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भाजपा, बसपा, कांग्रेस और रालोद ने निष्पक्ष चुनाव की मांग उठाई

भाजपा ने कैराना और पश्चिम उत्तर प्रदेश से पलायन करने वाले लोगों के मतदान की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 25 Sep 2016 06:37 PM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2016 09:13 PM (IST)
भाजपा, बसपा, कांग्रेस और रालोद ने निष्पक्ष चुनाव की मांग उठाई

लखनऊ ( जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर सक्रियता बढ़ गयी है। आज चुनाव आयोगजनीतिक दलों की बैठक में भाजपा, बसपा, कांग्रेस और रालोद समेत कई दलों ने निष्पक्ष चुनाव के लिए आवाज बुलंद की है। भाजपा ने कैराना और पश्चिम उत्तर प्रदेश से पलायन करने वाले लोगों के मतदान की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है। भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी, निर्वाचन आयुक्त एके जोती, उप निर्वाचन आयुक्त उमेश सिन्हा और विजय देव, महानिदेशक दिलीप शर्मा और निदेशक निखिल कुमार आज लखनऊ में हैं। आज चुनाव आयोग और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई।

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दोबारा चले नव मतदाता अभियान

बसपा के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर ने मतदान के समय गड़बड़ी पर सख्ती से अंकुश लगाने की मांग के साथ ही कहा कि कई जिलों में सूची बदल दी जाती है। फर्जी मतदाताओं पर अंकुश लगाने के साथ ही उन्होंने दोबारा नवमतदाता अभियान चलाने की मांग की। कहा कि बीएलओ और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हड़ताल की वजह से पिछला अभियान फेल हो गया। राजभर ने कहा कि मतदाता अगर अपना पता या कुछ भी बदलाव कराता है तो उसे पावती पत्र मिलना चाहिए।

आठ सौ से अधिक मतदाताओं पर बने नया बूथ

कांग्रेस के पूर्व विधायक राकेश कुमार मिश्र परमात्मा सिंह और पुष्पेन्द्र श्रीवास्तव ने भी कमोवेश एक जैसे बिंदु उठाए। कहा, वोटर लिस्ट में दोहराव रोका जाए और जहां भी 800 से ज्यादा मतदाता हों, वहां नया बूथ बनाया जाए। कांग्रेस ने निजी भवनों की बजाय सभी बूथ सरकारी इमारतों में बनाने की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश में जाति व वर्ग विशेष का इस समय पुलिस बल में दबदबा है इसलिए निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है। ऐसी आशंका है कि प्रदेश पुलिस बल एक दल विशेष से प्रभावित होकर काम करेगा।

घोषित उम्मीदवारों का खर्च अभी से जोड़ा जाए

राष्ट्रीय लोकदल के पूर्व महासचिव अनिल दुबे, आरिफ महमूद और मनोज चौहान ने दो वर्ष से जमे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को हटाने की मांग की है। थानों पर सब-इंस्पेक्टर की बजाय इंस्पेक्टर की तैनाती, केन्द्रीय रिजर्व बल और एक किलोमीटर के अंदर दूसरा बूथ बनाने की मांग की है। अनिल दुबे ने बताया कि एक से डेढ़ वर्ष पहले से जो प्रत्याशी घोषित किए गए हैं वह क्षेत्र में धन-बल का प्रयोग कर रहे हैं। उनका खर्च जोड़ा जाए।

निष्पक्ष चुनाव की गारंटी : सपा

समाजवादी पार्टी के एमएलसी अंबिका चौधरी, नरेश उत्तम और अशोक बाजपेयी ने चुनाव आयोग को भरोसा दिया कि सरकार निष्पक्ष चुनाव कराएगी। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में पूरी तरह निष्पक्षता बरती गई। सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आवश्यक इंतजाम के वायदे के साथ सपा प्रतिनिधियों ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश पुलिस पूरी निष्पक्षता से काम करेगी। कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर भी सब दुरुस्त रहेगा। अंबिका ने कहा कि मानवाधिकार आयोग के निर्देशों के अनुरूप सरकार कार्रवाई करेगी और निर्वाचन आयोग के सभी निर्देशों का पालन होगा।

चुनाव आयोग ने लगाई अधिकारियों की छुट्टियों पर रोक

मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी. वेंकटेश ने बताया कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त समेत आयोग के सदस्य योजना भवन में आज सांय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। आयोग की टीम 27 सितंबर तक तीन दिन प्रदेश दौरे पर रहेगी। आयोग टीम 26 सितंबर को आयोग विधानसभा के तिलक हाल में सुबह साढ़े 9.30 बजे से अपरान्ह डेढ़ बजे तक सभी अधिकारियों के साथ समीक्षा करेंगे। इसमें मुख्य निर्वाचन अधिकारी, मंडलायुक्त, आइजी जोन, डीआइजी रेंज तथा डीएम और एसपी शामिल होंगे। लंच के बाद निर्वाचन तैयारियों की समीक्षा होगी।

पलायितों के मताधिकार का मुद्दा

भाजपा ने कैराना समेत पश्चिम उत्तर प्रदेश से पलायन कर चुके लोगों के मताधिकार का मुद्दा काफी जोर-शोर से उठाया। उल्लेखनीय है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में रंगदारी, अपराध, लव जिहाद और बाढ के चलते यहां से बड़ी संख्या में लोग पलायन कर गए हैं। आज चुनाव आयोग से इस आशय की मांग करते हुए कहा गया है कि जब मानवाधिकार आयोग ने पलायन की बात साफ कर दी तो चुनाव आयोग की मतदान की व्यवस्था की जिम्मेदारी है। बसपा, रालोद और कांग्रेस समेत कई दलों को उत्तर प्रदेश पुलिस पर भरोसा नहीं हैं। अतः यहां केंद्रीय बल से चुनाव कराए जाने चाहिए।


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