इलाहाबाद में मंदिर के विवाद में दरोगा समेत पांच लोगों की हत्या
इलाहाबाद में मंदिर के विवाद को लेकर छुट्टी पर घर आए कानपुर में तैनात दारोगा सुरेश पांडेय ने राइफल से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई। इस पर दूसरे पक्ष के लोगों ने दारोगा व उसके पिता को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया।
लखनऊ। इलाहाबाद का एक गांव आज शाम गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज गया। इस फायरिंग से पांच लोगों की मौत हो गई। मंदिर के विवाद को लेकर छुट्टी पर घर आए कानपुर में तैनात दारोगा सुरेश पांडेय ने राइफल से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई। इस पर दूसरे पक्ष के लोगों ने दारोगा व उसके पिता को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। एक की हालत नाजुक बनी है। आइजी आरके चतुर्वेदी व डीआइजी जीके शाही कई थानों की फोर्स के साथ गांव पहुंच गए हैं।
इलाहाबाद जिला मुख्यालय से करीब चालीस किलोमीटर दूर यमुनापार के कौंधियारा क्षेत्र में इकौनी गांव निवासी रिटायर्ड दारोगा रामकैलाश पांडेय (65) का छोटा बेटा सुरेश पांडेय भी दारोगा पद पर कानपुर के चमनगंज थाने में तैनात था। पिछले दिनों वह लाइन हाजिर कर दिया गया था। दारोगा के पिता ने गांव में वर्षों पहले मंदिर का निर्माण कराया था। इसके बगल में पट्टीदार शिवसेवक पांडेय (60) भी मंदिर बनवा रहे थे। शिवसेवक भी दारोगा पद से रिटायर हुए थे। रामकैलाश, शिवसेवक के मंदिर का विरोध कर रहे थे। दो दिन पहले ही दोनों में झगड़ा हुआ था। यह जानकारी मिलने पर सुरेश भी गांव आ गए थे। गांव वालों ने बताया कि शाम करीब साढ़े छह बजे सुरेश ने गाली-गलौज शुरू कर दी। शिवसेवक, उनके भाई कृष्ण सेवक (40) व राम सेवक (35) और भतीजा विमल (30) ने विरोध किया तो सुरेश ने अपनी लाइसेंसी राइफल से गोली चलाने लगा। गोली लगते ही शिवसेवक, कृष्ण सेवक और विमल की मौत हो गई। रामसेवक गंभीर रूप से घायल हो गए। दूसरे पक्ष से भी लोग जुट गए और सुरेश व उसके पिता रामकैलाश को राइफल की बट से पीटकर मौत के घाट उतार दिया। वारदात के बाद गुस्साए लोग हंगामा भी किया। आइजी आरके चतुर्वेदी ने दारोगा समेत पांच लोगों की मौत की पुष्टि की है। उनका कहना है कि घटना में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। रामसेवक को इलाहाबाद स्थित स्वरूपरानी नेहरू हास्पिटल में दाखिल कराया गया है।