गूगल पर एकेटीयू की पिक्चर तलाशने पर आ रही अर्द्धनग्न तस्वीरें
एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय लखनऊ (एकेटीयू) के नाम से गूगल पर तस्वीर या लोगो तलाशने पर अर्द्धनग्न तस्वीरें आ रही हैं। विवि प्रशासन ने इसे गूगल की गलती मानते हुए जल्द ही दुरुस्त कराने की बात कही है।
लखनऊ। एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय लखनऊ (एकेटीयू) के नाम से गूगल पर तस्वीर या लोगो तलाशने पर अर्द्धनग्न तस्वीरें आ रही हैं। विवि प्रशासन ने इसे गूगल की गलती मानते हुए जल्द ही दुरुस्त कराने की बात कही है।
एकेटीयू का नाम गूगल पर लिखने के बाद अगर कोई तस्वीर वाले लिंक पर क्लिक करता है, तो वहां महिलाओं की अर्द्धनग्न तस्वीरें, पेटिंग खुलकर सामने आ जाती हैं। एकेटीयू प्रशासन इससे अंजान था। दैनिक जागरण ने 18 अप्रैल के अंक में इस संबंध में खबर प्रकाशित की थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब इस ओर संज्ञान लिया है। विवि के प्रवक्ता ने बताया कि यह गूगल की गलती है। जल्द ही इस चूक को ठीक कर लिया जाएगा। एकेटीयू के जनसंपर्क अधिकारी पीके त्रिपाठी का कहना है कि छात्र-छात्रा को जो रोल नंबर जानता होगा, वही इसे खोल सकता है। बाकी वेबसाइट को हैक नहीं किया जा सकता है।
छात्रों की सुरक्षा ताक पर
कहने को तकनीकी विश्वविद्यालय है, जिससे प्रदेश में तकनीकी और मैनेजमेंट की शिक्षा देने वाले सैकड़ों कालेज संबद्ध हैं, लेकिन यहां भी कई लापरवाही ने छात्रों खासकर छात्राओं की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर दिया गया है। एकेटीयू ने इस बार बीटेक के छात्र छात्राओं का परीक्षा फार्म ऑनलाइन भरवाया है। अपनी वेबसाइट पर पहली बार यह सुविधा दी है कि कोई भी छात्र- छात्रा ऑनलाइन अपना परीक्षा फार्म देख सकता है। एकेटीयू की मुख्य वेबसाइट पर एग्जाम फार्म व्यू करके लिंक दिया है। इस पर क्लिक करने और रोल नंबर डालने मात्र से ही किसी भी छात्रा-छात्र की सारी जानकारी खुलकर सामने आ जा रही है। एकेटीयू ने लिंक खोलने के दौरान किसी भी तरह का सुरक्षा कोड नहीं दिया है, न ही कोई पासवर्ड है। किसी भी कालेज के छात्रा का डाटा कोई दूसरा कालेज या छात्र खोल सकता है। जिससे वह छात्रा के पते, ईमेल और मोबाइल नंबर आदि सभी जानकारी प्राप्त कर सकता है। जहां छात्राओं के साथ कई तरह की घटनाएं हो रही हैं, साइबर क्राइम के नए नए मामले सामने आ रहे हैं, वहां इस तरह की लापरवाही पर सवाल उठने लगा है। वेबसाइट पर जानकारी सार्वजनिक होने से छात्राएं डरी हुई हैं, वहीं दूसरी ओर अभिभावकों को भी सुरक्षा को लेकर चिंता होने लगी है।