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यूपी में बाढः गंगा खतरे के निशान के करीब और घाघरा का कहर भारी

उत्तर प्रदेश में पूर्वी हिस्से में बारिश और बाढ़ का कहर जारी है। गंगा खतरे के निशान के करीब और घाघरा का कहर जारी है। हजारों गांव पानी से गिर गए हैं। लाखों लोग बेघर हैं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 20 Aug 2017 05:56 PM (IST)Updated: Mon, 21 Aug 2017 08:12 AM (IST)
यूपी में बाढः गंगा खतरे के निशान के करीब और घाघरा का कहर भारी
यूपी में बाढः गंगा खतरे के निशान के करीब और घाघरा का कहर भारी

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश में गोरखपुर-बस्ती, बनारस और लखनऊ मंडल में बाढ़ की स्थिति में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। बंधों पर पानी का दबाव बढऩे से संकट अभी टला नहीं है। गोरखपुर में राप्ती के बढ़ते दबाव के चलते मंझरिया के पास बांध टूट गया, जिससे कई गांव डूब गए हैं। पानी थोड़ा और बढ़ा तो गोरखपुर-लखनऊ रेलमार्ग पर आवागमन प्रभावित हो सकता है। गंगा जहां खतरे के निशान से नीचे है वहीं घाघरा ने अपना दायरा तटों के आगे बढ़ा दिया है। बलिया, मऊ और आजमगढ़ में घाघरा का कहर जारी है। प्रशासन राहत और बचाव कार्य में लगा हुआ है। बलरामपुर में सड़क पार कर रहे दो बच्चे (भाई-बहन) पानी में बह गए। पिछले 24 घंटों के दौरान बाढ़ के कारण नौ लोगों की मौत की खबर है। 

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तस्वीरों में देखें-बाढ़ के पानी से घिरे यूपी के हजारों गांव

गोरखपुर के कसिहार में आमी का दबाव बढऩे से गोरखपुर-वाराणसी मार्ग पर भारी वाहन रोक दिए गए हैं। शहर से सटे नौसढ़ और लहसड़ी बंधे की स्थिति भी नाजुक बनी है। गोरखपुर-सोनौली मार्ग पर यातायात अभी भी बंद है। देवरिया में भी नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। दर्जनभर गांव टापू बन गए हैं।  सिद्धार्थनगर में बाढ़ से 320 गांव प्रभावित 323 पूरी तरह डूब चुके हैं। बचाव कार्य के लिए 185 नाव, 12 मोटरबोट लगाई गई हैं। बाढ़ में फंस लोगों को निकालने का काम लगातार हो रहा है। महराजगंज में राप्ती खतरे के निशान से ऊपर है। यहां 262 गांव प्रभावित हैं। 85 गांव पानी से चारो तरफ से घिरे हैं।  संतकबीरनगर में भी राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर है। कुशीनगर में नारायणी नदी का जलस्तर घट रहा है। आजमगढ़ में ङ्क्षरग बांध टूटने के बाद घाघरा की बाढ़ से कई दर्जन गांवों में पानी लग गया है। कई गांव पानी से पूरी तरह से घिर गए हैं। मऊ में घाघरा का जलस्तर लगातार बढऩे से दोहरीघाट और मधुबन क्षेत्र के 30 गांवों की लगभग 65 हजार की आबादी प्रभावित हो गई है।

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बलरामपुर में राप्ती खतरे के निशान से 18 सेमी ऊपर बह रही है। हालांकि जलस्तर घटा है। गांवों में संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका पैदा हो गई है। गोंडा में सरयू व घाघरा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बहराइच में नानपारा, महसी, कैसरगंज तहसीलों में बाढ़ जारी है। लगभग चार लाख की आबादी प्रभावित है। एनडीआरएफ व प्रशासनिक टीमें बाढ़ पीडि़तों के राहत व बचाव कार्यों में जुटी रहीं। सीतापुर में शारदा, घाघरा व चौका नदियों के जलस्तर में गिरावट आ रही है। बाराबंकी में भी घाघरा का जलस्तर तेजी से घटा है।

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रेलवे ट्रैक के नीचे होल, रोकी गईं ट्रेनें 

गोरखपुर-नौतनवां रेलखंड के जंगल कौडिय़ा एवं मानीराम के बीच रेलवे ट्रैक में दिक्कत हो जाने के चलते रविवार को बढऩी जाने वाली स्पेशल ट्रेन अचानक रोक दी गई। करीब ढाई घंटे की मरम्मत के बाद ट्रैक पर रेल यातायात सुगम हो सका। रेल अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ के कारण रेल ट्रैक के किनारे पानी लगने से ट्रैक के किनारे बड़ा सा होल बन गया था। इसे देखते हुए गैंगमैन ने तत्परता दिखाई और बढऩी जाने वाली स्पेशल ट्रेन को ट्रैक से गुजरने से पहले ही रोक दिया। 


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