ब्लड की तरह मेडिकल गैस बैंक बनाएगा आइएमए
गैस बैंक की स्थापना से अस्पतालों को गुणवत्तायुक्त गैस मिलेगी। साथ ही इसकी सही मात्रा का भी पता रहेगा। देश का यह पहला गैस बैंक होगा, जिसे आएएमए स्थापित करेगा।
बरेली [अशोक आर्य] । भारतीय चिकित्सा संघ (आइएमए) की स्थानीय शाखा ने बड़ी पहल की है। ब्लड बैंक की तरह ही जल्द मेडिकल गैस बैंक की भी स्थापना होगी। कोशिश है, ऑक्सीजन आदि के अभाव में किसी की जान न जाए। इसीलिए निजी अस्पतालों को मेडिकल गैसों की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। गैस बैंक की स्थापना से अस्पतालों को गुणवत्तायुक्त गैस मिलेगी। साथ ही इसकी सही मात्रा का भी पता रहेगा। देश का यह पहला गैस बैंक होगा, जिसे आएएमए स्थापित करेगा।
आइएमए ने वर्षों पूर्व यहां ब्लड बैंक की स्थापना की थी। इससे मरीजों को बड़ी राहत मिली। ब्लड बैंक से मिलने वाले रक्त की गुणवत्ता पूरी तरह नियंत्रित है। खून की तरह ही अस्पतालों में मरीजों के ऑपरेशन समेत अन्य इलाज में कई तरह की गैसों का इस्तेमाल होता है। सबसे अहम रोल तो ऑक्सीजन का है। अस्पतालों को मेडिकल ऑक्सीजन समेत अन्य गैस बाहर के प्लांट से खरीदनी पड़ती हैं। उसमें गुणवत्ता व मात्रा मापने का कोई पैमाना नहीं होता। उसी को देखते हुए आइएमए ने भी अपना खुद का मेडिकल गैस प्लांट लगाने का मन बनाया है।
गुणवत्ता व मात्रा का रखेंगे ध्यान
डॉ. प्रमेंद्र माहेश्वरी ने बताया कि वह एक अक्टूबर को आइएमए अध्यक्ष की कुर्सी संभालेंगे, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने मेडिकल गैस प्लांट समेत कई प्रस्तावों पर काम शुरू कर दिया है। आइएमए अपना मेडिकल गैस बैंक (प्लांट) बनाएगा। इसमें तरल अवस्था में गैस लाकर प्लांट के जरिए उसे सिलिंडर में भरकर अस्पतालों को सप्लाई की जाएगी। इस प्लांट के बनने से आइएमए के सदस्य खुद ऑक्सीजन समेत अन्य गैस की गुणवत्ता व मात्रा चेक कर सकेंगे।
इन गैसों की होगी सप्लाई
आइएमए अस्पतालों में उपयोग होने वाली सभी मेडिकल गैस बनाएगा। इसमें ऑक्सीजन तो प्रमुखता से रहेगी। इसके अलावा मरीज को बेहोश करने के काम आने वाले नाइट्रस, दूरबीन विधि से ऑपरेशन करने के लिए कार्बन डाईऑक्साइड, ऑपरेशन में काम आने वाली हाईड्रोजन व कंप्रेस्ड एयर भी अस्पतालों को सप्लाई की जाएगी।