्र तथा पीतल का कलश खरीदना शुभ माना जाता है। यदि आप ज्यादा महंगी चीज खरीदने में सक्षम नही है तो एक चम्मच अवश्य खरीदें।
धनतेरस पर क्या न खरीदें
आज के दिन एल्युमिनीयम और कांच के उत्पाद न खरीदें क्योंकि यह राहु के प्रतीक माने जाते हैं।
आज वस्तुओं को खरीदने और पूजा का मुहुर्त
धनतेरस पर पूजा का समय - सांय 7:32 से 8:18 बजे तक।
प्रदोष काल - सांय 5:49 से 8:18 बजे।
वृषभ काल - 19:32 से 21:33 बजे तक।
सूर्योदय के बाद शुरू होने वाले प्रदोषकाल के दौरान लक्ष्मी पूजा की जानी चाहिए।
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आज राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस
आज के दिन को भारत सरकार ने राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस घोषित किया है। धन्वन्तरि देवताओं के चिकित्सक हैं और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं। चिकित्सकों के लिए धनतेरस का दिन बहुत ही महत्व पूर्ण होता है। धनतेरस के संदर्भ में एक लोक कथा प्रचलित है कि एक बार यमराज ने यमदूतों से पूछा कि प्राणियों को मृत्यु की गोद में सुलाते समय तुम्हारे मन में कभी दया का भाव नहीं आता क्या।
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दूतों ने यमदेवता के भय से पहले तो कहा कि वह अपना कर्तव्य निभाते है और उनकी आज्ञा का पालन करते हें परंतु जब यमदेवता ने दूतों के मन का भय दूर कर दिया तो उन्होंने कहा एक बार राजा हेमा के ब्रह्मचारी पुत्र का प्राण लेते समय उसकी नवविवाहिता पत्नी का विलाप सुनकर हमारा हृदय भी पसीज गया लेकिन विधि के विधान के अनुसार हम चाह कर भी कुछ न कर सके।
एक दूत ने बातों ही बातों में तब यमराज से प्रश्न किया कि अकाल मृत्यु से बचने का कोई उपाय है क्या। इस प्रश्न का उत्तर देते हुए यम देवता ने कहा कि जो प्राणी धनतेरस की शाम यम के नाम पर दक्षिण दिशा में दीया जलाकर रखता है उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। इस मान्यता के अनुसार धनतेरस की शाम लोग आँगन मे यम देवता के नाम पर दीप जलाकर रखते हैं। इस दिन लोग यम देवता के नाम पर व्रत भी रखते हैं।
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धनतेरस के दिन दीप जलाककर भगवान धन्वन्तरि की पूजा करें। भगवान धन्वन्तरी से स्वास्थ और सेहतमंद बनाये रखने हेतु प्रार्थना करें। चांदी का कोई बर्तन या लक्ष्मी गणेश अंकित चांदी का सिक्का खरीदें। नया बर्तन खरीदे जिसमें दीपावली की रात भगवान श्री गणेश व देवी लक्ष्मी के लिए भोग चढ़ाएं।