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जुगल किशोर ने खोला आजम के खिलाफ मोर्चा, दिया इस्तीफा

नगर विकास मंत्री आजम खां की मेरठ के सफाई कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई से आहत उत्तर प्रदेश राज्य सफाई आयोग के अध्यक्ष जुगल किशोर वाल्मीकि ने पद से इस्तीफा दे दिया है। लगता है कि अब वाल्मिकी ने मंत्री आजम खां के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 03 May 2015 02:46 PM (IST)Updated: Sun, 03 May 2015 03:24 PM (IST)

लखनऊ। नगर विकास मंत्री आजम खां की मेरठ के सफाई कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई से आहत उत्तर प्रदेश राज्य सफाई आयोग के अध्यक्ष जुगल किशोर वाल्मीकि ने पद से इस्तीफा दे दिया है। लगता है कि अब वाल्मिकी ने मंत्री आजम खां के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

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जुगल किशोर का यह इस्तीफा मेरठ में सफाई कर्मियों को नौकरी से निकाले जाने के विरोध में है। उन्होंने पद से तो इस्तीफा दे दिया है लेकिन समाजवादी पार्टी में बने रहेंगे। जुगल किशोर को प्रदेश सरकार ने दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री का सम्मान भी दिया था।

आजम खां 24 अप्रैल को मेरठ के दौरे पर थे। वहां उन्होंने हड़ताली सफाई कर्मचारियों के खिलाफ सख्त तेवर अपनाये थे। इसके बाद हड़ताली सफाई कर्मचारियों ने भी उनको देख लेने की धमकी दी थी। मंत्री आजम खां ने मेरठ में लंबे समय से चल रही सफाईकर्मियों की हड़ताल को नाजायज बताया था। इसके बाद ही उन्होंने सभी हड़ताली सफाई कर्मचारियों को बर्खास्त भी करने का फरमान सुना दिया था। जिला योजना की बैठक के बहाने सफाईकर्मियों के मुद्दे को सुलझाने पहुंचे आजम खां ने जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम को जमकर लताड़ लगाई। आजम ने कहा था कि सफाई कर्मचारियों की मांगे नाजायज हैं और शासन इन्हें किसी सूरत में नहीं पूरा कर सकता। उन्होंने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से सवाल किया कि आखिर मरे हुए जानवर तीन दिन तक शहर के चौराहों पर कैसे लटके रहे।

नाराज आजम ने विधायकों को फटकारते हुए कहा कि आप लोग पचास-पचास की टोलियों में निकलते और शहर को साफ करने की कोशिश कराते। पूरे प्रकरण की सच्चाई शासन के संज्ञान में लाते। अफसरों की मीटिंग के बाद आजम खां दिल्ली रवाना हो गए और उसके बाद सफाई कर्मियों ने कमिश्नरी पर जमकर हंगामा किया। सफाई कर्मचारी आजम से मुलाकात करना चाहते थे, लेकिन आजम न सफाईकर्मियों से मिले और न मीडिया से बात की। उन्होंने कहा था कि मुझे 24 घंटे में शहर साफ चाहिए। मंत्री ने कहा कि प्रशासन को व्यवस्था बनानी है कि शहर कैसे साफ रहे, इसके लिए वे चाहे संविदाकर्मियों को बर्खास्त करें या स्थायी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करें। नई भर्तियां करे या दैनिक आधार पर सफाई कर्मचारी बुलायें।


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