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राज्यपाल का पद आराम का नहीं : राम नाईक

लखनऊ। सार्वजनिक मंच के उत्तर प्रदेश की खराब कानून-व्यवस्था की आलोचना के करने के बाद से लगातार

By Edited By: Published: Tue, 21 Oct 2014 10:20 AM (IST)Updated: Tue, 21 Oct 2014 10:20 AM (IST)

लखनऊ। सार्वजनिक मंच के उत्तर प्रदेश की खराब कानून-व्यवस्था की आलोचना के करने के बाद से लगातार सरकार के निशाने पर रहने वाले प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक को अपनी किसी प्रकार की आलोचना की चिंता नहीं है। वह मानते हैं कि राज्यपाल का पद आराम का नहीं हैं, इसी कारण में अनवरत काम कर रहा हूं, आलोचना करने वालों की मुझे परवाह नहीं है। 22 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के रूप में तीन माह पूरा करने जा रहे नाईक ने इस अवसर पर 'राज भवन में राम नाईक' पुस्तिका का विमोचन किया जिसका संपादन उनकी पुत्री विशाखा कुलकर्णी ने किया है। इसमें उनके तीन माह के कार्य का ब्यौरा है।

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राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि यह धारणा गलत है कि राज्यपाल का पद आराम का पद है। उनकी भूमिका यह सुनिश्चित करने की है कि प्रदेश सरकार संविधान के मुताबिक काम करे। आरटीआइ एक्ट के तहत जो सूचना कोई भी व्यक्ति प्राप्त कर सकता है, उसे देना मैं अपना दायित्व मानता हूं। सरकार ने मुझे कोई आर्डिनेंस भेजा तो उसके सम्बंध में मैंने क्या किया, यह सरकार और जनता दोनों को बताना जरूरी है।

मोहन भागवत निजी मित्र, कैसे न बुलाता : नाईक

राज्यपाल राम नाईक ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत को राज भवन में आमंत्रित करने पर उठने वाली आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा है कि जब राजभवन सभी के लिए खुला है तो निजी मित्र होने के नाते सर संघचालक को बुलाना गलत नहीं है। आखिरकार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, बसपा अध्यक्ष मायावती, जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष शरद यादव व अन्य नेताओं को भी मैं राजभवन आमंत्रित कर चुका हूं। मैं किसी तरह की अस्पृश्यता को उचित नहीं मानता।

कानून व्यवस्था में सुधार लेबोरेट्री जैसा काम नहीं

उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था के बारे में की गई टिप्पणियों के बारे में नाईक ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था को बेहतर करने के लिए वह कोशिशें कर रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि कानून-व्यवस्था का विषय लैबोरेट्री में काम करने जैसा नहीं है। सुधार के लगातार प्रयत्न करने होंगे। अन्य कई प्रदेशों में इसे सुधारे जाने की आवश्यकता है।

राजनीतिक टिप्पणियों पर कुछ नहीं कहना

समाजवादी पार्टी के हाल ही में हुए अधिवेशन में अपने बारे में की गई टिप्पणियों पर राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने समाचार पत्रों में पढ़ा था लेकिन न तो सपा का राजनीतिक प्रस्ताव मंगाकर देखा और न ही सपा ने भेजा और इन टिप्पणियों पर उन्हें कुछ नहीं कहना।

अच्छे दिन आएंगे

राज्यपाल ने पेट्रोल-डीजल के दाम कम होने का स्वागत करते हुए उम्मीद जाहिर की कि अब महंगाई भी कम होगी और अच्छे दिन भी आएंगे। उन्होंने महाराष्ट्र व हरियाणा के चुनाव नतीजों का स्वागत किया।

राजभवन खुफिया एजेंसी नहीं

राज्यपाल ने कहा राज भवन खुफिया एजेंसी नहीं है। अगर कोई मंत्री या सार्वजनिक जीवन में कोई भी पद धारक गलत आचरण करता है तो शिकायत लोकायुक्त से की जानी चाहिए। यह पूछे जाने पर कि लोकायुक्त की रिपोर्ट के सम्बंध में उन्होंने जो पत्र मुख्यमंत्री को लिखा गया है उस पर क्या हुआ, राज्यपाल ने कहा उन्हें बताया गया है कि 'संज्ञान' लिया गया है।

मेट्रो व जनेश्वर मिश्र पार्क भाए नाईक को

राज्यपाल ने लखनऊ में प्रस्तावित मेट्रो तथा निर्माणाधीन जनेश्वर मिश्र पार्क को अच्छी पहल बताया है। इशारों में यह भी कहा कि मेट्रो निर्माण में समय लगता है। लखनऊ में मेट्रो का भूमि पूजन हुआ है लेकिन देखना होगा कि यह किस तरह पूरा होता है। मुम्बई में 2005 में प्रधानमंत्री ने मेट्रो परियोजना का शिलान्यास किया था और करीब नौ साल बाद यह शुरू हो सकी। राज्यपाल ने कहा कि जनेश्वर मिश्र पार्क भी अच्छी परियोजना है।

शीघ्र नियुक्त होंगे कुलपति

नाईक ने कहा कि नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय व राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में कुलपतियों की नियुक्ति की जा चुकी है। इसके साथ एसजीपीजीआई में निदेशक व छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में कुलपति की नियुक्ति दस-बारह दिनों में कर दी जाएगी। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय व बांदा कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति तीन महीने में कर दी जाएगी।


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