संत ज्ञानेश्वर को श्रद्धांजलि देना चाहते थे शिष्य
लखनऊ। गुरु पूर्णिमा 12 जुलाई को है और इसके पहले ही संत ज्ञानेश्वर के शिष्य सुलतानपुर के ब्ला
लखनऊ। गुरु पूर्णिमा 12 जुलाई को है और इसके पहले ही संत ज्ञानेश्वर के शिष्य सुलतानपुर के ब्लाक प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू को मारकर उन्हें श्रद्धांजलि देना चाहते थे। मोनू को भी इस हमले की आहट लग चुकी थी। इसी कारण वह सतर्क थे और उनकी जान बच गई। अपनी फूल प्रूफ सुरक्षा के साथ ही वह बाहर निकलते थे।
फैजाबाद कचहरी परिसर में बुधवार को हुए गैंगवार में मोनू पर कातिलाना हमला करने वाले नेपाल के साहिल की मौत हो गई, जबकि आगरा का जयनेन्द्र कुमार शर्मा पकड़ा गया। पुलिसिया पूछताछ में जयनेन्द्र ने बहुत सी अहम जानकारी दी है। 2006 में मारे गए संत ज्ञानेश्वर के प्रमुख शिष्यों में जयनेन्द्र कुमार भी है। सुलतानपुर व बाराबंकी की जमीनों को लेकर संत ज्ञानेश्वर और पूर्व विधायक इंद्रभद्र सिंह के बीच विवाद था। इसी विवाद में इन्द्रभद्र की हत्या हुई थी। इंद्रभद्र के पुत्र पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह सोनू और उनके भाई यशभद्र सिंह मोनू को मारकर उनके शिष्य जमीनी विवाद का निपटारा तो चाहते ही थे, इस बार गुरु पूर्णिमा से पहले किसी एक भाई को हर हाल में निपटाने की योजना थी। यह गुरु को श्रद्धांजलि देने की तैयारी थी।
कई माह पहले मोनू ने शासन के कुछ उच्चाधिकारियोंसे मिलकर अपने ऊपर खतरे से आगाह कराया था। जरायम के हल्कों से ही मोनू को यह खबर मिली थी कि नेपाल के कुछ अपराधी उन्हें मारने की रेकी कर रहे हैं। तब एक एडीजी ने इस पर ध्यान दिया तो नेपाल के चार-पांच लोगों का नाम भी सामने आया।
इस दौरान मोनू और सोनू का शक लेखपाल रामकुमार यादव की पत्नी कमला देवी पर गया था। संभव है कि ज्ञानेश्वर के शिष्यों ने कमला देवी से सांठ-गांठ कर ली हो, लेकिन अभी पुलिस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। मोनू पर हमले में षड्यंत्र के आरोपी पूर्व मंत्री विनोद सिंह से भी हमलावरों के रिश्तों की कोई पुष्ट खबर नहीं मिल सकी है। पूछताछ में जयनेन्द्र से पता चला कि उन लोगों ने सोनू-मोनू की रेकी कई बार की। चूंकि भाइयों में मोनू ही दुश्मनों की आंख की किरकिरी बना रहा, इसी कारण उस पर ही ज्यादा खतरा बना था।
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जयनेन्द्र को आज रिमांड पर मांगेगी पुलिस
ब्लाक प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू पर हमले के आरोप में गिरफ्तार आगरा के जयनेन्द्र कुमार शर्मा को पुलिस रिमांड पर लेगी। जयनेन्द्र को कल जेल भेज दिया गया। पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था अमरेन्द्र कुमार सेंगर ने बताया कि जयनेन्द्र को आज रिमांड पर लेने की अर्जी लगाई जाएगी। इस हमले से पहले भी जयनेन्द्र सोनू-मोनू को मारने की फिराक में था। जमीन के विवाद और गुरु ज्ञानेश्वर की हत्या ही इसकी वजह रही। पूर्व मंत्री विनोद सिंह की भूमिका के संदर्भ में उन्होंने बताया कि वह षड्यंत्र के आरोपी हैं। उनकी भूमिका की छानबीन की जा रही है। मौके पर मिले प्रतिबंधित बोर के कारतूस के बारे में उन्होंने कहा कि इसके बारे में पता किया जा रहा है। मोनू के समर्थकों ने ही हमलावरों पर गोलियां चलाई थी। उन्होंने जयनेन्द्र के बार-बार बयान बदलने की भी जानकारी दी। यह स्वीकार किया कि हमलावर नीली बत्ती लगी फारचूनर गाड़ी से आए थे।
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फैजाबाद कचहरी की बढ़ी सुरक्षा
पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था अमरेन्द्र कुमार सेंगर ने बताया कि फैजाबाद कचहरी की सुरक्षा व्यवस्था और चौकस कर दी गई है। अब वहां सात पुलिस उपनिरीक्षक, दो अतिरिक्त मुख्य आरक्षी, 25 सिपाही, डेढ़ सेक्शन पीएसी समेत भारी संख्या में होमगार्ड लगाए गए हैं। कचहरी के छह गेट में दो बंद कर दिए गए हैं। अब चार गेट ही खुले रहेंगे और वहां भरपूर निगरानी होगी। घटना के जिम्मेदार पुलिस के कर्मियों पर कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने कहा अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था मुकुल गोयल ने समीक्षा की है, लेकिन वह वाराणसी चले गए हैं। लौटने के बाद ही इस पर विचार किया जाएगा।