योगी सरकार के सौ दिनः विवादों के केंद्र में राधामोहन, स्वाती और पचौरी
योगी सरकार के सौ दिनों में खुद उनके मंत्रियों, नेताओं ने भी कई उलझनें खड़ी की। विवादों के चलते ही मुख्यमंत्री सचिवालय से दो अहम ओहदेदारों को रुखसत करना पड़ा।
लखनऊ [अवनीश त्यागी]। योगी सरकार के सौ दिनों में खुद उनके मंत्रियों, नेताओं ने भी कई उलझनें खड़ी की। विवादों के चलते ही मुख्यमंत्री सचिवालय से दो अहम ओहदेदारों को रुखसत करना पड़ा। मुख्यमंत्री के लिए सहारनपुर जिला सबसे बड़ा सिरदर्द बना रहा। गांव दुधली सड़क में बिना इजाजत लिए अंबेडकर शोभायात्रा निकालने के विवाद में भाजपाइयों व पुलिस टकराव ने किरकिरी करायी। सहारनपुर में अनेक बार दंगे जैसे हालात बने। जिसमें भाजपा नेताओं की भूमिका को लेकर भी सवाल उठे। हालात को काबू करने के लिए व्यापक प्रशासनिक बदलाव करने पड़े और सांसद राघव लखनपाल को लखनऊ बुला कर समझाना भी पड़ा।
मुख्यमंत्री के लिए गोरखपुर भी परेशानी का सबब बना। स्थानीय भाजपा विधायक डा. राधामोहन दास का महिला आइपीएस चारू निगम से टकराव लंबे समय सोशल मीडिया पर छाया। पार्टी में एक जिम्मेदार नेता माने जाने वाले डा.राधामोहन दास को अपनी छवि बचाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।
आगरा जिले के तेहरा जौतना व फतेहपुर सीकरी थानों में हिंदू संगठनों द्वारा किए गए उत्पात का ठीकरा भी सरकार पर ही फूटा। अलीगढ़ में भैंस काटने को लेकर तनाव हो जाने जैसी घटनाएं विभिन्न स्थानों पर सुनी जा रही है। अधिकतर मामलों में भाजपा के समर्थक भी माहौल बिगाडऩे में पीछे न रहे।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शुमार खादी व ग्रामोद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी द्वारा दिव्यांग कर्मचारी पर अमर्यादित टिप्पणी करना योगी सरकार की छवि पर दाग बना। पचौरी की मुश्किलें यहीं पर खत्म नहीं हुई। हरदोई में एक कार्यक्रम के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ी तो उनको एमआरआई कराने के लिए लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती होना पड़ा। एमआरआई कराते समय पचौरी के गनर की पिस्टल मशीन में फंस जाने से करीब 20 लाख रुपये की हानि हुई।
महिला कल्याण राज्य मंत्री स्वाती सिंह द्वारा एक बीयर रेस्तरां का फीता काटते हुए फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने से इस कदर बवाल हुआ कि मुख्यमंत्री योगी को अपनी मंत्री से जवाब तलब करना पड़ा। स्वाती सिंह भाजपा महिला मोर्चा में प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी संभाले हुए हैं। इसके अलावा मुरादाबाद मंडल की समीक्षा बैठक से पहले सांसद सर्वेश कुमार सिंह पर एक अधिकारी द्वारा पिटाई का आरोप लगाना भी सरकार के लिए निगेटिव बनकर सामने आया। कन्नौज में भाजपा व हिंदू युवा वाहिनी कार्यकर्ताओं के बीच में हिंसक टकराव होने से सरकार की भद पिटी।
अपनों से तनाव मिलने का खुद मुख्यमंत्री कार्यालय भी शिकार हुआ। योगी के निजी सचिव दीपक श्रीवास्तव, काशीनाथ तिवारी को अचानक हटाने से राजनीतिक गलियारे में तमाम चर्चाएं हुई। कड़े निर्देश के बाद भी मंत्रियों द्वारा अपनी संपति का ब्योरा देने मेंं अनावश्यक देरी करना, कई स्थानों पर विधायकों व वरिष्ठ नेताओंं के अधिकारियों से अमर्यादित व्यवहार ने भी सरकार की साख को चोट पहुंचाई।