Move to Jagran APP

बीपीएल कार्डधारक गायत्री प्रजापति जानिए, कैसे बने बीएमडब्लू के मालिक

साल 2002 में वह बीपीएल कार्ड धारक हुआ करते थे लेकिन उन पर 942 करोड़ से अधिक की संपति अर्जित करने का आरोप लगता रहा है।

By amal chowdhuryEdited By: Published: Wed, 15 Mar 2017 11:09 AM (IST)Updated: Wed, 15 Mar 2017 01:52 PM (IST)
बीपीएल कार्डधारक गायत्री प्रजापति जानिए, कैसे बने बीएमडब्लू के मालिक
बीपीएल कार्डधारक गायत्री प्रजापति जानिए, कैसे बने बीएमडब्लू के मालिक

लखनऊ (जेएनएन)। पिछले कई दिनों से पुलिस को छका रहे पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति आखिरकार आज पुलिस के हत्थे चढ़ गए। लेकिन उन्होंने जिस तरह से राजनीतिक सीढ़ियां चढ़ीं वह सभी को हैरत में डाल देता है। एक समय था जब वो बीपीएल कार्ड धारक हुआ करते थे लेकिन आज वो बीएमडब्लू सरीखी कई लग्जरी कारों के मालिक हैं। 

loksabha election banner

गायत्री प्रजापति एक गरीब परिवार से आते हैं। वह कॉन्ट्रेक्टर बनने के बाद स्थानीय राजनीति में शामिल हुए। साल 2002 में वह बीपीएल कार्ड धारक हुआ करते थे लेकिन उन पर 942 करोड़ से अधिक की संपति अर्जित करने का आरोप लगता रहा है। यूपी सरकार के सबसे विवादस्पद मंत्रियों में शुमार गायत्री प्रजापति साल 2002 तक गरीबी रेखा के नीचे आते थे। साल 2012 में उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 1.83 करोड़ रुपये बताई थी। साल 2009-10 में उनकी सालाना आय 3.71 लाख रुपये थी लेकिन वही गायत्री प्रसाद प्रजापति अब बीएमडब्लू जैसी लग्जरी कार से चलते हैं।

अमेठी से कांग्रेस को हराया: वह पहले विधायक हैं जिन्होंने अमेठी की सीट से कांग्रेस की अमिता सिंह को हराया था। 2012 में मिली इस जीत के बाद प्रजापति का राजनीति में जबरदस्त उदय हुआ। फरवरी 2013 में प्रजापति को अखिलेश यादव के मंत्रिमंडल में सिंचाई राज्य मंत्री का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया। जनवरी 2014 में, उन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में पदोन्नत किया गया। गायत्री प्रजापति को मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार के करीबी के रूप में जाना जाता है।

सबूतों के अभाव में बंद हुई पूछताछ: साल 2015 में प्रजापति के खिलाफ तीन शिकायतें दर्ज की गई थीं। उन पर आय से अधिक संपत्ति रखने और राज्य में अवैध खनन को पनाह देने का आरोप था। हालांकि सबूतों के अभाव में पूछताछ बंद कर दी गई थी। साल 2016 में अखिलेश यादव ने पार्टी में जारी पारिवारिक विवाद के चलते प्रजापति को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था लेकिन जल्द ही उन्हें मंत्रिमंडल में दोबारा जगह दे दी गई।

यह भी पढ़ें: न्यायिक रिमांड पर भेजे गये दुष्कर्म के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति

रेप का आरोप: साल 2014 में बुंदेलखंड की एक महिला ने आरोप लगाया कि प्रजापति ने अपने छह साथियों के साथ लखनऊ स्थित अपने आधिकारिक निवास पर उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस को दर्ज करवाई गई अपनी शिकायत में महिला ने बताया कि उसे प्रजापति के घर बुलाया गया और उसकी चाय में कुछ नशीला पदार्थ मिला कर बेहोश कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। महिला के मुताबिक, प्रजापति और उनके साथियों ने गैंगरेप की कुछ तस्वीरें लेकर उसे ब्लैकमेल किया गया और उसे एक बार फिर प्रजापति के घर आने के लिए कहा गया, जहां कई महीनों तक उसका यौन शोषण किया गया। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि उसकी 17 साल की बेटी के साथ भी बलात्कार की कोशिश की गई। महिला के मुताबिक पुलिस में सुनवाई नहीं होने की वजह से उसने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

गायत्री के नाम है ये कंपनियां

सहयोग बिल्डमेट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर, एमजीएम एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड, डीसेंट कॉन्ट्रैक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड, एमएसजी रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड, एमएसए इंफ्रा वैंचर प्राइवेट लिमिटेड, कान्हा बिल्डवैल प्राइवेट लिमिटेड, मग्स एंटरप्राजेज प्राइवेट लिमिटेड, एमजीए हासपिटैलिटी सर्विसज प्राइवेट लिमिटेड, दया बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड, नवदृष्टी टेक्नोलॉजी सल्यूशन्स, एक्सल बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड, लाइफक्योर मेडिकल एंड रिसर्च सेंटर प्राइवेट लिमिटेड। साल 2002 में इके पास 91,436 रुपए की संपत्ति थी,लेकिन साल 2017 में 10 करोड़ 2 लाख 51 हजार 101 रुपए की संपत्ति हो गई।

यह भी पढ़ें: अखिलेश से मिले मुलायम, बोले हार के लिए कोई जिम्मेदार नहीं


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.