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29 गन्ना मिलें बंद, कैसे होगा किसान के 5647 करोड़ का भुगतान

अखिलेश यादव की सरकार के तीन वर्ष के शासन में गन्ना मूल्य भुगतान का संकट साल दर साल गहरा रहा है। 5647.57 करोड़ रुपये का बकाया होने से किसानों की मुश्किलें आसान होती नहीं दिख रही क्योंकि चीनी मिल मालिकान ने हाथ खड़े कर दिए। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 27 Mar 2015 11:04 AM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2015 11:09 AM (IST)
29 गन्ना मिलें बंद, कैसे होगा किसान के 5647 करोड़ का भुगतान

लखनऊ(अवनीश त्यागी)। अखिलेश यादव की सरकार के तीन वर्ष के शासन में गन्ना मूल्य भुगतान का संकट साल दर साल गहरा रहा है। 5647.57 करोड़ रुपये का बकाया होने से किसानों की मुश्किलें आसान होती नहीं दिख रही क्योंकि चीनी मिल मालिकान ने हाथ खड़े कर दिए। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में और सहायता देने गुहार की है। वहीं मिलें बंद होने का सिलसिला जारी है। तीन सहकारी मिलों सहित 29 मिलों में पेराई कार्य बंद हो गया। चीनी के दाम घटने के साथ मिलों की बिजली खरीद भी 18 मार्च से बंद है।

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मार्च माह में गन्ना किसानों का मिलों पर पहली बार इतनी बड़ी रकम बकाया हो गई है। जिसमें 104.80 करोड़ रुपये ब्याज भी है। उत्तर प्रदेश चीनी मिल्स एसोसिएशन के सचिव दीपक गुप्तारा का कहना है चीनी मूल्यदाम 24 सौ से 26 सौ प्रति क्विंटल होने के कारण वित्तीय स्थिति दयनीय हो गई है ऐसे में मूल रकम की अदायगी भी आसान न होगी। चीनी के दामों में लगातार गिरावट होना उप्र की मिलों को खतरे की घंटी है। शासन को लिखे पत्र में याद दिलाया कि चीनी मूल्य 31 सौ रुपये प्रति क्विंटल से कम रहने पर सरकार ने अतिरिक्त मदद का आश्वासन दिया गया था।

बिजली बिक्री के 550 करोड़ बकाया

चीनी मिलों ने जो 550 करोड़ रुपये से अधिक की बिजली बेची थी, उसका भुगतान नहीं सका। इतना नहीं विद्युत निगम ने 18 मार्च से मिलों की बिजली खरीद भी बंद कर दी है, जिससे मिलों का वित्तीय घाटा और ज्यादा बढ़ेगा। सूत्रों का मानना है कि गन्ना संकट का समाधान जल्द नहीं किया गया तो अगले पेराई सत्र में काफी मिलें चलने की स्थिति में नहीं रहेंगी और चीनी उद्योग चौपट होने की कगार पर होगा। फौरी समाधान का उपाय बताते हुए भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विजयपाल तोमर का कहना है कि आयातीत चीनी को महंगी किए बिना बात नहीं बनेगी। मोर्चे की ओर से आयात शुल्क बढ़ाकर 40 फीसद करने का सुझाव प्रधानमंत्री व भाजपा नेतृत्व का भेजा गया है।

बंद चीनी मिलें

बुलंदशहर, साबितगढ़, मिलक नारायणपुर रामपुर, बहेड़ी, रजपुरा, फरीदपुर, नवाबगंज, रोजा, मकसूदापुर, लोनी, रूपापुर, बधौली, हैदरगढ़, गड़ौरा, मिझौला अम्बेडकरनगर, वाल्टरगंज बस्ती, कुंदरकी, रोजा, खलीलाबाद, परतापुर, रुदौली, परतापुर, कप्तानगंज व बिसौली के साथ सहकारी क्षेत्र की विलासपुर व साठा।

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वर्ष बकाया करोड़ में

2012-13 10.67

2013-14 347.54

2014-15 5290.36

कुल योग - 5647.57


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