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रमारमण पर आज फैसला कर सकते हैं सीएम अखिलेश यादव

प्रतीक्षा सूची में रखे गए रमारमण पर आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कुछ फैसला कर सकते हैं। सरकार हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका दायर कर चुनौती दे सकती है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 05 Jul 2016 10:04 AM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2016 06:05 PM (IST)

लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश के बाद नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरणों के मुख्य कार्यपालक अधिकारी पद से हटाए गए वरिष्ठ आइएएस रमारमण पर आज फैसला हो सकता है। फिलहाल प्रतीक्षा सूची में रखे गए रमारमण पर आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कुछ फैसला कर सकते हैं।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में रमारमण को हटाने के बाद सत्ता के गलियारों में कल दिन भर चर्चा होती रही कि संजय अग्रवाल को रमामरण के सारे चार्ज दिए गए हैं। कल रात तक जब कोई ऐसा आदेश नहीं आया तो माना जा रहा है आज इन पदों पर किसी की भी तैनाती का फैसला होगा।

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सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका दायर कर चुनौती दे सकती है। अभी तो रमारमण अवकाश पर हैं।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पांच दिन पहले रमारमण को नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरणों का जिम्मा एक साथ सौंपने पर राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाया था। अदालत ने रमारमण के काम पर रोक लगाने का फरमान सुनाया था। इस आदेश के तीन दिन बाद कल सचिवालय खुला तो अदालत के आदेश को लेकर कई तरह की चर्चाएं होती रहीं। वहीं शासन को हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार रहा।

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इस संबंध में मुख्य सचिव प्रवीर कुमार ने कल शाम बताया कि शासन को अदालत का आदेश अभी नहीं मिला है। अदालत का आदेश मिलने के बाद सरकार न्याय विभाग से विधिक राय लेगी। उसके बाद ही उचित निर्णय लिया जाएगा। महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह ने भी बताया कि अभी तक अदालत के आदेश की प्रति नहीं प्राप्त हुई है।

शासन के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में सरकार हड़बड़ी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहती है। चूंकि कोर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि उनकी अध्यक्षता में गठित कमेटी दो माह के भीतर रमारमण के तबादले पर फैसला ले, लिहाजा इस प्रकरण में शासन की ओर से कोई कदम उठाये जाने से पहले कम से कम मुख्यमंत्री के विदेश से लौटने का इंतजार किया जा रहा है। आज मुख्यमंत्री के विदेश से लौटने के बाद ही इस अहम मुद्दे पर कोई फैसला लिये जाने की संभावना है। माना जा रहा है कि तब तक कोर्ट का आदेश भी शासन को मिल जाएगा।


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