सेनाध्यक्ष ने शुरू की भूमि दुरुपयोग की जाच
सीतापुर(आशीष बाजपेयी)। सीतापुर सदर में सेना की जमीन पर बीते वर्ष अवैध धान की खेती के प्रकरण्
सीतापुर(आशीष बाजपेयी)। सीतापुर सदर में सेना की जमीन पर बीते वर्ष अवैध धान की खेती के प्रकरण की जाच करने को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल बिक्रम सिंह कल पहुंचे। रक्षा मंत्रालय के आदेश पर जाच करने आए सेनाध्यक्ष ने सिख रेजीमेंट व अन्य अधिकारियों से पूछताछ की। तकरीबन एक घटे तक चली पड़ताल इतने गोपनीय तरीके से हुई कि किसी भी आइबी तथा प्रशासनिक अधिकारियों को भी वहा जाने की इजाजत नहीं दी गई। जनरल बिक्रम सिंह 31 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं।
बीते वर्ष सदर क्षेत्र में सेना की जमीन पर अवैध तरीके से धान की खेती का मामला सामने आया था। सुर्खियों में रहे मामले को लेकर सेना के अफसरों के कान खड़े हो गए थे। आनन-फानन सिख रेजीमेंट के अधिकारियों को जाच में लगाया गया। लखनऊ से सेना के कई अधिकारी भी सीतापुर पहुंचे थे। जाच प्रक्रिया शुरू होने के बाद धान की फसल जस की तस खड़ी रही। समय बीतने के साथ मामला भी ठंडे बस्ते में चला गया, लेकिन डिफेंस मिनिस्ट्री और आर्मी सेंट्रल कमाड ने इसे गंभीरता से लेते हुए जाच के आदेश दिए। इसके बाद कल को चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ जनरल बिक्रम सिंह जाच के लिए सीतापुर मिलिट्री फार्म पहुंचे। यहा उन्होंने सिख लाइट इंफेंट्री के अधिकारियों से वार्ता की। छानबीन करने के बाद जनरल बिक्त्रम सिंह सेना के हेलीकॉप्टर से वापस लौट गए। सूत्रों की मानें तो जाच के बाद सेना के कई अफसरों पर कोर्ट मार्शल की कार्रवाई हो सकती है।
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डिफेंस मिनिस्ट्री ने दो दिन पहले दी थी जानकारी
डिफेंस मिनिस्ट्री के पब्लिक रिलेशन ऑफीसर विंग कमाडर बसंत कुमार बी. पाडेय ने कहा था कि प्रकरण की उच्च स्तरीय जाच के आदेश आ गए हैं। इस जाच के खुलासे के बाद संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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यादें ताजा करने यूपी पहुंचे सेना प्रमुख
सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह कल कानपुर पहुंचे यहा पर उन्होंने छह सिखलाई रेजीमेंट का दौरा कर अफसरों से मिलकर पुरानी यादें ताजा कीं और गुरुद्वारा में मत्था टेका। इसके बाद वह लखनऊ पहुंचे। यहा पर भी उन्होंने लोगों से मिलकर शहीदों को श्रद्धाजलि अर्पित की। सीतापुर में प्रशिक्षण केंद्र का भूमिपूजन किया। सेना प्रमुख का कार्यक्रम बेहद गोपनीय रहा, उसमें केवल रेजीमेंट के अफसरों को ही रहने की अनुमति दी गई। सेना प्रमुख का हेलीकाप्टर दिन में करीब 11:30 बजे कानपुर छावनी पहुंचा। यहा उन्होंने सेना के पुराने व नए अफसरों से मुलाकात की, उनसे सुरक्षा व्यवस्था के मसले पर विस्तृत विचार-विमर्श किया। उन्होंने रेजीमेंट परिसर में स्थित गुरुद्वारे में मत्था टेका। अपने मातहतों से पुरानी यादें भी शेयर की। वे कानपुर में बतौर कर्नल तैनात रह चुके हैं। शाम को दो दिनी दौरे पर लखनऊ पहुंचे बिक्रम सिंह ने सीतापुर में सिख लाई रेजीमेंट प्रशिक्षण केंद्र के लिए भूमि पूजन किया। लखनऊ में सूर्या आफिसर संस्थान में सेवानिवृत्त अवार्डी अफसरों से भी मुलाकात की। शाम को यहा भोज का भी आयोजन किया गया है। शाम मध्य कमान के लेफ्टिनेंट जनरल के यहा चाय पार्टी में शामिल हुए। लखनऊ में शहीदों को शाम पाच बजे श्रद्धाजलि दी। आज लखनऊ में उनका विदाई समारोह होगा।