दस्यु बलखडिय़ा का परिवार गांव छोड़ हुआ फरार
चित्रकूट के इनामी डाकू बलखडिय़ा के मौत की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझ पाई है। उसके गांव के लोगों के चेहरे में भय साफ नजर आ रहा है। उसके घर में ताला लटका है। परिवारीजन मवेशियों को भी साथ लेकर अज्ञात स्थान पर चले गए हैं। दबी
लखनऊ। चित्रकूट के इनामी डाकू बलखडिय़ा के मौत की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझ पाई है। उसके गांव के लोगों के चेहरे में भय साफ नजर आ रहा है। उसके घर में ताला लटका है। परिवारीजन मवेशियों को भी साथ लेकर अज्ञात स्थान पर चले गए हैं। दबी जुबान में ग्रामीणों ने माना कि उसकी मौत हो चुकी है। उसके कपड़े व कुंडल गैंग के अन्य सदस्यों के पास देखे गए हैं।
दो जुलाई को मारकुंडी के किहुनिया जंगल में डकैतों व पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ में दस्यु सरगना बलखडिय़ा को गोली लगने की बात सामने आई थी। पुलिस की पूछताछ में बलखडिय़ा के भतीजों ने बताया कि इलाज के अभाव में चार जुलाई की शाम को दस्यु सरगना की मौत हो गई है लेकिन इसका कोई सबूत अब तक नहीं मिला है। रविवार को बलखडिय़ा के गांव बरुई के लोगों ने बमुश्किल दबी जुबान में बताया कि मुठभेड़ के बाद गैंग के कुछ सदस्य गांव के पास आए थे। जिन्होंने बताया कि बलखडिय़ा की मौत हो चुकी है। उन्होंने दावा किया कि बलखडिय़ा जो जैकेट व सोने की चैन पहनता था वह ख'चू पहने था। कान के कुंडल व ब्रेसलेट बबली कोल व लवलेश पहने थे। पड़ोसियों ने बताया कि पांच दिन से घर में ताला लगा है। उसके परिवारीजन कहां चले गए इसकी कोई जानकारी नहीं है। हो सकता है कि पुलिस के भय से बलखडिय़ा के परिजन गांव छोड़कर चले गए हों। पुलिस अधीक्षक पवन कुमार ने बताया कि बलखडिय़ा के परिवारीजन का घर से भागना संदेह व्यक्त करता है। संभावना है कि यदि वह जीवित है तो कहीं इलाज कराने के लिए परिवार की निगरानी में है। इसका पता लगाने के लिए पुलिस सबकी तलाश कर रही है।