इलाहाबाद विश्वविद्यालय में तनातनी अभी बरकरार, पुलिस तैनात
इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन तथा विद्यार्थियों के बीच में तनातनी अभी बरकरार है। इसके कारण तीसरे दिन भी कैंपस में बड़ी संख्या में पुलिस तैनात है।
लखनऊ। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में इस सत्र में स्नातक छोड़ अन्य कोर्सों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन परीक्षा कराने के फैसले का विरोध आज भी जारी रहा। कुलपति के रवैये से खफा छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह व अन्य पदाधिकारी पूर्व घोषणा के अनुरूप इस दिन आमरण अनशन पर तो नहीं बैठे, अलबत्ता धरना जरूर दिया। साथ ही सुबह परिसर में जुलूस निकालकर नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान छात्रों की पुलिस से तीखी नोंकझोंक व हाथापाई भी हुई। छात्रों ने बुधवार से वीसी दफ्तर पर आमरण अनशन का एलान किया है।
इविवि में सोमवार को हुए विरोध को देखते हुए परिसर में मंगलवार को बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी तैनात किए गए थे। रैपिड एक्शन फोर्स के जवान भी लगाए गए थे। दोपहर में छात्र नारेबाजी करते हुए कुलपति प्रो. रतनलाल हांगलू को ज्ञापन देने उनके दफ्तर पहुंचे। कुलपति उस समय कार्य परिषद की बैठक में थे, इसलिए पुलिस ने छात्रों को उनके कार्यालय के नीचे रोक दिया। इस पर छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान उनकी पुलिस व चीफ प्रॉक्टर प्रो.एनके शुक्ल से नोकझोंक हुई। कुछ छात्रों ने पुलिस से हाथापायी भी की। फिर सारे छात्र कुलपति कार्यालय के नीचे ही धरने पर बैठ गए। अध्यक्ष ऋचा सिंह ने कहा कि कुलपति छात्रों से बात नहीं करके हठधार्मिता दिखा रहे हैं। इसे सहन नहीं किया जाएगा। छात्र उन्हें अपनी समस्या सुनाने जाते हैं तो लाठियों से पिटवाया जाता है। उन्होंने छात्रसंघ पदाधिकारियों द्वारा फर्जी बिल बाउचर लगाने के आरोप को भी निराधार कराया। छात्रसंघ उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह व महामंत्री सिद्धार्थ सिंह 'गोलू ' का कहना था कि वे अपनी मांग को हर हाल में पूरा कराकर रहेंगे। दोपहर तीन बजे छात्रों ने कुलपति से मिलने की बात कहते हुए फिर हंगामा शुरू कर दिया। शाम चार बजे कुलपति जब चले गए तो छात्रों ने छात्रसंघ भवन पर सभा की। देर शाम छात्रों ने जिलाधिकारी संजय कुमार से मिलकर अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा।