बड़ी कार्रवाई: यूपी में आइएएस समेत कई अफसरो के ठिकानों पर आयकर छापा
उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचारियों की तलाश में निकले आयकर विभाग ने नौकरशाहों की काली कमाई का पता लगाने के लिए आज तीन आइएएस और एक परिवहन अधिकारी को निशाने पर ले लिया।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचारियों की तलाश में निकले आयकर विभाग ने नौकरशाहों की काली कमाई का पता लगाने के लिए आज तीन आइएएस और एक परिवहन अधिकारी को निशाने पर ले लिया। पिछले दिनों जिस तरह राजद नेता लालू यादव की बेनामी संपत्ति का पता लगाने के लिए आयकर के छापे डाले गए, उसी तर्ज पर इन अधिकारियों के दिल्ली व लखनऊ सहित आधा दर्जन शहरों के करीब डेढ़ दर्जन ठिकानों पर छापे डाले गए। इस दौरान अफसरों के यहां करोड़ों की संपत्ति के अलावा लाखों की नकदी और बैंक लॉकरों का भी पता चला है।
आयकर की कुल 22 टीमों में शामिल करीब 150 अधिकारियों ने बुधवार सुबह कार्रवाई शुरू करते हुए बागपत के पूर्व जिलाधिकारी व वर्तमान स्वास्थ्य निदेशक हृदय शंकर तिवारी, ग्रेटर नोएडा के एडीशनल सीइओ विमल कुमार शर्मा, मेरठ में आरटीओ पद पर तैनात उनकी पत्नी ममता शर्मा तथा विशेष सचिव कारागार सत्येंद्र कुमार सिंह के ठिकानों की कुंडी खटखटाई। हृदय शंकर तिवारी के लखनऊ में विभूतिखंड व एल्डिको ग्रीन स्थित आवास और देवां रोड स्थित फार्म हाउस के अलावा मेरठ, बागपत, ग्रेटर नोएडा व दिल्ली के ठिकानों पर भी जांच की गई। आयकर के उपनिदेशक (जांच) जयनाथ वर्मा ने बताया कि तिवारी के यहां करीब 90 लाख रुपये नकद और दो बैंक लॉकरों के दस्तावेज मिले हैं। इस रकम का स्रोत पता करने के साथ ही पड़ताल की जा रही है कि तिवारी के इतने आवास और फार्म हाउस कहीं बेनामी संपत्ति का हिस्सा तो नहीं हैं।
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीइओ विमल विमल कुमार शर्मा और उनकी आरटीओ पत्नी ममता शर्मा के मेरठ, नोएडा व मैनपुरी स्थित ठिकानों पर जांच की गई। आयकर उपनिदेशक वर्मा ने बताया कि करीब दो हफ्ते पहले ही विमल कुमार शर्मा के ग्रेटर नोएडा स्थित ऑफिस में एंटी करप्शन टीम ने जांच की थी। अधिकारी दंपती के पास नकदी तो नहीं मिली लेकिन, कई जगह पता चली संपत्ति की पड़ताल की जा रही है। परिवहन आयुक्त के.रविंद्र नायक ने बताया कि आरटीओ ने पिछले दिनों अपनी संपत्ति का ब्योरा उपलब्ध करा दिया था, जिसे जरूरत पडऩे पर आयकर टीम को उपलब्ध करा दिया जाएगा। विशेष सचिव कारागार सत्येंद्र कुमार सिंह के लखनऊ और नोएडा के छह ठिकानों पर जांच की गई। इसमें लखनऊ में विपुलखंड स्थित दो घर और गोमती विस्तार का एक घर तथा नोएडा में दो घर और एक दुकान शामिल थे। जांच के दौरान सिंह के यहां से आयकर अधिकारियों को 30 लाख रुपये नकद मिले और एक बैैंक लॉकर का पता चला। आयकर की टीम विशेष सचिव की आधा दर्जन संपत्तियों की पड़ताल कर रही हैै।
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भ्रष्टाचार व घूसखोरी की थी शिकायतें
आयकर उपनिदेशक जयनाथ वर्मा ने बताया कि जिन अधिकारियों के यहां जांच की गई है, उनके बारे में कई शिकायतें प्राप्त हुई थीं। इसमें सरकार की योजनाओं में भ्रष्टाचार से लेकर विभिन्न कामों के लिए होने वाले लेन-देन भी शामिल थे। आयकर टीम ने बताया कि इन अधिकारियों की बाबत उन्हें अपने सूत्रों से भी इनपुट मिले थे।
बेनामी संपत्ति पर है निशाना
आइएएस अधिकारियों के यहां जांच के दौरान आयकर टीम ने नकदी और बैैंक लॉकर के दस्तावेज तो खोज निकाले, लेकिन वास्तव में वे इसके लिए नहीं गए थे। उनको असल तलाश बेनामी संपत्ति की थी। इसीलिए आयकर टीम ने पूरी पड़ताल कर अधिकारियों के सभी शहरों में बनाए गए ठिकानों का पता लगाया और एक साथ सब जगह धावा बोल दिया। आयकर टीम को आशंका है कि जितन जगहों पर जांच की गई, उसमें कई बेनामी संपत्तियां भी हैैं। जांच के दौरान कब्जे में लिए गए दस्तावेजों की पड़ताल इसी नजरिए से की जा रही है।