संविदा परिचालक की बहाली के लिए रिश्वत लेते एआरएम गिरफ्तार
इलेक्ट्रानिक मशीन में यांत्रिक गड़बड़ी के आरोप में हटाए गए संविदा परिचालक की बहाली हेतु पांच हजार रुपये की घूस मांगने वाले एआरएम अपने ही कार्यालय में सुविधा शुल्क लेते समय गोरखपुर से आई एंटी करप्शन टीम के हत्थे चढ़ गए।
लखनऊ। इलेक्ट्रानिक टिकट मशीन में यांत्रिक गड़बड़ी पैदा करने के आरोप में नौकरी से हटाए गए संविदा परिचालक को कार्य बहाली हेतु पांच हजार रुपये की घूस मांगने वाले एआरएम आज दिन में अपने ही कार्यालय में सुविधा शुल्क लेते समय गोरखपुर से आई एंटी करप्शन टीम के हत्थे चढ़ गए। इस कार्रवाई से रोडवेज विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। गोरखपुर से आई टीम गिरफ्तार एआरएम को अपने साथ लेकर रवाना हुई। इस मामले में आजमगढ़ कोतवाली में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत घूसखोर अधिकारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
जौनपुर जिले के चंदवक थानांतर्गत करनेहुआ ग्राम निवासी सत्यप्रकाश सिंह पुत्र रामधनी सिंह आजमगढ़ डिपो में संविदा परिचालक पद पर तैनात था। बीते 19 मई को वह वाराणसी से रोडवेज बस पर सवारी लाद कर आजमगढ़ आ रहा था। देवगांव कोतवाली क्षेत्र में हुई चेकिंग के दौरान विभाग के टीआई अवनि राय ने परिचालक के पास मौजूद टिकट मशीन को खराब देख उस पर इटीएम को जानबूझ कर खराब करने की रिपोर्ट विभाग के एआरएम बद्रीप्रसाद नारायण सिंह को दी। टिकट मशीन में खराबी पैदा करने के आरोप में परिचालक को नौकरी से हटा दिया गया। आरोप है कि कार्य बहाली के लिए एआरएम द्वारा निलंबित किए गए परिचालक से पांच हजार रुपये सुविधा शुल्क की मांग की गई। अधिकारियों की प्रताड़ना से आजिज संविदा परिचालक ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन गोरखपुर से की। इस संबंध में आरोपित किए गए अधिकारी को रंगे हाथ पकडऩे के लिए निरीक्षक सभाजीत त्रिपाठी के नेतृत्व में टीम गठित की गई। शुक्रवार को टीम जिले में पहुंची और इस संबंध में जिलाधिकारी सुहास एलवाई को अवगत कराते हुए उनसे सरकारी गवाह मांगा। डीएम के निर्देश पर टीम के साथ लोक निर्माण विभाग में तैनात लिपिक रजनीश सिंह व जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में स्टेनो पद पर तैनात धरमवीर सिंह को लगाया गया। इसके बाद टीम प्रभारी ने पीडि़त संविदा परिचालक को एक-एक हजार के पांच रसायनयुक्त नोट अधिकारी को देने के लिए मुहैया कराया। पूर्वाह्न करीब 11.30 बजे रणनीति के तहत टीम एआरएम कार्यालय के ईद-गिर्द घूमने लगी। पीडि़त परिचालक ने एआरएम से मिलकर उन्हें जैसे ही घूस की रकम थमाया वहां मौजूद टीम के सदस्यों ने अधिकारी को पकड़ लिया। उन्हें शहर कोतवाली लाया गया। यहां पुलिस और गवाहों की मौजूदगी में उनके हाथ सोडियम बाइकार्बोनेट से धुलवाया गया। हाथ लाल हो जाने पर अधिकारी की गिरफ्तारी घोषित कर दी गई। आरोपी एआरएम बीपीएन सिंह शहर कोतवाली क्षेत्र के ममरखापुर गांव के निवासी बताए गए हैं। इस कार्रवाई की जानकारी होने पर रोडवेज विभाग के तमाम अधिकारी शहर कोतवाली पहुंचे लेकिन हकीकत जानने के बाद सभी उल्टे पांव भाग चले। मामले की जानकारी पाकर शहर कोतवाली पहुंचे तमाम संविदाकर्मियों ने विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने का संकल्प लिया है।