पुलिस हिरासत से भागा जाली मुद्रा का सौदागर फिर गिरफ्तार
अदालत में पेशी पर लाए सिपाही को नशीली चाय पिलाकर फरार इनामी अली अहमद उर्फ डॉ. समीर कल एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। नेपाल निवासी समीर जाली मुद्रा की तस्करी में अरसे से लिप्त है। एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि अली को राजधानी के नाका इलाके
लखनऊ। अदालत में पेशी पर लाए सिपाही को नशीली चाय पिलाकर फरार इनामी अली अहमद उर्फ डॉ. समीर कल एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। नेपाल निवासी समीर जाली मुद्रा की तस्करी में अरसे से लिप्त है।इस बीच इटावा में नकली नोटों के साथ चार तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं। पश्चिम बंगाल के मालदा जिले से इटावा लाये जा रहे पांच लाख रुपये के नकली नोटों के साथ सीबीआई टीम ने चार लोगों को पकड़ा। ये लोग फरक्का एक्सप्रेस से आये थे। पकड़े गये लोगों में सर्वेश पाठक निवासी व निर्मल तिवारी निवासी गोविंदनगर औरैया व निताई घोष और शिबूलाल मंडल निवासी वैभवनगर मालदा हैं। सीबीआई की सात सदस्सीय टीम ने आपीएफ के सहयोग से इस कार्रवाई को अंजाम दिया। पकड़े गये आरोपी बड़े पैमाने पर नकली नोटों को कारोबार करते हैं। इनमें सर्वेश पाठक कई बार पकड़ा जा चुका है।
एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि अली को राजधानी के नाका इलाके से गिरफ्तार कर एसटीएफ ने 12 हजार रुपये जाली भारतीय मुद्रा, पाकिस्तान और नेपाल की मुद्राएं तथा कई अहम दस्तावेज बरामद किए हैं। उसकी गिरफ्तारी की सूचना से आइबी, एटीएस समेत कई सुरक्षा एजेंसियों को अवगत करा दिया गया है। इन एजेंसियों की टीम पूछताछ करेंगी। मूलत: बिहार के पश्चिमी चंपारण का रहने वाला अली अहमद वर्ष 2004 में एक झगड़े के बाद नेपाल भाग गया। वहां दो चार माह घूमने के बाद वह जाली नोट के एक बड़े कारोबारी के संपर्क में आया। अली अहमद की कार्यशैली ने उसे धंधे में बहुत महत्वपूर्ण बना दिया। वह पाकिस्तान में इस धंधे से जुड़े कई आकाओं के संपर्क में रहा।
गुजरात से प.बंगाल तक जिम्मेदारी:
आइएसआइ के संपर्क में आने और पाकिस्तानी सोहबत ने अली अहमद का ओहदा बढ़ा दिया। वह जाली नोट के कारोबार का एक महत्वपूर्ण अंग बन गया। उसने पश्चिम बंगाल से लेकर गुजरात तक नेटवर्क खड़ा किया और हर जगह अपने भरोसेमंद कैरियर बनाये। उसके बनाये गए कैरियर जाली नोटों की आपूर्ति के लिए नये नये लोगों की तलाश करते हैं। एसटीएफ उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।
पेशी के दौरान हुआ था फरार :
अली अहमद उर्फ डॉ. समीर को एसटीएफ ने वर्ष 2010 में राजधानी में डेढ़ लाख रुपये जाली भारतीय मुद्रा के साथ गिरफ्तार किया था। उसकी सत्र न्यायालय में आठ अप्रैल 2011 को पेशी थी। बताते हैं कि आइएसआइ के इशारे पर साजिश करके उसे फरार कराया गया। अरुण नामक एक सिपाही उसे पेशी पर लाया था। सिपाही को नशीली चाय पिलाकर लक्जरी वाहनों में आए लोग अली अहमद को लेकर चले गए। तब उसके ऊपर 15 हजार रुपये का इनाम रखा गया।