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मिल गया ताजमहल के मरमरी हुस्न का दुश्मन

दुनिया को दीवाना बनाने वाले सफेद संगमरमरी हुस्न को हरे दाग देने वाले दुश्मन की तलाश पूरी हो गई है। यह गोल्डी काइरोनोमस कीड़ा है, जो पानी में अत्यधिक प्रदूषण या फॉस्फोरस से पनपता है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 05 May 2016 09:52 PM (IST)Updated: Thu, 05 May 2016 09:57 PM (IST)
मिल गया ताजमहल के मरमरी हुस्न का दुश्मन

लखनऊ। दुनिया को दीवाना बनाने वाले सफेद संगमरमरी हुस्न को हरे दाग देने वाले दुश्मन की तलाश पूरी हो गई है। यह गोल्डी काइरोनोमस कीड़ा है, जो पानी में अत्यधिक प्रदूषण या फॉस्फोरस से पनपता है। यह काइरोनोमस फैमिली का है। ताज के इस खतरे की पहचान के साथ ताजनगरी के लिए भी खतरे की घंटी बज गई है।

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दुनिया का सातवां अजूबा ताज इन दिनों हरी गंदगी के दागों से सिसक रहा है। अक्टूबर के बाद यमुना किनारे की ओर की दीवारें, पच्चीकारी व फर्श हरे रंग की गंदगी से बेजार हैं। पिछले 20 दिनों से इसका असर बढ़ता ही जा रहा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की रसायन शाखा ने जांच कराई, तो इसमें सेंंट जोंस डिग्री कॉलेज के स्कूल ऑफएन्टोमोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. गिरीश माहेश्वरी का भी सहयोग लिया। जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार ताज पर हमला करने वाला कीड़ा गोल्डी काइरोनोमस यमुना तट और उससे तीन-चार मीटर अंदर पानी में पनप रहा है। अध्ययन से यह भी प्रकाश में आया कि यह कीड़ा चार अवस्थाओं अंडा, लार्वा, प्यूपा और वयस्क रूप में जीवन चक्र पूरा करता है। शाम छह से रात आठ बजे के बीच वयस्क होता है और लाखों की संख्या में ताज की ओर उड़ान भरता है। डॉ. गिरीश माहेश्वरी बताते हैं कि ताज के पास यमुना जल अत्यधिक गंदा होने से यह कीड़ा पनपा है। यह पहली बार है, जब आगरा में यह इतनी बड़ी संख्या में दिखाई दे रहा है। रिपोर्ट रसायन शाखा ने महानिदेशक डॉ. राकेश तिवारी को उपलब्ध करा दी गई है। उन्होंने विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है।


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