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नेता विरोधी दल गया चरण दिनकर को 27 तक करना होगा लाल बत्ती का इंतजार

मायावती की मौजूदगी में आज विधान मंडल दल की बैठक में गया चरण दिनकर को नेता प्रतिपक्ष चुना गया। अनुसूचित जाति के दिनकर बांदा जिले की नरैनी सीट से विधायक हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2016 01:16 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2016 09:57 AM (IST)
नेता विरोधी दल गया चरण दिनकर को 27 तक करना होगा लाल बत्ती का इंतजार

लखनऊ (जेएनएन)। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की मौजूदगी में आज विधान मंडल दल की बैठक में गया चरण दिनकर को दल का नेता चुना गया। अब गयाचरण दिनकर नेता प्रतिपक्ष होंगे। बहुजन समाज पार्टी के विधायकों ने आज शाम को विधान भवन जाकर स्पीकर को पत्र भी सौंप दिया।

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गया चरण दिनकर को आज बहुजन समाज पार्टी के विधायक दल का नेता चुना गया। अनुसूचित जाति के दिनकर बांदा जिले की नरैनी सीट से विधायक हैं। वह पहली बार 1991 में विधायक बने थे। मायावती ने गया चरण दिनकर के नाम को हरी झंडी दे दी है।

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स्वामी प्रसाद मौर्य के पार्टी छोडऩे के बाद से नेता विरोधी दल का पद खाली है। इसको लेकर मायावती ने आज विधायकों के साथ बैठक की। बैठक में गया चरण दिनकर के नाम पर मुहर लग गई। दिनकर प्रदेश विधानसभा में बसपा विधायक दल के उपनेता हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तथा विधान परिषद में नेता महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और विधायक गया चरण दिनकर में ट्यूनिंग भी बहुत बेहतर है।

गया चरण दिनकर को बहुजन समाज पार्टी विधायक दल का नेता चुनने के बाद पार्टी के विधायक शाम को विधान भवन पहुंचे। यहां पर बहुजन समाज पार्टी के करीब एक दर्जन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय को नेता प्रतिपक्ष बदलने का अनुरोध करने के साथ ही पत्र भी सौंपा। विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने विधायकों का पत्र लेकर इस प्रकरण पर निर्णय दो दिन के लिए टाल दिया है। शनिवार व रविवार की छुट्टी के कारण अब निर्णय 27 जून सोमवार को होगा। इसी कारण से गया चरण दिनकर को अब लाल बत्ती सोमवार को मिलेगा।

दिनकर ने दिया था विवादित बयान

बसपा विधायक दल के उपनेता और बांदा जिले की नरैनी विधानसभा सीट से विधायक गया चरण दिनकर ने बीते दिनों बेतुका बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि बहुजन समाज की महिलाएं पढ़ी-लिखी नहीं है और अन्य वर्ग की महिलाओं से बसपा को कोई फायदा होने वाला नहीं है, इसलिए बसपा में महिलाओं को कम टिकट दिया जाता है।

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2007 के विधानसभा चुनाव में बाबू सिंह कुशवाहा ने पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार गया चरण दिनकर (अब नरैनी विधायक व विधानमंडल में बसपा विधायक दल के उपनेता) को बांदा की बबेरू सीट से हरवाकर विश्वम्भर सिंह को जिताने में अहम भूमिका निभाई थी। यह आरोप चार जनवरी, 2008 को पार्टी की चुनावी समीक्षा में दिनकर ने लगाया था।


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