आजम ने आमिर के सुर में सुर मिला लिखा खत
भारत में असहिष्णुता बढऩे के अभिनेता आमिर खान के बयान पर मंत्री आजम खां ने सुर मिलाते हुए उन्हें खत लिखा है। मीडिया को भेजे गए इस खत की प्रतियों में आमिर खां को सुझाव दिया गया है
लखनऊ। भारत में असहिष्णुता बढऩे के अभिनेता आमिर खान के बयान पर मंत्री आजम खां ने सुर मिलाते हुए उन्हें खत लिखा है। मीडिया को भेजे गए इस खत की प्रतियों में आमिर खां को सुझाव दिया गया है कि वह 'अपनी सलाहियत (समझदारी) का अपने फन के साथ उन लोगों को तालीम देने में इस्तेमाल करें, जिन्हें अनपढ़, जाहिल व मजबूर बनाकर रखना हुक्काम-ए-वक्त (मौजूदा हुकूमत) का मंसूबा है।'
तीन पन्नों के खत में आजम खां ने आजादी की लड़ाई में मुसलमानों के योगदान और कुर्बानियों के साथ बंटवारे के समय भारत में रुकने का विस्तार से ब्यौरा लिखा है। कहा गया है कि महात्मा गांधी, पं.नेहरू, लौह पुरुष सरदार पटेल के विश्वास दिलाने पर ही दूसरी सबसे बड़ी आबादी ने हिंदुस्तान में रुकने का निर्णय किया। अब लाखों की भीड़ चीखती और दहाड़ती है मगर जालिम हुक्मरां तक उसकी आवाज नहीं पहुंचती। मगर जब आप (आमिर) बोलते हैं तो गूंज दूर तक जाती है। आजम ने लिखा है कि मेरी जिंदगी में भी ऐसे कई मौके आए मगर खुद को संभाला। लोगों का एतराज आमिर के इरादों को कमजोर न करें, इसकी दुआ दी गयी है। सुझाया गया है कि पत्नी कोई ऐसा फैसला लेने के लिए प्रेरित न करें, जिसका लोग गलत मतलब निकालें। आजम ने अपने पत्र में उर्दू अकादमी के चैयरमैन व अपने करीबी शायर का एक शेर भी लिखा है। हिंदी के मशहूर कवि की एक कविता भी लिखी है कि 'न तेरा है, न मेरा है यह हिंदुस्तान सबका है।'
आइपीएस अमिताभ नहीं देखेंगे आमिर की फिल्म
निलंबित आइपीएस अमिताभ ठाकुर ने ऐलान किया है कि वह अब अमिर खां की कोई फिल्म नहीं देखेंगे। भारत में असहिष्णुता बढऩे के आमिर के बयान के विरोध में उन्होने यह फैसला लिया है।