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डॉक्टरों के प्रदर्शन, आंदोलन और बहिष्कार पर रोक, रजिस्ट्रेशन रद होगा

उत्तर प्रदेश में डॉक्टरों ने हड़ताल पर उनका रजिस्ट्रेशन रद होगा। सरकार द्वारा घोषित नीति में डॉक्टर के हड़ताल पर जाने एस्मा लागू करने का फैसला हुआ है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 27 Oct 2016 08:56 PM (IST)Updated: Thu, 27 Oct 2016 09:03 PM (IST)
डॉक्टरों के प्रदर्शन, आंदोलन और बहिष्कार पर रोक, रजिस्ट्रेशन रद होगा

लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश में डॉक्टरों ने हड़ताल की तो उनका रजिस्ट्रेशन रद करा दिया जाएगा। उच्च न्यायालय के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा घोषित नीति में किसी डॉक्टर के हड़ताल पर जाने के 24 घंटे के अंदर आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लागू करने का फैसला हुआ है।

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इस वर्ष मई-जून में प्रदेश के मेडिकल कालेजों के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे। ये लोग परास्नातक पाठ्यक्रमों में पीएमएस संवर्ग के चिकित्सकों को उनकी ग्र्रामीण क्षेत्रों में सेवा के आधार वेटेज दिए जाने का विरोध कर रहे थे। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण तमाम मरीजों की मौत का मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच के सामने लाया गया था। न्यायालय ने इस मामले में सख्त रुख अख्तियार करते हुए दो जून, 2016 को डॉक्टरों की हड़ताल गैरकानूनी घोषित करते हुए भविष्य में हड़ताल रोकने के लिए नीति बनाने के निर्देश दिए थे। शासन ने प्रदेश के समस्त राजकीय मेडिकल कालेजों, चिकित्सा विश्वविद्यालयों, संस्थानों, सभी अस्पतालों के चिकित्सा शिक्षकों, चिकित्सकों व जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के साथ विरोध प्रदर्शन, आंदोलन व कार्य बहिष्कार पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

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प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) डॉ.अनिता भटनागर जैन के मुताबिक, हड़ताल निषेध नीति में प्राविधान किया गया है कि यदि राजकीय क्षेत्र के चिकित्सकों, चिकित्सा शिक्षकों या जूनियर डॉक्टरों द्वारा हड़ताल की जाती है तो ऐसी स्थिति में 24 घंटे के भीतर सक्षम अधिकारी को सूचना उपलब्ध कराई जाए। हड़तालियों को चिह्नित कर 72 घंटे के अंदर प्रारंभिक जांच सक्षम अधिकारी को प्रेषित कर दी जाए। हड़ताल की स्थिति में 24 घंटे के अंदर आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लागू कराने का दायित्व संबंधित विभागाध्यक्ष को होगा। हड़ताल की स्थिति में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं बहाल रखने का दायित्व संबंधित संस्थान के अध्यक्ष व विभागाध्यक्ष का होगा। हड़ताल से संबंधित गंभीर प्रकरणों में हड़ताली चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त करने के साथ भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) को संस्तुति कर उनका रजिस्ट्रेशन रद कराया जाएगा।

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होगी सख्ती

  • हड़तालियों को नहीं मिलेगा हड़ताल की अवधि का वेतन।
  • हर तरह की क्षतिपूर्ति की जिम्मेदारी भी डॉक्टरों की होगी।
  • सरकारी संपत्ति को क्षति हुई तो हड़तालियों से होगी वसूली।
  • 24 घंटे में सूचना देना व 72 घंटे में प्रारंभिक जांच जरूरी।
  • विभाध्यक्ष को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं बहाली की जिम्मेदारी।

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