बरातियों को 'बीफ नहीं परोसने पर निकाह के दूसरे दिन तलाक
शादी के तीसरे दिन ही वह थाने के चक्कर लगाने को मजबूर हो गई। उसका ये हाल मगरूर ससुराल वालों ने इसलिए किया क्योंकि उसके पिता बरातियों को 'बीफ (गोश्त) नहीं परोस पाए थे।
लखीमपुर (जेेएनएन)। अफसाना के हाथों से अभी मेहंदी का रंग हल्का भी नहीं हुआ था कि सारे सपने चकनाचूर हो गए। उसे पति ने शादी की पहली रात बीतने के बाद तलाक की धमकी देकर घर से भगा दिया। शादी के तीसरे दिन ही वह थाने के चक्कर लगाने को मजबूर हो गई। उसका ये हाल मगरूर ससुराल वालों ने इसलिए किया क्योंकि उसके पिता बरातियों को 'बीफ (गोश्त) नहीं परोस पाए थे।
सलारी ने अपनी लाडली बिटिया अफसाना का निकाह बहराइच निवासी वाहिद अली के पुत्र फरमान अली के साथ 23 अप्रैल को किया था। निकाह के दूसरे दिन अफसाना अपनी ससुराल से रोती हुई मायके आई। पिता को बताया कि फरमान ने शादी में बरातियों को गोश्त न देने की वजह से तलाक की धमकी देकर घर से भगा दिया है। पता सलारी ने कहा कि हैसियत हैसियत के अनुसार सभी सामान दिया था। मंगलवार को अफसाना के साथ ईसानगर थाना पहुंचे सलारी ने बताया कि फोन करने पर फरमान ने बताया है कि अपनी लड़की को यहां मत भेजो, मेरा फैसला करा लो मैं तुम्हारी लड़की को तलाक दे दूंगा।
तलाक पीडि़ता ने बच्चों के लिए लगाई गुहार
सीतापुर। मामूली विवाद के बीच पांच माह पहले शौहर वकील के तलाक तलाक तलाक के अल्फाज ने रेशमा के जीवन में जहर घोल दिया। रेशमा का निकाह नौ साल पहले वकील के साथ हुआ था। उनकी तीन संतानें हुईं, जिनमें दो बेटियां व एक बेटा है। 13 दिसंबर 2016 को मामूली कहासुनी होने पर वकील ने रेशमा को तलाक दे दिया तो वह बच्चों समेत मायके में रहने लगी। दहेज का सामान भी लौटा दिया गया। कुछ दिनों बाद वकील अपनी ससुराल जाने लगा तो हालात सामान्य होने लगे। हलाला के बाद वकील ने उसे फिर से अपनाने का वादा भी किया। इसी बीच एक दिन वकील बच्चों को घुमाने के बहाने घर से उन्हें ले गया लेकिन लौटकर नहीं आया। इसके बाद वकील ने फोन पर भी बात करना बंद कर दिया। बच्चों की जुदाई से बेहाल रेशमा ने लहरपुर कोतवाली में प्रार्थना पत्र देकर बच्चे दिलाने की गुहार लगाई है।
फिर जुबेद की हुई शाहीन
सीतापुर। पहले तलाक और फिर हलाला के बाद भी शौहर के न अपनाने से जिल्लत की ङ्क्षजदगी जी रही शाहीन को मंगलवार को मुकाम मिल गया। पुलिस के प्रयासों से दोनों पक्षों में हुए सुलह-समझौते का फार्मूला तैयार हुआ और मदरसे में ठुकराई शाहीन से निकाह जुबेद ने फिर से कुबूल कर लिया। हाजी इफ्तिखार ने शाहीन व जुबेद का निकाह संपन्न कराया। शाहीन का निकाह महराजनगर लखीमपुर निवासी जुबेद के साथ हुआ था। आठ माह पहले जुबेद ने मामूली बात को लेकर शाहीन को तलाक दे दिया। कुछ वक्त बाद दोनो पक्षों की रजामंदी के बाद शाहीन ने हलाला की रस्म भी निभाई, लेकिन इसके बाद जुबेद ने उसे अपनाने से इन्कार कर दिया। इस मामले में शाहीन ने लहरपुर पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर इंसाफ मांगा था।