आतंकी घुसपैठ का खतरा देख इंडो-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट
आइएस के आतंकियों की एक टोली उत्तर प्रदेश में घुसपैठ को प्रयासरत है। यह टोली साधु-संत वेश में धार्मिक स्थलों पर हमले कर सकती है।
लखनऊ (जेएनएन)। भारत में तबाही फैलाने की साजिश में जुटे आइएस के आतंकियों की एक टोली उत्तर प्रदेश में घुसपैठ को प्रयासरत है। यह टोली साधु-संत वेश में धार्मिक स्थलों पर हमले कर सकती है। इसके चलते यूपी से जुड़ी नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट किया गया है। लखीमपुर महाराजगंज, बहराइच और गोरखपुर आदि जिलों के पास इंडो-नेपाल बॉर्डर पर अलर्ट का असर देखने को मिला। बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। हर आने-जाने वाले की सघन तलाशी के बाद ही उसे सीमा पार आने की अनुमति दी जा रही है। वहीं नो मैंस लैंड के आसपास भी गश्त बढ़ा दी गई है। इस दौरान पुलिस ने वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, अयोध्या के प्रमुख धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी है। प्रमुख मंदिरों, संवेदनशील सावर्जनिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया जा रहा है।
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जंगली रास्तों पर गश्त और चौकियों पर सतर्कता
इंडो नेपाल सीमा पर एसएसबी ने वन विभाग को जंगल के रास्ते पर संयुक्त रूप से गश्त करने के लिए कहा है। सीमा पर अवैध मार्गों, जहां से तस्करी का काम किया जाता है उन पर भी निगरानी रखी जा रही है। नदी घाटों पर भी एसएसबी के जवान सक्रिय कर दिए गए हैं। एसएसबी चौकियों पर भी 24 घंटे किसी न किसी जवान को तैनात रहने के सख्त निर्देश लागू हो गए। चौकी के आसपास संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जा रही है।
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खोजी कुत्तों का लिया जा रहा सहारा
पहले भी यह सीमा आतंकवादियों को लेकर चर्चा में रही है। टुंडा नाम के आतंकवादी को भी सुरक्षा बलों ने यहीं से गिरफ्तार किया था। बार्डर पर एसएसबी डाग स्क्वायड के जरिए तलाशी ले रही है। तलाशी में उन कुत्तों का इस्तेमाल किया जा रहा है जिन्हें विशेष रूप से विस्फोटक पहचानने की ट्रेनिंग दी गई है। लखीमपुर पुलिस क्षेत्राधिकारी जितेंद्र गिरि ने कहा कि अलर्ट जारी होने के बाद पुलिस भी सक्रिय है। बॉर्डर पर एसएसबी की मदद के लिए गौरीफंटा कोतवाली पुलिस को दिशा निर्देश दिए गए हैं। वाहनों की चेकिंग का अभियान चलाया जाएगा।
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