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भ्रष्टाचार पर अंकुश को डीएम का नायाब तरीका, कर्मियों को जेल की सैर करायी

भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए जिलाधिकारी ने नायाब तरीका अपनाते हुए 576 कर्मचारियों को सेंट्रल जेल की सैर कराई। संदेश दिया कि नियम विरुद्ध काम करने वालों को जेल में रहना पड़ेगा।

By Ashish MishraEdited By: Published: Tue, 20 Jun 2017 01:16 PM (IST)Updated: Tue, 20 Jun 2017 01:16 PM (IST)
भ्रष्टाचार पर अंकुश को डीएम का नायाब तरीका, कर्मियों को जेल की सैर करायी

फर्रुखाबाद (जेएनएन)। गरीबों को उनका हक दिलाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए जिलाधिकारी ने नायाब तरीका अपनाते हुए 576 कर्मचारियों को सेंट्रल जेल की सैर कराई। संदेश दिया कि नियम विरुद्ध काम करने वालों को इसी तरह जेल में रहना पड़ेगा। सेंट्रल जेल में कई सरकारी कर्मचारी भी बंद हैं। जिलाधिकारी के इस कदम से कर्मचारी सकते में आ गए।

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सोमवार सुबह आठ बजे सातनपुर मंडी में जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने लेखपालों, कोटेदारों, पंचायत सचिवों समेत अन्य विभागों के 576 कर्मचारियों को बुलाया और कहा कि पिछले दिनों उन्होंने तीन तहसील दिवस किए हैं। इनमें सबसे ज्यादा जमीन संबंधी शिकायतें मिलीं। लेखपाल, राजस्व निरीक्षक और ऊपर के अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। दूसरी शिकायत कोटेदारों की है। डीएम ने कहा कि सरकार के साथ उनका भी सपना है कि गरीबों को ऐसा न लगे कि उनका शोषण हो रहा है।

गरीबों को योजनाओं का लाभ मिले और उसे उसकी जमीन पर कब्जा मिले। सरकार द्वारा दी जाने वाली खाद्य सामग्री सभी पात्रों को मिले। इसके लिए वह किसी हद तक जा सकते हैं। कहा कि कानून में सभी के लिए दंड की व्यवस्था हैं। छह सचिवों पर कार्रवाई करते हुए निलंबित किया गया है। कहा कि वह सभी कर्मचारियों को सेंट्रल जेल का भ्रमण इसलिए करा रहे हैं, क्योंकि वहां लेखपाल, बिजली विभाग के अलावा करीब 88 कर्मचारी बंद हैं। उन्होंने कहा कि वह दिखाना चाहते हैं कि कानून कितना मजबूत है।

न कोई नीचे वाले को शोषित करेगा, न किसी को ऊपर वाले को कुछ देना है। यदि कोई ऊपर वाला वसूली करता है तो उन्हें सूचना दे दें। जेल घूमने के बाद अपने व्यवहार में परिवर्तन करें। जिसमें बदलाव नहीं आएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कानून का उल्लंघन करने के वाले को जेल भेजा जाएगा। इस दौरान जिले की तीनों तहसीलों से आए 576 कर्मचारियों को सेंट्रल जेल भेजा गया और वहां बंद कर्मचारियों की दशा दिखाई गई।

कर्मचारियों में आक्रोश, लेकिन बोल नहीं पाए
जिलाधिकारी जब सातनपुर मंडी में कर्मचारियों और कोटेदारों को संबोधित कर रहे थे, तब कर्मचारियों के बैठने के लिए कोई इंतजाम नहीं था। अधिकारियों ने उन्हें जमीन पर बैठा दिया। इस पर कई कर्मचारियों ने दबी जुबान से कहा कि अधिकारी उन लोगों के साथ ऐसे व्यवहार कर रहे हैं, जैसे वह वाकई में कोई अपराध करके आ रहे हैं। हालांकि जिलाधिकारी के वहां पहुंचने के बाद सभी कर्मचारी शांत हो गए। इस दौरान अपर जिलाधिकारी आरबी सोनकर, एसडीएम कायमगंज अजीत कुमार, सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार मौजूद रहे।  


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