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इंटरनेशनल कांफ्रेंसः इस्लामिक विचारधारा असहिष्णु: प्रकाश सिंह

इस्लाम के कïट्टरपंथ को लेकर यह तीखी और खुली बहस थी। इसमें बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक प्रकाश सिंह ने खुलकर कहा कि इस्लाम असहिष्णु है। इसके कïट्टरपंथी पूरे देश पर एकाधिकार चाहते हैं। कनाडा के अंतरराष्ट्रीय लेखक तारेक फतह ने कहा कि जिन्हें मुस्लिम पर्सनल लॉ चाहिए वे पाकिस्तान चले

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2015 08:32 PM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2015 09:09 PM (IST)
इंटरनेशनल कांफ्रेंसः इस्लामिक विचारधारा असहिष्णु: प्रकाश सिंह

लखनऊ। इस्लाम के कïट्टरपंथ को लेकर यह तीखी और खुली बहस थी। इसमें बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक प्रकाश सिंह ने खुलकर कहा कि इस्लाम असहिष्णु है। इसके कïट्टरपंथी पूरे देश पर एकाधिकार चाहते हैं। कनाडा के अंतरराष्ट्रीय लेखक तारेक फतह ने कहा कि जिन्हें मुस्लिम पर्सनल लॉ चाहिए वे पाकिस्तान चले जाएं। विद्वानों ने साफ किया कि इस्लाम में महिलाओं पर कोई पाबंदी नहीं लेकिन मुस्लिमों के पवित्र ग्रंथ की बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता रहा है। कुरान में लिखे 'जेहाद' शब्द का गलत अर्थ लगाया गया है।

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मथुरा के आरसीए डिग्री कॉलेज में आयोजित 'हाऊ टू अंडरस्टैंड एंड कोएक्जिस्ट विद रेडिकल इस्लाम' विषय पर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी। इसमें दुनियाभर से आए विद्वानों ने विचार रखे। तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस के पहले दिन मुख्य वक्ता और बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक प्रकाश सिंह ने कहा कि अलकायदा और आइएस जैसे खूंखार आतंकी संगठनों के भारत में समर्थक हैं। भले ही यह सक्रिय न हों, पर युवाओं को भ्रमित करके संख्या जरूर बढ़ा रहे हैं। केंद्र सरकार को देश की आंतरिक सुरक्षा नीति पर फिर से विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस्लामिक विचारधारा असहिष्णु है और इसमें सहअस्तित्व की भावना नहीं है। इसमें ज्यादातर कट्टरपंथी हैं, जो पूरे विश्व पर एकाधिकार चाहते हैं।

अंतरराष्ट्रीय लेखक और कनाडा के प्रख्यात स्तंभकार तारेक फतह ने कहा कि भारत पर 800 साल शासन किया गया है, इसलिए पीछे का पढ़ोगे, तो पीछे रह जाओगे। हां, आगे का पढ़ोगे, तो आगे जाओगे। उन्होंने साफ कहा कि जिन्हें मुस्लिम पर्सनल लॉ चाहिए, वे पाकिस्तान चले जाएं। भारत में सबसे लिए एक बराबर कानून है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आने वाले समय में इंडिया का इस्लाम तो आगे जा सकता है, पर अरब का इस्लाम पीछे रह जाएगा। इस्लाम को भाषाओं में बांधना गलत है। क्या जरूरी है कि अल्लाह उर्दू या अरबी में ही पढ़ा जाए? यह हिंदी और अंग्रेजी में क्यों नहीं पढ़ा जा सकता। हैदराबाद की मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनीवर्सिटी के कुलाधिपति जफर यूनुस सरेशवाला ने कहा कि इस्लाम में कट्टरवादिता नहीं, अतिवादिता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कुरान में जेहाद शब्द 41 बार आया है। यह मारकाट या बदला लेने का नहीं, जिद्दोजेहद का द्योतक है। उन्होंने सोशल साइट्स पर परोसी जा रही सामग्री को सामाजिक शांति और देश के लिए खतरा बताया। कहा कि मंदिर या मस्जिद के सामने कुछ भी फेंक देने पर बवाल हो रहे हैं और दंगे भड़क जाते हैं।

मोदी की नीतियां देश हित में: सरेशवाला

नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति जफर यूनुस सरेशवाला ने मदरसों के आधुनिकीकरण पर जोर दिया। उन्होंने मुस्लिम नेताओं से कहा कि इसे राजनीतिक मुद्दा न बनाएं। सरेशवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों को देशहित में करार दिया।

आतंकवाद के खिलाफ गरजे उलेमा

पेरिस, लेबनान और तुर्की में हुए आतंकवादी हमले का जमीयत उलमा-ए-हिंद ने विरोध करते हुए आज पश्चिंम उत्तर प्रदेश में कई जगह प्रदर्शन कर जुलूस निकाला। ऐलान किया कि आतंकवाद के खात्मे तक यह विरोध और आंदोलन जारी रहेगा। मुसलमानों को बदनाम करने वालों का चेहरा बेनकाब करने की अपील भी की गई। जमीयत उलमा-ए-हिंद के तत्वावधान में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शामली कलक्ट्रेट में पहुंचकर प्रदर्शन किया। इस दौरान जनरल सेक्रेट्री मौलाना मुहम्मद आकिल ने कहा कि आतंकवादी संगठन अलकायदा के बाद जिस तरह से आइएसआइएस आतंक पैदा कर पूरे विश्व में हैवानियत का खूनी खेल खेल रहा है, वह बहुत चिंताजनक है। पिछले दिनों पेरिस में खूनी खेल खेला गया जो निंदनीय है। आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाने की मांग भी सभी देशों से की गई। उधर मुजफ्फरनगर में भी आतंकवाद और इजराइल के प्रधानमंत्री के भारत दौरे के खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद के बैनर तले मुस्लिम समाज व उलेमा ने प्रर्दशन कर जुलूस निकाला। उलेमा ने कहा कि आतंकवाद इस्लाम और इंसानियत का दुश्मन है। कुछ संगठन जिहाद का नाम लेकर इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं। पेरिस सहित अन्य देशों में हुए आतंकी हमलों के विरोध में जमीयत उलेमा ने प्रदेश के सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की थी। जमीयत के जिला महासचिव कारी जाकिर हुसैन ने कहा कि आतंकी हमलों की जमीयत निंदा करती है और मृतकों के परिजनों के साथ दुखी है। आइएसआइएस जैसे आतंकवादी संगठनों का डटकर विरोध करने को भी कहा गया।

आतंकवाद के खिलाफ हो फैसला

मुरादाबाद में भी पेरिस में हुए आतंकी हमले के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद शहर कमेटी ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। जिलाधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में उलेमाओं ने आतंकवाद को मिटाने के लिए सभी देशों से एकजुट होने की बात कही। मुफ्ती सलमान मंसूरपुरी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासंघ को दुनिया के सभी मुल्कों की बैठक बुलाकर आतंकवाद के खिलाफ फैसला लेना चाहिए। पेरिस में हुए हमले की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद के नाम पर कुछ मुल्क मुसलमानों को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने मुसलमानों को बदनाम करने वालों का चेहरा बेनकाब करने व मिलकर लडऩे की मांग की। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने दलीलों के बाद आतंकवाद के विरोध में नारे लगाए।


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