रनवे पर खतरा बनकर मंडरा रहे पक्षी
नाफरमानी निर्देशों क बाद भी नहीं बंद कराई गई मीट की दुकानें एयरक्राफ्ट रूल्स को लागू नहीं करा पा
नाफरमानी
निर्देशों क बाद भी नहीं बंद कराई गई मीट की दुकानें
एयरक्राफ्ट रूल्स को लागू नहीं करा पा रहा जिला प्रशासन
केस एक
बीती 25 मार्च को एयर अरबिया के विमान के पंखे से टकरा गया था पक्षी। विमान की करानी पड़ी थी आपात लैंडिंग।
केस दो
मंगलवार को भी चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर विमान के पंखे से पक्षी टकरा गया। गनीमत रही कि कोई हादसा नहीं हुआ।
जागरण संवाददाता, लखनऊ :
पिछले साल भी दिल्ली के लिए तैयार एक विमान के पंखे में पक्षी टकरा गया था। जिस कारण विमान को निरस्त करना पड़ा था। इसके बाद यात्रियों को दूसरे विमान से भेजा गया था। इन सबकी वजह चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के आसपास चल रही मीट की दुकानें बन रही हैं। एयरपोर्ट प्रशासन के कई बार पत्र लिखने और मंडलायुक्त के निर्देश के बावजूद इस क्षेत्र से न तो मीट की दुकानें हटाई गई और न दुकानों से निकलने वाले अवशेषों के सही निस्तारण की व्यवस्था की गई।
दरअसल एयरक्राफ्ट रूल्स के तहत एयरपोर्ट से 10 किलोमीटर के दायरे में मीट की कोई दुकान नहीं होनी चाहिए। मीट की दुकानों के न लगने के लिए कार्रवाई की जिम्मेदारी नगर निगम की होती है। लेकिन हकीकत यह है कि एयरपोर्ट से तीन किलोमीटर के दायरे में ही मीट की दर्जनों दुकानें चल रही हैं। कई मांसाहारी भोजन के रेस्त्रां भी खुले हुए हैं। जहां मीट के अवशेष और हड्डी कूड़े में फेंक दी जाती हैं। इन पर ही पक्षी मंडराते हैं और मांस के छोटे टुकड़े लेकर रनवे की तरफ आ जाते हैं। जो हवाई जहाजों के लिए मुसीबत बन रहे हैं।
एहतियातन एयरपोर्ट प्रशासन विमानों की लैंडिंग और उनकी रवानगी के समय पक्षियों को रनवे से भगाने के लिए पटाखे दागता है। पिछले साल पटाखे दगाते समय वहां झाड़ियों में आग लग गई थी। जिस कारण आठ विमानों की लैंडिंग प्रभावित हुई थी।
वर्जन
आसपास चल रही मांस की दुकानों को बंद कराने या फिर उनके यहां निकलने वाले अवशेषों को सुरक्षित दूर कहीं निस्तारित करने की मांग के लिए कई बार बैठक की गई। मंडलायुक्त ने भी नगर निगम को कई बार निर्देश दिए। लेकिन इस पर अंकुश नहीं लग सका है। ऐसे में पक्षियों को भगाने के लिए पटाखे दागे जाते हैं।
एसके नारायणन, विशेष कार्य अधिकारी, एयरपोर्ट