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बदायूं की दुष्कर्म पीडि़ता के फिर बयान बदलने से मामला पेंचीदा

मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद सनसनी फैलाने वाली बदायूं की दुष्कर्म पीडि़ता के तीसरी बार पुलिस के सामने बयान बदलने से मामला पेचीदा हो गया है। पीडि़ता को दोबारा घटनास्थल ले जाया गया तो पीडि़ता वहां लाए जाने का अलग-अलग रास्ता बताती रही। एफआइआर दर्ज कराने से लेकर अब तक

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2015 09:35 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2015 09:37 PM (IST)
बदायूं की दुष्कर्म पीडि़ता के फिर बयान बदलने से मामला पेंचीदा

लखनऊ। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद सनसनी फैलाने वाली बदायूं की दुष्कर्म पीडि़ता के तीसरी बार पुलिस के सामने बयान बदलने से मामला पेचीदा हो गया है। पीडि़ता को दोबारा घटनास्थल ले जाया गया तो पीडि़ता वहां लाए जाने का अलग-अलग रास्ता बताती रही। एफआइआर दर्ज कराने से लेकर अब तक बार-बार बयान बदलने से पुलिस जांच उलझ गई है। आरोपियों का मेडिकल परीक्षण कराया गया है।

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मंगलवार सुबह करीब पांच बजे एसपी सिटी महिला पुलिस के साथ पीडि़ता को लेकर घटनास्थल पर पहुंचे, जहां पीडि़ता ने घटनास्थल तक पहुंचने के लिए पहले कोई और फिर दूसरा रास्ता बताया। पीडि़ता ने बताया कि खेत के इस रास्ते से यहां तक लाया गया था। जब पुलिस ने बताया कि यहां तक बाइक नहीं पहुंच सकती तो पीडि़ता ने बताया कि खेत से काफी दूर बाइक खड़ी करने के बाद मुख्य आरोपी उसे कंधे पर डालकर ले गया था। पीडि़ता ने यह भी कहा कि तीन आरोपियों के अलावा सात-आठ लोग घटना के दौरान बाहर खड़े होकर रखवाली कर रहे थे। लोगों की संख्या बढऩे से पुलिस हैरत में पड़ गई। पुलिस ने उसके पूरे बयानों की वीडियोग्राफी कराने के बाद दोबारा महिला अस्पताल पहुंचाया। एसपी सिटी अनिल कुमार यादव का कहना है कि पीडि़ता ने अब तक कई बार बयान बदले हैं, वह जो भी बयान दे रही है उसी के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। बार-बार बयान बदले जाने से पुलिस को जांच करने में दिक्कतें आ रही हैं। फिलहाल साक्ष्य और हालातों को देखते हुए निष्पक्ष कार्रवाई की जा रही है।

गौरतलब है कि 27 जून को सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराने वाली कक्षा नौ की छात्रा ने बताया था कि 23 जून को पड़ोस में रहने वाला एक किशोर उसको बहाने से बाइक पर बैठाकर नगला शर्की के जंगल में ले गया था। वहां पर पड़ोसी युवक शिवम ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मुकदमा दर्ज करने के अगले दिन पीडि़ता का मेडिकल परीक्षण कराया गया तो पीडि़ता के प्राइवेट पार्ट में बोतल का ढक्कन, माचिस का कवर, थैली, कपड़ा और लकड़ी का टुकड़ा निकला। हालांकि डाक्टरों ने यह दावा किया कि ये चीजें 23 जून से अंदर नहीं हो सकती है। उनका दावा है कि मेडिकल परीक्षण कराने से कुछ घंटे पहले ही ये वस्तुएं अंदर रखी गई हैं। मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि भी नहीं हुई है। मेडिकल परीक्षण में सनसनीखेज खुलासे के बाद पीडि़ता ने एक और आरोपी की शिनाख्त की थी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।


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