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राजघराने में जंग: अपमान की लौ बनी प्रतिशोध की ज्वाला

लखनऊ। अमेठी राजघराने में विरासत की जंग में अपमान की लौ अब प्रतिशोध की ज्वाला बन चुकी है। अ

By Edited By: Published: Sun, 27 Jul 2014 08:56 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jul 2014 08:56 PM (IST)
राजघराने में जंग: अपमान की लौ बनी प्रतिशोध की ज्वाला

लखनऊ। अमेठी राजघराने में विरासत की जंग में अपमान की लौ अब प्रतिशोध की ज्वाला बन चुकी है। अवाम अपने युवराज के संग खड़ी है। पहले दिन शुक्रवार को जो भीड़ तमाशबीन थी, शनिवार को वह समर्थकों के हुजूम में तब्दील हुई दिखी। रविवार को वही कुंवर विक्रम सिंह की ताकत बनी। हालात की नब्ज को भांप पुलिस रविवार को लोगों को खुद भूपति भवन जाने का रास्ता देती दिखी।

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दरअसल पिछले कुछ समय से राजघराने से अमेठी के जुड़ाव में कमी देखी गई है। इसका असर 2012 के विधानसभा के चुनाव में दिखा। रिकार्ड मतों से जीत दर्ज करने वाली अमीता सिंह को पहली बार यहां शिकस्त खानी पड़ी। अनंत विक्रम सिंह परिवार के साथ भूपति भवन पहुंचे तो लोग धीरे-धीरे जुड़ते गए। रही-सही कसर भूपति भवन के केयरटेकरों ने पूरी कर दी। भूपति भवन में अनंत विक्रम और उनके परिवार का बसेरा है। सड़कों पर लोग उनकी सुरक्षा में दीवार बन कर खड़े हैं।

इधर, जिलाधिकारी जगतराज ने भूपति भवन के बाहर तैनात पुलिस फोर्स के बावत कहा कि यह सब कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए किया गया है। दोनों पक्षों ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। मामले की विवेचना के बाद जो सही होगा उसी के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।

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अब और नहीं सहेंगे अपमान : अनंत

डा.संजय सिंह के बेटे अनंत विक्रम सिंह ने कहा कि अब और अपमान नहीं सहेंगे। संजय सिंह मेरे पिता हैं, मैं उनका सम्मान करता हूं। कोई गलती की है तो मुझे सजा दे सकते हैं, लेकिन वह पिछले कुछ वर्षो से अमीता के बहकावे में हैं। उन्हें सामने आकर अपने परिवार व बेटे को अपनाना ही होगा। अनंत ने बताया कि महाराज ने अपने कु छ लोगों के जरिये तीन शर्ते भेजी हैं। पिता की पहली शर्त के मुताबिक उनसे खुले मंच पर माफी मांगना मंजूर है। दूसरी शर्त-अमीता की गाड़ी पर बैठकर जनता के बीच जायें, इस पर अनंत के कुछ बोलने के पहले जनता ने ही नकार दिया। तीसरी शर्त एक साल के लिए अमेठी छोड़ने पर अनंत ने कहा कि वह एक मिनट के लिए भी अमेठी नहीं छोड़ सकते।

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धमका कर कराया मां का विरोध

संजय सिंह की बेटियों महिमा और शैब्या ने आरोप लगाया है कि उनको धमका कर मा का विरोध कराया गया था। बताया कि उस समय अमीता आधी रात को राजभवन आ गई थीं। जिस दिन मा को अमेठी आना था, उसके एक दिन पहले अमीता ने उन्हें धमकाया था कि उनकी शादी नहीं होने देंगी। सुबह तुम दोनों ही अकेले गेट बंद करोगी, किसी को अंदर नहीं आने दोगी। ज्ञातव्य है कि 18 वर्ष पहले जब गरिमा भूपति भवन आई थीं तो उनकी दोनों बेटियों ने ही उन्हें महल में नहीं आने दिया था। भूपति भवन में अपने पूर्वजों के अपमान का आरोप लगाकर संजय सिंह के बेटे-बेटियां खूब रोये। कहा कि बारादरी में लगी सभी पूर्वजों की फोटो एक कमरे में फेंकवा दी गई। जनता को बांटने के लिए आए कंबल सड़ रहे हैं और ट्राई साइकिल व उपकरण भी बड़े पैमाने पर खराब पड़े हैं।


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