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सरकार विरोधी नारेबाजी और हंगामा करते विपक्षी मार्शल के हाथों बाहर

बसपा-भआजपा और कांग्रेस विधायकों ने सदन में बैनर पोस्टर लहराए गए हंगामा किया जिसके बाद विपक्षी विधायकों को सदन से निकाल दिया गया। इसके लिये मार्शलों का प्रयोग किया गया

By Ashish MishraEdited By: Published: Tue, 23 Aug 2016 10:39 AM (IST)Updated: Tue, 23 Aug 2016 07:35 PM (IST)
सरकार विरोधी नारेबाजी और हंगामा करते विपक्षी मार्शल के हाथों बाहर

लखनऊ (जेएनएन)। यूपी विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने भारी हंगामा किया। सपा के मौजूदा कार्यकाल में पहली मर्तबा ऐसा हुआ जब हंगामा करते विपक्षी सदस्यों को मार्शल की मदद से बलपूर्वक सदन से निकाला गया। नाराज विपक्ष ने गैलरी में धरना दिया और सरकार विरोधी नारेबाजी की। विपक्ष की गैर मौजूदगी में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 25,347 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया।

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मुख्यमंत्री ने विधानसभा सत्र चलाने के लिए सहयोग मांगा

आज मानसून सत्र के दूसरे दिन विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय के आने से पहले ही बसपा, भाजपा, कांग्रेस और रालोद के सदस्य सरकार विरोधी नारे लिखी टोपी पहनकर बैनर लहराते हुए वेल में पहुंच गए थे। ठीक 11 बजे पांडेय के पहुंचते ही विपक्ष ने हंगामा शुरु कर दिया। दलित मुस्लिम विरोधी सरकार नहीं चलेगी, महिला उत्पीडऩ बंद करो, बुलंदशहर कांड के आरोपियों को फांसी दो, गन्ना किसानों का बकाया भुगतान करो, बिजली, पानी दे न सकी जो, वो सरकार बदलनी है- जैसे नारे लगा रहे विपक्ष को शांत रहकर सदन की कार्यवाही में सहयोग करने के आग्रह को अनसुना कर दिया।

भाजपा ने अनुपूरक बजट की प्रासंगिकता पर उठाए सवाल

माहौल उस वक्त और अधिक गर्मा गया जब संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने तंज कसते हुए हंगामा करने वालों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने बसपा, भाजपा और कांग्रेस पर प्रदेश का माहौल खराब कर चुनावी लाभ लेने की कोशिश का आरोप भी लगाया। उनका कहना था कि कार्यवाही आरम्भ होने से पहले वेल में आना सदन की अवमानना है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाए, इनका जनसमस्याओं से कोई सरोकार नहीं। केवल मीडिया में सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए हंगामा हो रहा है।

सदन से निकाल का प्रस्ताव पारित

हंगामा करते विपक्ष को मार्शल की मदद से बलपूर्वक निकालने का प्रस्ताव सत्ता पक्ष ने प्रस्तुत किया जिसे ध्वनिमत से स्वीकार कर मार्शल बुलाए गए। मार्शल कार्रवाई देखकर विपक्षी उत्तेजित हो गए। कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू व बंशी पहाडिय़ा अध्यक्ष के आसन की ओर लपके तो मार्शल ने आगे नहीं बढऩे दिया। कांग्रेस छोड़कर बसपा में आए दिलनवाज खां व काजिम अली और इंद्रजीत सरोज, अमरपाल, गजेंद्र, लोकेश दीक्षित भी मार्शल से उलझ गए। नौबत धक्कामुक्की तक आ गयी। मार्शल ने उन्हें धकियाते हुए बाहर करना आरम्भ किया तो अधिकतर स्वयं बाहर निकल गए। कांग्रेस के अजय कुमार, बंशी पहाडिया व पंकज मलिक को बाहर निकाला तो प्रदीप माथुर, रीता बहुगुणा जोशी व आराधना मिश्र आदि भी बाहर चले गए। उधर भाजपा के सतीश महाना, राधामोहनदास, उपेंद्र तिवारी, सुरेश राणा, लोकेंद्र सिंह, रविंद्र भड़ाना, विमला बाथम आदि भी मार्शल से धक्का मुक्की करते बाहर निकल गए। नारे लगाते रालोद के आधे सदस्य भी सदन से निकाल दिए गए परन्तु वीरपाल राठी, सुदेश शर्मा और तेजपाल सिंह भीतर ही रह गए।

छोटे दल भी विपक्षी एकता में दिखे

सदन में विपक्ष की अभूतपूर्व एकता में छोट दल भी शामिल थे। पीस पार्टी के अध्यक्ष डा.अय्यूब ने पूर्वांचल के जिलों की उपेक्षा करने और योगी आदित्यनाथ के गुंडों की गिरफ्तारी का बैनर लहराया। वहीं अपना दल के आरके वर्मा भी किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं होने का नारा बुलंद कर रहे थे। वहीं, कौमी एकता दल के सिबगतुल्ला अंसारी एक बार सदन से बाहर निकले परन्तु बाद में मुख्तार के साथ आकर बैठ गए।

गैलरी में विपक्ष,मंडप में कार्यवाही शुरू

करीब 20 मिनट चले हंगामे के बाद मंडप से समूचा विपक्ष बाहर हो गया। गैलरी में धरना देकर विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी की उधर मंडप में कार्यवाही आरम्भ हो गयी। विपक्ष के बगैर प्रश्नकाल की औपचारिकता मात्र दस मिनट में निपट गयी। इसके बाद प्रश्नकाल का समय शेष रहा तो कार्यवाही आगे बढ़ाने का प्रस्ताव पारित करा लिया गया। जीएसटी समेत आधा दर्जन विधेयक रखे गए और विभिन्न रिपोर्ट भी पेश की गयी। राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद के अलावा उनका एक विशेष पत्र भी पढ़कर सुनाया गया, जिसमें राष्ट्रपति को भेजे गए उत्तर प्रदेश के वित्तीय अधिष्ठानों में जमाकर्ता हित संरक्षण विधेयक 2015 की जानकारी देते हुए कई सुझाव भी थे। गैलरी में नारे लगा रहे विपक्ष को बुलाने के लिए मार्शल को भेजा गया परन्तु कांग्रेस व रालोद के अलावा अन्य ने आने से इन्कार किया।

एक घंटा 40 मिनट में सब निपटा

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव करीब 12.10 बजे मंडप में पहुंचे और ठीक 12.20 बजे 25,347 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया। इसके बाद सदन की अन्य कार्यवाही मात्र दस मिनट में निपटाते हुए विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने बुधवार को 11 बजे तक बैठक स्थगित करने की घोषणा कर दी।


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