यादव सिंह के पत्नी-बच्चों के खिलाफ रिपोर्ट, आइएएस के ठिकाने पर छापा
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बीच दिन बाद सक्रिय हुई सीबीआई ने नोएडा के इंजीनियर इन चीफ रहे यादव सिंह के नोएडा, आगरा तथा फिरोजाबाद के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापा मारने के बाद उसकी कई फाइलें जब्त की हैं। इसके बाद ही सीबीआई ने यादव सिंह, उसकी पत्नी कुसुमतला, बेटे
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बीस दिन बाद सक्रिय हुई सीबीआइ ने नोएडा के इंजीनियर इन चीफ रहे यादव सिंह के नोएडा, आगरा तथा फिरोजाबाद के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापा मारने के बाद उसकी कई फाइलें जब्त की हैं। इसके बाद ही सीबीआइ ने यादव सिंह, उसकी पत्नी कुसुमतला, बेटे सनी यादव सिंह तथा बेटी गरिमा भूषण के खिलाफ भी मामला दर्ज कराया है।
नोएडा में आज सीबीआइ ने छापा मारने के बाद यादव सिंह से जुड़ी कई फाइले की जब्त की हैं। सीबीआई के तीन बड़े अधिकारी फाइलें लेकर रवाना हो गये। सीबीआइ की टीमें दिल्ली पुलिस की गाड़ी में नोएडा आई थीं। इसके साथ सीबीआई की टीमों ने आज यादव सिंह के आगरा के पैतृक निवास, फिरोजाबाद में ससुराल के साथ लखनऊ में दामाद आइएएस अधिकारी शशि भूषण लाल सुशील के घर पर भी छापा मारा था। शशि भूषण लाल सुशील उत्तर प्रदेश शासन में विशेष सचिव उत्तर प्रदेश पुनर्गठन समन्वय विभाग में हैं। सुशील लखनऊ की बटलर पैलेस कालोनी के मकान नम्बर सी-21 में रहते हैं।
आइएएस के ठिकाने पर सीबीआइ छापा
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने लखनऊ में छापेमारी यादव सिंह के दामाद आइएएस अधिकारी शशि भूषण लाल के सरकारी आवास पर हुई। शशि भूषण लाल इस समय खाद्य एवं रसद विभाग में विशेष सचिव पद पर तैनात हैं। सीबीआइ लखनऊ की भ्रष्टाचार निवारण शाखा के पांच सदस्यों की टीम आज दोपहर बाद राजधानी के बटलर पैलेस स्थित शशि भूषण के सी-21 स्थित आवास पर पहुंची। उस समय शशिभूषण की पत्नी घर पर मौजूद थीं। उन्होंने सीबीआइ से विरोध जताया लेकिन बाद में चुप हो गयीं। फिर उनकी मीडियाकर्मियों से भी नोकझोंक हुई। सीबीआइ ने भ्रष्टाचार और संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों की तलाश शुरू की। सीबीआइ के इस सर्च में बैंक, जमीन, निवेश और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं। दामाद के आइएएस होने की वजह से सीबीआइ को यह अंदेशा है कि यादव सिंह ने सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज उनके पास छिपा रखे हैं। इसलिए शशि भूषण लाल और उनकी पत्नी से सीबीआइ दस्तावेजों के बारे में जानकारी लेती रही। सूत्रों के मुताबिक शशि भूषण के पास यादव के साम्राज्य के कई अहम दस्तावेज भी मिले हैं।
यादव सिंह की कोठी सील
सीबीआइ ने यादव सिंह की सेक्टर-51 वाली कोठी को सील कर दिया है। सुबह से ही सीबीआइ टीम इस घर की तलाशी लेने की कोशिश कर रही थी। यादव सिंह के रिश्तेदारों को फोन कर बुलाया, लेकिन कोई नहीं आया। इसके बाद सीबीआइ टीम ने कोठी को सील कर दिया। सीबीआइ टीम सुबह 9 बजे यादव सिंह के ए-10 सेक्टर 51 की कोठी पर पहुंची। वहां एक नौकर मिला। सीबीआइ को देखकर वह गेट ïबंद कर भाग गया। इसके बाद सीबीआइ की टीम दोपहर एक बजे तक घर की तलाशी लेने के लिए किसी के आने का इंतजार करती रही। सीबीआइ ने यादव सिंह के रिश्तेदारों को फोन कर कोठी पर बुलाया। लखनऊ में रहने वाले रिश्तेदारों को भी फोन किया गया। इसके बाद भी कोई नहीं आया। इसके बाद सीबीआइ के अधिकारी पड़ोसी के घर की तरफ से सीबीआइ की कोठी में दाखिल हुए। अंदर का गेट पर भी ताला लगा था। सीबीआइ टीम ने घर के अंदर भी झांका, लेकिन कोई नहीं मिला। फिर बिजली की सप्लाई को बंद दिया। इसके बाद भी किसी के न आने पर सीबीआइ ने इस कोठी को सील कर दिया। घर के अंदर के दो और मेन गेट के तीन प्रवेश द्वार को सील किया गया है।
कमरे में बंद हुआ किरायेदार
सीबीआइ की एक टीम ने यादव सिंह के ए 38 सेक्टर 27 स्थित घर पर छापा मारा। वहां रह रहे किरायेदार ने खुद को कमरे में बंद कर लिया। काफी कोशिश के बाद भी उसने दरवाजा नहीं खोला। सीबीआइ टीम ने कोतवाली सेक्टर 20 को बुलाया। पुलिस के आने पर किरायेदार ने दरवाजा खोला। सीबीआइ को जांच में पता चला कि इस घर को किराये पर दिया गया है। पुलिस ने किरायेदारों से पूछताछ की। फिर देर शाम तक घर में तलाशी ली। एक-एक सामान को चेक किया गया। इस दौरान सीबीआइ की कार्रवाई देखने के लिए पड़ोसी आते रहे।
सनी की तलाश में सीबीआइ
सीबीआइ टीम की रडार पर यादव सिंह का बेटा सनी यादव है। सीबीआइ टीम के सदस्य उसकी तलाश में जुटे रहे। फोन नंबर से लेकर उसके दोस्तों और रिश्तेदारों पर सीबीआइ नजर बनाए रखी। सेक्टर 27 में रहने वाले किरायेदारों से भी सनी के बारे में पूछा गया। हालांकि सीबीआइ टीम के हाथ सनी नहीं लगा।