Move to Jagran APP

कैबिनेट मंजूरी: राजकीय विद्यालयों में नियुक्त होंगे बेसिक शिक्षक

कैबिनेट ने माध्यमिक विद्यालयों में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापकों को नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 17 Aug 2017 10:27 PM (IST)Updated: Thu, 17 Aug 2017 10:31 PM (IST)
कैबिनेट मंजूरी: राजकीय विद्यालयों में नियुक्त होंगे बेसिक शिक्षक
कैबिनेट मंजूरी: राजकीय विद्यालयों में नियुक्त होंगे बेसिक शिक्षक

लखनऊ (जेएनएन)। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में बेसिक शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। गुरुवार को कैबिनेट ने माध्यमिक विद्यालयों में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापकों को नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इससे राजकीय विद्यालयों में रिक्त पद भरे जाएंगे। इसके अलावा मानदेय के आधार पर भी ये पद भरे जाएंगे। 

loksabha election banner

सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि राजकीय इंटर कालेजों में सहायक अध्यापकों के 9342 पद रिक्त हैं। इनमें पुरुष संवर्ग में 4463 और महिला संवर्ग में 4879 पद रिक्त हैं। शिक्षकों की कमी पूरा करने के लिए परिषदीय शिक्षकों को यहां प्रतिनियुक्ति पर तैनात किया जाएगा। चूंकि प्रदेश के 20 जिलों को छोड़कर बाकी 55 जिलों में बेसिक शिक्षक मानक से अधिक हैं। अस्थायी व्यवस्था के तहत प्रतिनियुक्ति पर इनका चयन किया जाएगा। संकेत मिले हैं कि परिषदीय शिक्षकों को एक से अधिकतम दो वर्ष तक प्रतिनियुक्ति पर लेने का इरादा है। यह मानते हुए कि तब तक एलटी ग्रेड शिक्षकों और प्रवक्ताओं की भर्ती हो जाएगी। शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की जिला स्तर पर ही होगी। जो सहायक अध्यापक सेवानिवृत्त हो चुके हैं उन्हें मानदेय के आधार पर रखा जाएगा। 

यह भी पढ़ेंबब्बर खालसा का खूंखार आतंकी जसवंत काला उन्नाव से गिरफ्तार

परिषदीय स्कूलों में बड़ी संख्या में तैनात बीएड

परिषदीय स्कूलों में विशिष्ट बीटीसी चयन और 72,825 शिक्षकों की भर्ती के जरिए बड़ी संख्या में स्नातक और बीएड योग्यता वाले शिक्षक तैनात हैं। ऐसे शिक्षकों की भी बड़ी तादाद है जो परास्नातक और बीएड हैं। एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता स्नातक और बीएड है। ऐसे में इनके प्रतिनियुक्ति पर जाने से एक साथ कई समस्या हल हो जाएगी। 

यह भी पढ़ेंबाढ़ से मौत या किसी के भूखा सोने पर सीधे दोषी होगा प्रशासन: योगी

केंद्र के जीईएम पोर्टल से होगा अनुबंध 

सरकारी महकमों में अब केंद्र सरकार के गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस (जीईएम) से खरीदारी होगी। इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से अनुबंध करने का फैसला किया है। गुरुवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। देश के दर्जन भर राज्य जीइएम से खरीददारी कर रहे हैं। अब उप्र भी इसका उपयोग करेगा। कैबिनेट में इसकी चर्चा हुई। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इससे सप्लायर और वेंडर की सूची और उनके दर रहते हैं। इसका उपयोगिता के बारे में मुख्य सचिव राजीव कुमार ने कैबिनेट को जानकारी दी। केंद्र में अपनी तैनाती के दौरान राजीव कुमार ने यह अनुभव साझा किया कि शिपिंग में एयर कंडीशनर खरीदे जाने थे। ई-मार्केट से खरीदारी करने पर 30 प्रतिशत व्यय कम हो गया। इस व्यवस्था के लागू होने से न केवल पारदर्शिता आएगी बल्कि खर्च भी कम होगा। 

तस्वीरों में देखें-यूपी के पूर्वांचल में नेपाल से आई बाढ़ का खतरा

सरकार खरीदेगी 22 इनोवा

सरकार जल्द ही 22 इनोवा खरीदेगी। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह खरीदारी राज्य संपत्ति विभाग करेगा। दरअसल, राज्य संपत्ति विभाग की 23 गाडिय़ां पुरानी हो चुकी थीं। इनमें 22 की नीलामी की गई हैं। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि छह करोड़ 50 लाख रुपये का बजट गाडिय़ों की खरीद के लिए प्रावधान किया गया है। 

यह भी पढ़ें:जाति और धर्म रही 15 साल से सत्ताधारी लोगों की राजनीति का आधारः योगी

ऊर्जा विभाग में अप्रेजल एवं मूल्यांकन समिति 

कैबिनेट ने ऊर्जा विभाग में समय से कार्यों को पूरा कराने और उपभोक्ताओं की बेहतरी के लिए अप्रेजल एवं मूल्यांकन समिति के गठन को मंजूरी दी है। ऊर्जा मंत्री व सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि इस समिति में प्रमुख सचिव ऊर्जा, प्रबंध निदेशक, संबंधित डिस्कॉम के निदेशक तकनीकी व निदेशक वित्त को शामिल किया जाएगा। शर्मा का कहना है कि 2019 तक सभी गांवों को बिजली देना है। 

यह भी पढ़ें:Cabinet approval: योगी सरकार ने दी आठ अहम प्रस्तावों को मंजूरी

ब्रज तीर्थ विकास परिषद में नियुक्ति का अधिकार सीएम को

कैबिनेट ने उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष और सलाहकार की नियुक्ति का अधिकार मुख्यमंत्री को दिया है। प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा के मुताबिक ब्रज के चौमुखी विकास व विरासत को संजोने के लिए ऐसे व्यक्ति का चयन उपाध्यक्ष और सलाहकार पद पर किया जाना है जिसे मथुरा की जानकारी और प्रशासनिक अनुभव है। मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष हैं।

रायबरेली रोड का ट्रामा सेंटर अब एसजीपीजीआइ को 

रायबरेली रोड का ट्रामा सेंटर अब एसजीपीजीआइ को हस्तांतरित किया जाएगा। पहले इसके संचालन के लिए केजीएमयू को अधिकृत किया गया था। दोनों संस्थानों के बीच समन्वय के बाद यह प्रस्ताव तैयार हुआ। सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.