Move to Jagran APP

आइएएस ने दी यूपीपीएससी अध्यक्ष को जेल भेजने की चेतावनी

भर्तियों में भ्रष्टाचार को लेकर प्रमुख सचिव सार्वजनिक उद्यम सूर्य प्रताप सिंह ने मंगलवार को न सिर्फ सरकार पर हमला बोला बल्कि आक्रामक तेवरों के साथ छात्रों की हौसला आफजाई भी की। पूर्व आईएएस बादल चटर्जी ने भी उनके सुर में सुर मिलाया।

By Ashish MishraEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2015 10:44 AM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2015 10:48 AM (IST)

लखनऊ। भर्तियों में भ्रष्टाचार को लेकर प्रमुख सचिव सार्वजनिक उद्यम सूर्य प्रताप सिंह ने मंगलवार को न सिर्फ सरकार पर हमला बोला बल्कि आक्रामक तेवरों के साथ छात्रों की हौसला आफजाई भी की। पूर्व आईएएस बादल चटर्जी ने भी उनके सुर में सुर मिलाया। सूर्य प्रताप ने तो यहां तक कहा कि मैं यदि इलाहाबाद का आयुक्त होता तो उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अनिल यादव जेल के अंदर होते। क्योंकि धारा 107,116 और 151 में दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई होती है।

loksabha election banner

प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की ओर 'भर्तियों में भ्रष्टाचार और युवाओं का भविष्य विषयक गोष्ठी में प्रमुख सचिव सूर्य प्रताप बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ भवन में आयोजित इस गोष्ठी में उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर शांति भंग करने में प्रतियोगी छात्रों के खिलाफ ही मुकदमा क्यों? अनिल यादव के खिलाफ क्यों नहीं? किसी भी प्रतिबंधित क्षेत्र में शांति भंग दोनों पक्षों की वजह से होती है। ऐसे में एक पक्ष के खिलाफ कार्रवाई क्यों?

उन्होंने जातिवादी भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए प्रदेश सरकार को निशाने पर लिया। कहा कि जाति विशेष और क्षेत्र विशेष के अधिकारियों को ही सभी 21 फीसद अहम पदों पर बैठाया गया है। यही वजह है कि प्रदेश में छात्र से लेकर पत्रकार तक अन्याय के चंगुल में फंसे हैं। उन्होंने प्रतियोगी छात्रों से सैकड़ों की भीड़ को हजारों की भीड़ में तब्दील कर अपनी आवाज जिले स्तर से लेकर राजधानी लखनऊ और फिर दिल्ली जंतर-मंतर पर बुलंद करने की सलाह दी।

भर्ती आयोग और बोर्ड पर निशाना :

सूर्य प्रताप सिंह ने प्रतियोगी छात्रों से सवाल किया कि लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष कौन है? उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष कौन है? अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष कौन है? माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का अध्यक्ष कौन है? नीचे आवाज आती रही ...यादव, ...यादव, ...यादव,... यादव। उन्होंने जाति विशेष और क्षेत्र विशेष को लेकर भी कटाक्ष किए। उन्होंने मैनपुरी, इटावा और कन्नौज कनेक्शन को लेकर निशाना साधा। प्रमुख सचिव ने प्रतियोगी छात्रों को लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अनिल यादव को बर्खास्त कराने के रास्ते सुझाए। आरक्षण व्यवस्था की अनदेखी किए जाने को लेकर प्रतियोगी छात्रों के समक्ष तमाम प्रमाणिक आंकड़े प्रस्तुत किए।

ब्यूरोक्रेसी सबसे बड़ी क्रिमिनल

सूर्य प्रताप ने राजनीतिक दलों और ब्यूरोक्रेसी के गठजोड़ पर कहा कि ब्यूरोक्रेसी किसी की सगी नहीं है। वह वर्तमान सुविधा, व्यवस्था और हालात के तहत काम करती है। मौका देखते ही गोली चलवाने से पहले एक सेकेंड नहीं सोचती है। जेल भेजने के लिए संगीन से संगीन धारा लगाने में कोई चूक नहीं करती है। वर्तमान व्यवस्था में ब्यूरोक्रेसी से बड़ा कोई क्रिमिनल नहीं है।

पंचम तल का चपरासी भी भारी

पूर्व आइएएस और इलाहाबाद के मंडलायुक्त रहे बादल चटर्जी ने कहा कि भ्रष्टाचार चरम पर है। अधिकारियों पर पंचम तल पर बैठा चपरासी भी भारी है। लोक सेवा आयोग में सचिव रहे चटर्जी ने वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार कर वर्तमान में सचिव पद पर बाबू को बैठाए जाने पर निशाना साधा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.