बाराबंकी में डीएम आफिस के सामने फांसी पर झूला किसान
नई दिल्ली में राजस्थान के किसान गजेन्द्र सिंह की आत्महत्या का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि आज तड़के करीब तीन-चार बजे लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले में एक किसान ने जिलाधिकारी कार्यालय के सामने पेड़ पर फांसी लगाकर जान दे दी। किसान के फांसी पर लटकने की
लखनऊ। नई दिल्ली में राजस्थान के किसान गजेन्द्र सिंह की आत्महत्या का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि आज तड़के करीब तीन-चार बजे लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले में एक किसान ने जिलाधिकारी कार्यालय के सामने पेड़ पर फांसी लगाकर जान दे दी। किसान के फांसी पर लटकने की खबर से जिले में सनसनी फैल गई।
लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पेड़ से उतारा। जेब से मिले आधारकार्ड से उसकी पहचान हैदरगढ़ कोतवाली क्षेत्र के ग्राम पूरेभुलभुलिया सरेरावत मजरे दतौली निवासी 35 वर्षीय किसान आसाराम गौतम के रुप में हुई। किसान की जेब से सुसाइड नोट भी मिला। जिसमे 16 लोगो के नाम लिखे है जिनका वह कर्जदार था। मौके पर पहुंचे डीएम ने एसडीएम हैदरगढ़ को जांच सौंपी है।
पोस्टमार्टम हाऊस में मृतक के रिश्तेदार ताराचंद ने बताया आशाराम के पिता स्व. प्यारेलाल गौतम गांव के पूर्व प्रधान थे। 2009 से मार्च 2012 तक नगर पंचायत सुबेहा में आशाराम संविदा पर सफाई कर्मी की नौकरी करता था। पिता की मौत के बाद उसने नौकरी छोड़कर खेती शुरू कर दी। मृतक के पास आठ बीघे जमीन थी जिसमे से तीन बीघे जमीन उसने बेच दी थी। उस पर बैंक ऑफ इंडिया शाखा मकनपुर भिलवल, विजया बैंक हैदरगढ़ व बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा हैदरगढ़ में करीब चार लाख रूपए का कर्ज था। उसने कुछ अन्य लोगो से भी ब्याज पर पैसा ले रखा था। कल सुबह ही वह सात बजे घर से निकल गया था। पुलिस के अनुसार मृतक के पास से सुसाइड नोट मिला है जिसमें कुछ लोगो का कर्ज बकाया होने की बात कही गई है। एसडीएम हैदरगढ़ डीपी ङ्क्षसह का कहना है कि करीब पांच बीघे फसल 35 से 40 प्रतिशत तक खराब हुई है। किस बैंक से कितना कर्जा था इसकी जांच की जा रही है।