सोलर कार से छह हजार किमी का सफर
बेंगलुरू के सज्जाद ने अपने जुनून को हकीकत में बदला और सोलर कार पर सवारी कर रहे हैं। सज्जाद कल आगरा में थे। अब तक वह अपनी सोलर कार से छह हजार किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं।
लखनऊ। बेंगलुरू के सज्जाद ने अपने जुनून को हकीकत में बदला और सोलर कार पर सवारी कर रहे हैं। सज्जाद कल आगरा में थे। अब तक वह अपनी सोलर कार से छह हजार किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं।
बेंगलुरू के सज्जाद दृढ़ विश्वास के साथ मंजिल तक पहुंचने ललक, बाधाओं से जूझने का जज्बा और देश को प्रदूषण रहित बनाने का संदेश दे रहे हैं। ऐसी भावनाओं और कामनाओं के साथ बेंगलुरू से सोलर कार से कल आगरा पहुंचे सैयद सज्जाद अहमद। आगरा के बाद अब उनका अगला पड़ाव विभिन्न नगरों में होते हुए कन्या कुमारी तक का है। सज्जाद कल ग्वालियर से आगरा पहुंचे और ताजमहल देखा। सज्जाद ने बताया कि कि सोलर सिस्टम से वह कई खोज कर चुके हैं। इस कार को भी उन्होंने दस वर्ष पहले स्वयं बनाया था। इसमें 100-100 वॉट के पांच पैनल, छह बैटरी और डीसी मोटर लगाई है। यह 40 प्रतिशत सूरज की किरणों से और 60 प्रतिशत बिजली से संचालित हैं। इसकी सामान्य गति 20 किमी प्रति घंटा है। इससे पहले इस कार से 45 हजार किमी का सफर कर चुके हैं। एक दिन में करीब सौ किमी यात्रा ही कर पाते हैं। सज्जाद ने सोलर सिस्टम से चलने वाले कई अन्य वाहन भी बनाए हैं।
63 वर्षीय सज्जाद अहमद ने बताया कि उन्होंने यह आगरा आने की यात्रा एक नवंबर को बेंगलुरू से शुरू की थी। अब तक 2500 किमी की यात्र कर चुके हैं। इसके बाद दिल्ली जा रहे हैं, जहां वे चार दिसंबर से शुरू हो रहे पांच दिनी इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में इस कार को प्रदर्शित करेंगे। वहां से हरिद्वार जाकर बाबा रामदेव से मुलाकात करेंगे। उसके बाद अन्ना हजारे से मुलाकात करने जाएंगे। सज्जाद उनके साथ 10 दिन तक भूख हड़ताल पर बैठ चुके हैं।
छह जून 2006 को पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उन्हें अब्दुल कलाम अवार्ड दिया गया। इस मौके पर तत्कालीन राष्ट्रपति कलाम भी मौजूद थे। अहमद इंटरमीडिएट तक शिक्षित हैं। पहले फलों का व्यवसाय करते थे। उसके बाद इलेक्ट्रोनिक्स का काम किया। टीवी, एंटीना व कंप्यूटर की रिपेयरिंग का काम करने लगे। अब कंप्यूटर का व्यवसाय है।