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सिक्का एक का, कीमत दो कौड़ी

जागरण संवाददाता, लखनऊ: चाय पीने के बाद राकेश ने जब दुकानदार को छह रुपये दिए तो उसने पांच का सिक्का त

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Sep 2017 09:40 PM (IST)Updated: Tue, 19 Sep 2017 11:09 PM (IST)
सिक्का एक का, कीमत दो कौड़ी
सिक्का एक का, कीमत दो कौड़ी

जागरण संवाददाता, लखनऊ: चाय पीने के बाद राकेश ने जब दुकानदार को छह रुपये दिए तो उसने पांच का सिक्का तो रख लिया, लेकिन एक रुपये का सिक्का लौटा दिया। उन्होंने कारण पूछा तो दुकानदार बोला, बाबू जी ये सिक्के बाजार में नहीं चल रहे। यह स्थिति चाय वाले के साथ ही नहीं बल्कि पान की दुकान, किराने की दुकान सहित ऑटो-टेंपो चालक भी एक रुपये का सिक्का लेने से इंकार कर रहे हैं। यहां तक की इन सिक्कों को खुद बैंक भी लेने में आनाकानी कर रहे हैं। इस कारण छोटे व्यापारी सबसे ज्यादा तनाव में हैं।

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संशय में फुटकर दुकानदार

एक रुपये के सिक्के को लेकर फुटकर दुकानदार संशय में हैं। सिक्के के चलन पर बाजार में अलग-अलग तरह की चर्चाएं हो रही। पान दुकानदार रामू ने कहा कि उसके पास पहले से करीब तीन सौ रुपये के सिक्के डंप हैं। किराना दुकानदार घनश्याम के साथ भी कुछ ऐसी ही समस्या दिखी। गल्ला खोलकर पहले से पड़े करीब पांच सौ सिक्के दिखाए।

डंप सिक्कों से आजिज आ चुके व्यापारी

सिक्कों को बैंक शाखाओं में स्वीकार न किए जाने से ब्रेड और गुटखा व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। बैंकों में सिक्के ने लिए जाने को लेकर व्यापारी वर्ग ने कई बार गोमती नगर स्थित आरबीआइ कार्यालय में अधिकारियों से समस्या बताई। फिर भी स्थिति जस की तस है।

डीएम से मिले व्यापारी

सिक्कों के बैंक शाखाओं में स्वीकार न किए जाने से नाराज व्यापारियों ने उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय गुप्ता के नेतृत्व में मंगलवार को जिलाधिकारी से मुलाकात की। संगठन के पदाधिकारियों ने सिक्का लेने से मना करने वाले बैंकों पर रासुका लगाने की मांग की। इस मौके पर विजय कुमार कनौजिया और मनमोहन अग्रवाल सहित कई व्यापारी मौजूद रहे।

बैंक अधिकारियों की दलील

बैंक अधिकारियों का कहना है कि सिक्के लेने की कोई मनाही नहीं है। स्टाफ की कमी के कारण बस गिनने की थोड़ी समस्या है। इसलिए ग्राहकों से यह अपील है कि वह सौ सौ के सिक्कों के पैकेट बनाकर उसमें नाम व मोबाइल नंबर लिखकर डाल दें। जिससे जरूरतमंद ग्राहक को आवश्यकतानुसार वही पैकेट सरलता से दे दिया जाए। साथ ही लाइन में खड़े अन्य ग्राहकों को परेशानी न उठानी पड़े। इससे बैंककर्मियों का सिक्के गिनने में समय भी व्यर्थ न हो।

आरबीआइ का कहना

एक रुपये के साथ ही सभी सिक्के पूरी तरह वैध हैं। यह सिक्के आकार में बड़े, छोटे, पतले मोटे सभी प्रकार के हैं। उनके चलन पर किसी तरह का प्रतिबंध, अफवाह फैलाना या लेने से इंकार करना गलत है। कोई भी बैंक कर्मी सिक्के लेने से इंकार नहीं कर सकता। व्यापारी (ग्राहक) बोरी भर कर बैंक में सिक्के बदलने से परहेज करें। थोड़े-थोड़े सिक्के लेकर जाएं। बैंककर्मियों की भी समस्या समझें। इंडियन क्वाइनेज एक्ट के तहत प्रतिदिन बैंक में सिक्कों की संख्या अथवा उनकी निधार्रित संख्या और वजन के अनुसार ही बैंक में सिक्के स्वीकार करने का प्रावधान है।

अल्पना किल्लावाला, प्रवक्ता, आरबीआइ


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